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भारत
राजनीति
क्या आधार ना होने की वजह से राशन तक नहीं मिलेगा ?
सवाल ये उठता है कि इतनी खराब स्थिति  होने के बावजूद  सरकार आम लोगों को आधार न होने के नाम पर अपने हक़ से कैसे वंचित रख सकती है ? 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Nov 2017
aadhar card

आधार कार्ड न होने की वजह से देश में एक और मौत हो गयी है। ये दर्दनाक घटना उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई I भूख की वजह से वहाँ एक 50 साल की महिला, शकीना अशरफ की मौत हो गई । शकीना की मौत इस वजह से हुई क्योंकि उनका राशन कार्ड आधार कार्ड से लिंक्ड नहीं था।  शकीना के पति इशाक का कहना है कि शकीना बहुत ज़्यादा बीमार थीं इसीलिए वह राशन की दुकान तक नहीं जा सकीं। अशरफ ने दुकानदार से राशन देने के लिए बहुत मिन्नतें कीं पर दुकानदार ने उनकी एक ना सुनी । दुकानदार का कहना था कि वह बायोमेट्रिक के बिना कुछ नहीं देगा। अशरफ ने आगे कहा कि शकीना 5  दिन से भूखी थीं और इसी वजह से उनकी मौत हुई है । 

यूपी सरकार का कहना है कि शकीना की मौत भूख ने नहीं बल्कि बीमारी से हुई है , इसके बावजूद सरकार ने इस  मामले में जाँच का आदेश दे दिए हैं। ज़िला   प्रशासन की यह दलील इस बात पर निर्भर है कि शकीना के बैंक  खाते  में 4000  रुपये मौजूद  थे।  साथ ही उनका कहना है  कि सरकार  का ऐसा कोई नियम   नहीं है कि आधार कार्ड  ना  होने  की वजह से  किसी को राशन ना दिया जाए। प्रशासन ने आगे कहा है कि अगर किसी शख्स के पास अंत्योदय  कार्ड है और किसी वजह से वह खुद राशन लेने नहीं जा पाता  ,तो उस परिस्थिति में भी राशन देने से  इनकार नहीं किया जा सकता। 

इससे पहले 28 सितम्बर को भी झारखण्ड में एक 11 साल की लड़की  की इसी तरह भूख से मौत हुई थी ।  झारखण्ड के सिमडेंगा ज़िले की संतोषी कुमारी की
भी इसीलिए मृत्यु  हुई, क्योंकि उनके  घर वाले अपने राशन कार्ड को आधार से लिंक नहीं करा पाए थे।  संतोषी 8 दिनों से भूखी थी क्यूँकि  उनके स्कूल की छुट्टियाँ चल रही थी और इसीलिए उन्हें मिड डे मील तक नहीं मिल रहा था।  इसके अलावा राशन कार्ड का आधार से लिंक न होने की वजह से उनके परिवार को 6  महींने से राशन नहीं मिल रहा था । 
 
संतोषी और शकीना से पहले भी इसी साल कर्णाटक में  तीन और लोगों की आधार न होने की वजह से भुखमरी से मौत हुई । ये सभी घटनाएं  सरकार के फरवरी में दिए गए आदेश के बाद हुई  हैं ।  इस आदेश ने सरकार द्वारा दिए जाने वाले  राशन  के लिए भी आधार कार्ड को अनिवार्य बनाया गया है।  
 
ग़रीब परिवारों से आने की वजह से  इन परिवारों के पास नेशनल फूड़ एक्ट के अंतर्गत सस्ता राशन पाने का हक़ है।  साथ ही 2013 की  सुप्रीम कोर्ट की गाइड  लाइन्स  के अनुसार  किसी भी गरीब  परिवार को आधार  कार्ड ना  होने की वजह से  जन कल्याण नीतियों  से वंचित नहीं रखा जा सकता। 

इसके साथ ही देश के बहुत से  पिछड़े  इलाकों में इंटरनेट की सुविधा ना होने की वजह से भी आधार को राशन  कार्ड से लिंक नहीं किया जा पाता। इन बातों के अलावा इस  देश में  भुखमरी आज भी एक बड़ी  समस्या  है।  इस  साल की  "ग्लोबल हंगर इंडेक्स " की रिपोर्ट के अनुसार 119  देशों की सूची में भारत 100 वें  स्थान  पर  है । .इस सूची में भारत की स्थिति लगातार ख़राब होती जा रही है , 2014 में भारत  55 वें स्थान पर था  , 2015 में 80वें , 2016 में 97वें और इस साल 100वें।  हैरानी की बात ये है कि बांग्लादेश , नेपाल और श्रीलंका की स्थिति भी कुपोषण से निपटने के मामले भारत से बेहतर है । सवाल ये उठता है कि इतनी खराब स्थिति  होने के बावजूद  सरकार आम लोगों को आधार न होने के नाम पर अपने हक़ से कैसे वंचित रख सकती है ? 

Aadhar card
Utter pradesh
yogi sarkar
bhukhmari

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