NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
नज़रिया
सोशल मीडिया
भारत
राजनीति
क्या देश को ऐसे चौकीदारों की ज़रूरत है?
“चौकीदार चोर है” नारे ने मोदी जी को इतना परेशान किया कि उन्हें इसके जवाब में “मैं भी चौकीदार हूँ” गाना बनाना पड़ा। लेकिन ये भी मज़ाक़ और आलोचना का शिकार बन गया। कहने वाले कहने लगे कि अपनी ‘चोरी’ छिपाने के लिए मोदी जी ने सबको चोरी में शामिल कर लिया।
सत्यम् तिवारी
18 Mar 2019
क्या देश को ऐसे चौकीदारों की ज़रूरत है?

2014 में बीजेपी पहली बार सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सत्ता के केंद्र में आई थी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि बीजेपी ने अपना प्रचार-प्रसार करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। सोशल मीडिया का जितना अच्छा इस्तेमाल बीजेपी ने अपने प्रचार के लिए किया है, वैसा किसी कॉर्पोरेट कंपनी ने भी आज तक नहीं किया। इस प्रचार के लिए जनता का कितना पैसा लगाया (पढ़ें- बर्बाद किया) गया है, वो बहस दूसरी ही है। 2014 के चुनाव से पहले जिस तरह से मोदीजी ने ख़ुद को 'चायवाला' बता कर चुनावों में बीजेपी का फ़ायदा करवाया था, वो सबने देखा ही था। इस दफ़ा बीजेपी और मोदीजी जनता के लिए एक नया बज़ूका लेकर आए हैं। वो बज़ूका निकला है राहुल गांधी द्वारा दिये गए एक जुमले से। जब मोदीजी ने अपने भाषणों में ख़ुद को देश का 'चौकीदार' कहना शुरू किया था, उसके बाद राहुल गांधी ने बीजेपी के राज में हुए भ्रष्टाचार का हवाला देते हुए कहा कि 'चौकीदार चोर है' देश कि राजनीति जुमलों का खेल बन गई है, सो ये जुमला भी चल निकला। लोगों ने तमाम भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर कहना शुरू कर दिया कि 'चौकीदार ही चोर है'।  

अब जब 2019 के लोकसभा चुनावों की घोषणा हो गई है और पहले दौर के मतदान में एक महीने से भी कम समय बाक़ी है, तो बीजेपी ने अपने प्रचार के लिए एक वीडियो बनाया है। इस प्रचार गीत में देश के तमाम लोग कह रहे हैं कि "मैं भी चौकीदार हूँ"। वीडियो के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह सहित बीजेपी के तमाम मंत्री-मुख्यमंत्रियों ने अपने नाम के आगे चौकीदार लगा लिया है। बीजेपी के आईटी सेल, जो कि बहुचर्चित है, ने इसे आगे बढ़ाने में कोई देरी नहीं की, और देखते ही देखते हज़ारों-लाखों आम लोगों ने अपने नाम के आगे चौकीदार लगा लिया है। 

chowkidar-modi-shah.jpg

मोदीजी ने एक बार ट्वीट कर के कहा था कि वो चाहते हैं कि इस सरकार कि आलोचना हो। आलोचना से लोकतंत्र मज़बूत होता है। मोदीजी ने भले ही इसे सिर्फ़ एक और जुमले की तरह लिख दिया हो, लेकिन सोशल मीडिया के एक बड़े तबके ने इसे काफ़ी संजीदगी से स्वीकार किया है। 'मैं भी चौकीदार हूँ' के कैम्पेन का सोशल मीडिया पर खुल कर मज़ाक़ बनाया गया है। 

जिन बीजेपी नेताओं ने ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार लिखा है, उनमें पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल हैं, जिनसे लोगों ने उनके बेटे जय शाह (जिनपे भ्रष्टाचार के आरोप हैं) पर सवाल करते हुए पूछा है कि "चौकीदार का बेटा कहाँ है?" 

