NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
क्या आप जानते हैं टिटौली गांव में क्या हुआ?
हरियाणा के रोहतक ज़िले का टिटौली गांव। क्या आप जानते हैं कि टिटौली गांव में क्या हुआ? वहां मुसलमान क्यों डरे हुए हैं? नहीं...! न्यूज़क्लिक ने इस पूरे मामले की पड़ताल की।

न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Sep 2018
टिटौली गांव, रोहतक

न्यूज़क्लिक की टीम रोहतक जिले के टिटौली गांव गई यह जानने के लिए कि 22 अगस्त बकरीद के दिन ऐसा क्या हुआ

कि यहां सबकुछ बदल गया। हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा बिखर गया। तनाव कायम हो गया।

क्या हुआ कि जाट बाहुल्य इस गावं में एक तुग़लकी फरमान जारी हो गया?  

फरमान कि धोबी समाज के लोग जो कि मुस्लिम हैं अब यहां ‘दोयम दर्जे’ के नागरिक होंगे!

मुस्लिम धोबी समाज इस गांव में आज़ादी के पहले से रह रहा है। उसके लिए फरमान है कि अब उसके मर्द दाढ़ी नहीं रखेंगे... बच्चों के नाम जैसे अभी हिन्दू नाम पर हैं वैसे आगे भी रखने पड़ेंगे, कोई अरबी या मुस्लिम जैसे नाम नहीं होंगे।

पहले ये मुसलमानों की मर्जी पर था, और वे हिन्दू नाम रखते भी थे, लेकिन अब ये शर्त है, और धमकी भी, अगर इस गांव में रहना है तो...

अब गांव में कहीं भी नमाज़ नहीं पढ़ी जा सकेगी। न ही बाहर से मुस्लिम आकर धर्म-मजहब की बात कर सकता है।

 

यामीन जिस पर आरोप है कि उसके मारने से गाय की बछिया मर गई अब वो तामउम्र गांव नहीं आएगा। हिंदू बच्चों को भी चोटी रखने की चेतावनी दी गई है।

 

आखिर हुआ क्या?

हुआ यही कि यामीन पर गौहत्या का आरोप आ गया। दरअसल बकरीद के दिन उसकी बच्ची को एक गाय की बछिया ने मार दिया था। बताया जाता है कि गुस्से में यामीन ने भी बछिया को लाठी मार दी जिससे बछिया मर गई।

और बस यही गुनाह हो गया...गुनाहे अज़ीम...पूरे गांव और आसपास में अफवाह फैल गई कि गाय की कुर्बानी हो गई...

गौरक्षा के नाम पर बाहर से लोग गांव आ गए...फिर तो जो हुआ...वो भयानक था...पूरा लिंचिंग का माहौल था...बाहर से आए लोगों ने हिन्दुत्व और गाय के नाम पर गांव वालों को तरह-तरह से भड़काया और फिर जारी हुआ तुगलकी फरमान...। 

इस घटना को हुए एक महीने से ज़्यादा समय हो गया है। गौहत्या के आरोप में यामीन जेल में है, लेकिन ख़ौफ़ का माहौल अब भी मुस्लिम समाज में बरकरार है। इस मुद्दे को लेकर मुस्लिम समाज से कोई बात करने को तैयार नहीं है, उनको मीडिया से मिलने भी नहीं दिया जा रहा है। 

न्यूज़क्लिक के लगातार प्रयासों के बावजूद उन्हें नहीं मिलने दिया गया, गावं के सरपंच सुरेश ने अलबत्ता धमकी देते हुए कहा की दिल्ली चले जाओ वरना दूसरा तरीक़ा भी है।

22 अगस्त के बाद से गांव में मुस्लिम समाज ने नमाज़ नहीं अदा की है, जो लोग गांव के बाहर हैं उन्हें दाढ़ी कटा के आना पड़ा। इस घटना के बाद कोई मुस्लिम टोपी नहीं लगा रहा है। इसके उलट उस समय जिन लोगों ने तोड़फोड़ की थी उनके ऊपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 

गांव के सरपंच सुरेश न्यूज़क्लिक को मुसलमानों से बात नहीं करने देते, अलबत्ता खुद इंटरव्यू देते हैं। न्यूज़क्लिक को दिए इंटरव्यू में सरपंच सुरेश अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर देते हैं। वे नहीं मानते कि गांव में किसी भी पंचायत ने मुस्लिम समाज के खिलाफ किसी भी तरीके का कोई फैसला दिया है।

उधर, हरियाणा की सीआईडी टीम ने ये माना है कि ये फैसला लिया गया है। लेकिन पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन भी इस सबको छिपाने की कोशिश कर रहा है।

अब सवाल उठता है कि अगर ऐसा कुछ नहीं है जैसा सरपंच और पुलिस-प्रशासन बता रहा तो फिर गांव के मुस्लिम समाज में खौफ क्यों है? क्यों उनसे हमें बात नहीं करने दी गई।

जब मुसलमानों का उत्पीड़न अपने चरम पर हो और गाय के नाम पर लिंचिंग आम हो तो आखिर कोई कैसे मान ले कि सब ठीक है।

ठीक सरकार के लिए है, पुलिस-प्रशासन के लिए है, लेकिन जनता के लिए...जनता के लिए फिलहाल कुछ ठीक नहीं।

