NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती: वे पहले ही ज़रूरत से कम टैक्स देते थे 
बजट दस्तावेज़ों के अनुसार, भारत में बड़े पूँजीपतियों के व्यापार पर प्रभावी कर की दर 26.3 प्रतिशत थी, हालांकि वैधानिक दर 34.6 प्रतिशत है।
सुबोध वर्मा
22 Aug 2019
Translated by महेश कुमार
ministry of finance
प्रतीकात्मक तस्वीर Image Courtesy: HuffPost India

एक रपट के मुताबिक़ प्रस्ताव यह है कि कॉर्पोरेट करों को 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर देना चाहिए। ख़बरों के मुताबिक़, इस रपट को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के सदस्य अखिलेश रंजन की अध्यक्षता वाले पैनल ने वित्त मंत्री को सौंपा है। हालांकि, इस साल के शुरू में बजट दस्तावेज़ों में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए कॉर्पोरेट करों के आंकड़ों से पता चलता है कि कॉर्पोरेट जगत पहले से ही वैधानिक दरों के मुक़ाबले बहुत कम भुगतान कर रहे हैं। वास्तव में, सबसे बड़े कॉरपोरेट घराने, जिनका मुनाफ़ा वार्षिक 500 करोड़ से ज़्यादा है, केवल 26.3 प्रतिशत कर का भुगतान करते हैं, जबकि उनके लिए वैधानिक दर 34.61 प्रतिशत है। [नीचे चार्ट देखें]

graph.JPG

ये आंकड़े 2017-18 के हैं और बजट प्राप्ति की रिपोर्ट के एनेक्सचर 7 में शामिल हैं, जिन्हें इस साल जुलाई में नवनिर्वाचित मोदी सरकार ने प्रस्तुत किया था। यह 8,41,687 कॉर्पोरेट रिटर्न के विश्लेषण पर आधारित है जिन्हें 31 मार्च, 2019 तक वित्तीय वर्ष 2017-18 [मूल्यांकन वर्ष 2018-19] के लिए दाख़िल किया गया था। इन कंपनियों ने 4.48 लाख करोड़ रुपये की कॉर्पोरेट कर की देनदारी की सूचना दी है जिसमें अधिभार और शिक्षा उपकर भी शामिल है।

इन कंपनियों को इससे कितना लाभ हुआ? दस्तावेज़ के अनुसार, 3.91 लाख कंपनियों (जो सभी कंपनियों की 46.41 प्रतिशत है) ने मुनाफ़े के रूप में 15.18 लाख करोड़ रुपये और कर योग्य आय 11.24 लाख करोड़ रुपये को रिपोर्ट किया है। लेकिन 3.61 लाख कंपनियों (जो कुल कंपनियों का 43.11 प्रतिशत है) ने घाटे के रूप में 9.08 लाख करोड़ दिखाए और दूसरी तरफ़ 88,214 कंपनियों (जो 10.48 प्रतिशत हिस्सा है) ने शून्य लाभ की सूचना दी है। कई कंपनियां, जैसा कि कुछ ऑब्ज़र्वर संदेह करते हैं, करों से बचने के लिए किसी लाभ या नुकसान की रिपोर्ट नहीं करती हैं। लेकिन वह एक अलग कहानी है।

जब सरकार या टैक्स नौकरशाह वर्तमान कर की दर 30 प्रतिशत होने की बात करते हैं, तो उनका वास्तव में मतलब औसत वैधानिक कर दर होता है क्योंकि ये दरें उनकी आय के आकार के साथ बदलती रहती हैं। 1 करोड़ रुपये तक की आय वाली कंपनियों के लिए कर की दर 30.9 प्रतिशत है; 10 करोड़ रुपये तक की आय वाली कंपनियों के लिए यह 33.06 प्रतिशत है; और 10 करोड़ रुपये से अधिक आय वाले कंपनियों के लिए यह 34.61 प्रतिशत है। इसका औसत भार 34.40 प्रतिशत की औसत वैधानिक दर निकलता है।

जैसा कि ऊपर दिए गए चार्ट में देखा जा सकता है, कर की उच्चतम दरों का भुगतान मध्यम आकार के कॉर्पोरेट्स द्वारा किया जा रहा है जिनकी आय सीमा 10-50 करोड़ रुपये की है। जबकि छोटे और सबसे बड़े पूंजीपति सबसे कम कर देते हैं।