5 years report card of #chowkidar @narendramodi and his chowkidar party @BJP4India. The pic says it all about their chowkidari. pic.twitter.com/RFLvFVDpyD

— #ChowkidarHiChorHai (Chandraprakash Tripathi) (@satyam7487) March 17, 2019

इसके अलावा ख़ुद को चौकीदार कहने वाले कई नेता तो वो हैं जिनका नाम उन भ्रष्टाचारियों कि लिस्ट में शामिल है जो रघुराम राजन ने प्रधानमंत्री को भेजी थी, हालांकि उस लिस्ट पर कार्रवाई क्या हुई इसे गुप्त रखा गया है। 

सोशल मीडिया पर लोग चुटकी लेते हुए ये भी लिख रहे हैं कि जब रफ़ाल कि फाइल चोरी हुई, तब सारे चौकीदार कहाँ थे! इसके अलावा पिछले दिनों संत कबीर नगर के सांसद शरद त्रिपाठी ने भी अपने नाम के चौकीदार लिखा है, जो अपने आप में एक हास्यास्पद बात है। इन सांसद महोदय ने अपनी ही पार्टी के विधायक के ऊपर जमकर जूता चलाया था। हालांकि इन्हीं सांसद महोदय को मोदी जी भी विनम्रता की मिसाल कह चुके हैं।

We don't need such Chowkidars.. pic.twitter.com/ityFryqTrs

— Deepika Singh Rajawat (@DeepikaSRajawat) March 18, 2019

मैं भी चौकीदार अंततः सिर्फ़ वोट पाने के लिए बनाया गया नारा है जिसमें बीजेपी के बाक़ी नारों की तरह ज़रा सी भी हक़ीक़त नहीं है। इसके साथ ही 'मैं भी चौकीदार' गाने का जो वीडियो है, उसमें बीजेपी ने अपने प्रचार के लिए जवानों का इस्तेमाल किया है, और एक जगह ख़ुद मोदी सेना के टैंक में बैठे हैं और वी (विक्टरी) का निशान दिखा रहे हैं। ये एक चुनावी गीत है जिसमें "नमो अगेन" के नारे के साथ पार्टी का चुनाव चिह्न भी दिखाया गया है। सेना का इस तरह चुनाव में इस्तेमाल करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। इसे लेकर चुनाव आयोग पहले भी निर्देश दे चुका है।  

इन तमाम नेताओं के अलावा जिस एक नेता के नाम से सबको दिक़्क़त होनी चाहिए वो है एम.जे. अक़बर का नाम। एम.जे. अक़बर जिनका नाम दसियों महिला पत्रकारों ने मीटू कैम्पेन के वक़्त लिया था, कि उन्होंने उन महिलाओं का शोषण किया है। एम.जे. अक़बर का अपने नाम के आगे चौकीदार लिखना एक भद्दा मज़ाक़ ही है।

राजनीतिक पार्टियों के लिए प्रचार एक ज़रूरी साधन है, ये सब जानते हैं। इसमें भी कोई दोराय नहीं है कि आज सोशल मीडिया चुनावों के परिणाम में एक अहम किरदार अदा करता है। लेकिन ये सोचना भी ज़रूरी है कि 'मैं भी चौकीदार' कैम्पेन के तहत किस तरह के संदेश जनता तक पहुंचाए जा रहे हैं। मज़ाक़ की बात अलग है, लेकिन अपने नाम के आगे चौकीदार लिखने वाले नेताओं में जब 70% से ज़्यादा नेता भ्रष्टाचार में शामिल हैं, या भ्रष्टाचार पर चुप्पी साधे बैठे हैं, ऐसे में ये भी एक सवाल खड़ा होता है कि क्या देश को ऐसे चौकीदारों की ज़रूरत है?

main bhi chowkidar hun campaign
Narendra modi
chowkidar chor hai
BJP
twitter
twitter trends
elections 2019
Lok Sabha Elections 2019
MODEL CODE OF CONDUCT
Social Media

Related Stories

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक

ख़बरों के आगे-पीछे: केजरीवाल के ‘गुजरात प्लान’ से लेकर रिजर्व बैंक तक

यूपी में संघ-भाजपा की बदलती रणनीति : लोकतांत्रिक ताकतों की बढ़ती चुनौती

बात बोलेगी: मुंह को लगा नफ़रत का ख़ून

इस आग को किसी भी तरह बुझाना ही होगा - क्योंकि, यह सब की बात है दो चार दस की बात नहीं

ख़बरों के आगे-पीछे: क्या अब दोबारा आ गया है LIC बेचने का वक्त?

ख़बरों के आगे-पीछे: भाजपा में नंबर दो की लड़ाई से लेकर दिल्ली के सरकारी बंगलों की राजनीति

बहस: क्यों यादवों को मुसलमानों के पक्ष में डटा रहना चाहिए!

ख़बरों के आगे-पीछे: गुजरात में मोदी के चुनावी प्रचार से लेकर यूपी में मायावती-भाजपा की दोस्ती पर..


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License