न्यूज़क्लिक ने प्रोफेसर कलबुर्गी की हत्या पर एआईपीएसएन के पूर्व अध्यक्ष डी. रघुनन्दन से बात की. रघुनंदन के अनुसार यह हत्या पानसरे और दाभोलकर की हत्या के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए की गई वारदात है जो लगातार वैज्ञानिक सोच को प्रचारित करने वाली आवाजों को निशाना बना रही. रघु ने बताया की प्रोफ़. कुलबर्गी विवेक के हक में लगातार संघर्षरत थे और उन्होंने रुढ़िवादी ताकतों के खिलाफ आवाज़ बुलंद की जो दक्षिणपंथी ताकतों को बेनकाब करती है और इसीलिए प्रोफ. कुलबर्गी अन्य लोगो की तरह संघ गिरोह के लिए नासूर बन गए. रघु के अनुसार यह वैज्ञानिक सोच को समाज के हर कोने तक पहुंचा के ही इस कट्टरपंथी और रुढ़िवादी रीतियों से लड़ा जा सकता है.