बड़े पूँजीपतियों का प्रोफ़ाइल 

केवल 373 कंपनियां हैं जिन्होंने 500 करोड़ रुपये के मुनाफ़े या उससे अधिक के लिए कर की सूचना दी। यदि, सारे के सारे मुनाफ़े को एक साथ रखा जाए तो औद्योगिक घरानों के इस कुलीन वर्ग की आय 2017-18 में 8.86 लाख करोड़ हुई है, जो सभी कॉर्पोरेट घरानों की आय का 46 प्रतिशत से अधिक बैठता है। उन्होंने निगम करों में 2.3 लाख करोड़ रुपये अदा किए जो सभी कॉर्पोरेटों द्वारा किए गए सभी करों के भुगतान का 52 प्रतिशत है। और फिर भी, उनके लिए सबसे कम प्रभाव वाली कर की दरें थीं। स्पष्ट रूप से सरकार के ज़हन में कर में रियायत करते हुए उन्हें ध्यान में रखा गया था और इन बड़े पूँजीपतियों ने इसका पूरा लाभ उठाया था।

कर की कम दरों वाले कुछ सेक्टर हैं: जिसमें हवाई परिवहन (20.28 प्रतिशत); लीज़ (आवासीय और गैर-आवासीय) भवनों की ख़रीद और बिक्री पर (22.96 प्रतिशत); संग्रह, शुद्धि और पानी के वितरण पर (17.36 प्रतिशत); बिजली का उत्पादन, संग्रह और वितरण (20.95 प्रतिशत); सीमेंट, चूने और प्लास्टर के निर्माण पर  (22.30 प्रतिशत); फ़ार्मास्यूटिकल्स, औषधीय रसायन और वनस्पति उत्पादों के निर्माण पर (25.35 प्रतिशत); परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों के निर्माण पर (21.61 प्रतिशत); और कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की निकासी पर (20.36 प्रतिशत)।

खुले रूप से, यह सूची ऐसी लग रही है जैसे कि कर रियायतें लोक कल्याण उन्मुख क्षेत्रों को दी जाती हैं। लेकिन, तथ्य यह है कि इनमें से अधिकांश क्षेत्र में आज निजी क्षेत्र के महत्वपूर्ण शेयर हैं। दूसरे शब्दों में, इन गतिविधियों में शामिल कॉर्पोरेट्स (जैसे कि, रिलायंस, पतंजलि, बिसलेरी और नेस्ले, सभी रियल एस्टेट टाइकून, जेट एयरवेज़ आदि) प्रभावी रूप से बहुत कम कर का भुगतान कर रहे हैं। और, विडंबना यह है कि इनमें से कई सेक्टर ऐसे हैं जो सभी रियायतों के बावजूद डूब रहे हैं!

उन्हें इतनी छूट कैसे मिल जाती है?

यह सब क़ानूनी और बोर्ड से ऊपर की बात है। सरकार ख़ुद कॉरपोरेट घरानों को रियायतें देती है। ये कर व्यवस्था की कमियां हैं, जिन्हें अक्सर क़ानून में शामिल किया जाता है और कुछ प्रकार के उद्योगों को प्रोत्साहित करने के नाम पर उन्हें ज़रूरी रियायतें दे दी जाती हैं। इन रियायतों से संचित लाभ वैधानिक और प्रभावी (या वास्तविक) कर दरों के बीच के अंतर को बताता है।

दस्तावेज़, वास्तव में, कॉरपोरेट घरानों को कितनी रियायतें दी गई हैं, इसकी एक तस्वीर पेश करता है। यह  चौंका देने वाला आंकड़ा है - वर्ष 2017-18 में 1.09 लाख करोड़ रुपये से ऊपर की रियायत दी गई है। यह पिछले वर्ष के 93.6 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक है।

प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में "धन सृजनकर्ताओं" (पढ़ें कॉरपोरेट्स तबक़ा) के बारे में बात करते हुए कहा कि वे सम्मान के पात्र हैं और उन्हें किसी प्रकार के संदेह की दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि "यदि धन का सृजन नहीं किया जाता है, तो इसे वितरित नहीं किया जा सकता है तो देश में ग़रीबों को लाभ नहीं मिलेगा"। कॉर्पोरेट करों को कम करने का नवीनतम सुझाव इस सोच के अनुरूप ही है। लेकिन इन अभिजात वर्ग के कॉरपोरेट्स ने पहले से ही तय रियायतों को हासिल कर लिया है, इससे ऐसा तो नहीं लगता कि लोगों के लिए इससे कुछ भी अच्छा निकलेगा।

tax concessions
Corporate Tax Concessions
corporate tax
Big Business
Central Board of Direct Taxes
Narendra modi
Modi government
Corporate Tax Reduction under Modi Government
PM Speech
Wealth Creators

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License