अगर सबकुछ ठीक है तो फिर हरियाणा सीआईडी की रिपोर्ट क्या कहती है...। सूत्र बताते हैं कि सीआईडी ने शासन को लिखा है :-

“श्रीमान जी आज दिनांक 18 सितंबर 2018 को गांव टिटौली के सरकारी स्कूल में करणसिंह पुत्र जालूराम जाट पाना 12 की प्रधानता में समय 3:45PM से 5:25PM तक 22 अगस्त 2018 को ईद के दिन यामीन धोबी समाज (मुसलमान) वासी टिटौली द्वारा बछिया मारने के विषय में एक पंचायत हुई। इस पंचायत में सर्वश्री सुरेश उर्फ शेषा सरपंच, जयवीर कुंडू, हवासिंह पुत्र सिवधन, चन्द्र पुत्र जयसिंह, चन्द्र पुत्र करतार सिंह, प्रकाश पुत्र रणसिंह, राजू पुत्र जिलेसिंह, सदानंद पंडित, उमेद पुत्र बुजन, रोहताश पुत्र भाना रहे। इस पंचायत में 500/550 व्यक्तियों की हाजिरी रही और काफी देर तक पंचायत में लोगों ने अपने अपने मत पंचायत के सामने प्रस्तुत किए। वाद विवाद भी होता रहा। जो बाद में प्रत्येक ठोला से एक-एक सदस्य लेकर कमेटी बनाकर फैसला तैयार किया।

 जो फैसले इस प्रकार हैं:- 

1. जो कब्रिस्तान गांव के अंदर है। वह जब तक धान की कटाई नहीं होती तब तक यहां रहेगा बाद में वह कब्रिस्तान पंचायत में चला जाएगा तथा पंचायत अलग से कब्रिस्तान के लिए पंचायती जमीन में जगह देगी।

2. गांव में धोबी समाज (मुसलमान) में अगर कोई बच्चा पैदा होता है तो उसका नाम जो पांच पीढ़ियों से हिंदू समाज के जैसे रखे जा रहे थे वैसे ही रखे जाएंगे। 

3. यामीन पुत्र जयपान जाति धोबी (मुस्लिम) वासी टिटौली जिसने बछिया को मारा है वो गांव में पूरी उम्र नहीं आएगा। 

4. जो गांव में नमाज पढ़ते हैं और जो पढ़ाने आते हैं मौलवी वगैरह। न तो ऐसा कोई बाहर से मौलवी आएगा और न ही कोई नमाज पढ़ेगा।

5. गांव के मामन जो धोबी मुसलमान समाज से है वह अपनी दाढ़ी कटवा पर ही गांव में रह सकता है, क्योंकि पिछले दिनों उसके भाई का देहांत हो गया था और उसके बच्चों को संभालने के लिए आ सकता है। अन्य कोई मुसलमान समाज का व्यक्ति मुसलमानों की तरह दाढ़ी नहीं रखेगा। तथा हिंदू बच्चों को भी चोटी रखने की चेतावनी दी गई है।

फैसला सुनने के उपरांत धोबी समाज ने खुशी जाहिर करते हुए गांव व पंचायत का हाथ जोड़कर आभार व्यक्त किया। इस दौरान जयवीर पुत्र रत्न जाति धोबी वासी टिटौली ने फैसले से खुश होकर गोशाला के नाम 11000 हजार रुपये नकद दिए।

गांव में फिलहाल पूर्णतया शांति का माहौल है।”

ये है वो रिपोर्ट, जो शासन को भेजी गई बताई जा रही है। इस रिपोर्ट की अंतिम लाइनें बेहद दिलचस्प है कि- “फैसला सुनने के उपरांत धोबी समाज ने खुशी जाहिर करते हुए गांव व पंचायत का हाथ जोड़कर आभार व्यक्त किया। ...गोशाला के नाम 11000 हजार रुपये नकद दिए ...और गांव में फिलहाल पूर्णतया शांति का माहौल है।”

इन लाइनों या पंक्तियों को बार-बार पढ़ा जाना चाहिए, क्योंकि यही लाइनें बता रही हैं कि वास्तव में हालात क्या हैं। डर किस कदर है कि अपने खिलाफ फैसला होने के बाद भी हाथ जोड़कर आभार व्यक्त किया जा रहा है।

और पूरी हकीकत समझने के लिए ये एक्सक्लूसिव वीडियो देखिए-

 

TITOLI
ROHTAK
Haryana
Muslim
FEAR
Lynching

Related Stories

विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

जहांगीरपुरी: दोनों समुदायों ने निकाली तिरंगा यात्रा, दिया शांति और सौहार्द का संदेश!

जब जहांगीरपुरी में बुलडोज़र के सामने खड़ी हो गईं बृंदा करात...

मुसलमानों के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा पर अखिलेश व मायावती क्यों चुप हैं?

मेरे मुसलमान होने की पीड़ा...!

रोहतक : मारुति सुज़ुकी के केंद्र में लगी आग, दो कर्मियों की मौत

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ मामले पर विधानसभा में पेश किया प्रस्ताव

विभाजनकारी चंडीगढ़ मुद्दे का सच और केंद्र की विनाशकारी मंशा

हड़ताल के कारण हरियाणा में सार्वजनिक बस सेवा ठप, पंजाब में बैंक सेवाएं प्रभावित


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License