खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने विकास दुबे के एनकाउंटर पर जश्न को लोकतंत्र के लिए घातक बताया। विकास दुबे के एनकाउंटर से उसके हत्यारे बनने, अपराध करने और उसे मिले राजनीतिक संरक्षण की सारी कहानी ही दफ़न हो गई। ये सारी प्रक्रिया को धता बताकर तुरत-फुरत न्याय की कबिलाई-तालिबानी सोच का परिचायक है, जो किसी भी सभ्य समाज के लिए ख़तरा है।