NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
गुजरात : कडी शहर में मज़दूरों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की क्या है हालत?
मज़दूरों के यह बयानात गुजरात के कडी शहर में औद्योगिक क्षेत्र के कर्मचारियों के हालात पर हुए एक पैनल डिस्कशन का हिस्सा हैं, जिसका आयोजन Rosa Luxumburg Stifung के साथ मिल कर प्रयास ने किया था।
न्यूज़क्लिक टीम
08 Feb 2020

मज़दूरों के यह बयानात गुजरात के कडी शहर में औद्योगिक क्षेत्र के कर्मचारियों के हालात पर हुए एक पैनल डिस्कशन का हिस्सा हैं, जिसका आयोजन Rosa Luxumburg Stifung के साथ मिल कर प्रयास ने किया था।

इस एपिसोड में मज़दूर बात कर रहे हैं कडी शहर क्षेत्र में यूनियन बना कर इकट्ठा होने की ज़रूरत क्यों है। गुजरात की कृषि आधारित इंडस्ट्रीज़ में कॉटन जिनिंग और उसके अंतर्गत आने वाले ऑयल कृशिंग सोलवेंट प्लांट की संख्या मुख्यतः ज़्यादा है। बल्कि देश भर में ऐसी सबसे ज़्यादा कंपनियाँ गुजरात में ही हैं।

कर्मचारियों के अहम मुद्दों में ज़रूरत से ज़्यादा काम, काम करने की असुरक्षित स्थिति, ग़ैर-आधिकारिक मस्टर रोल, काम की जगहों पर गंदगी और किसी भी तरह का कोई भत्ता या लाभ ना मिलना भी शामिल है।

Gujarat
labourers
Kadi Town
workers safety
Workers Health
workers right
Overworked labour force
unsafe working conditions

Related Stories

गुजरात के एक जिले में गन्ना मज़दूर कर्ज़ के भंवर में बुरी तरह फंसे

बसों में जानवरों की तरह ठुस कर जोखिम भरा लंबा सफ़र करने को मजबूर बिहार के मज़दूर?

दर्दनाक: औद्योगिक हादसों में एक ही दिन में कम से कम 11 मज़दूरों ने गंवाई जान, कई घायल

किसान आंदोलन:  महाराष्ट्र के किसान शाहजहांपुर बॉर्डर पर डटे, दिल्ली-जयपुर नेशनल हाइवे बंद

कोविड-19 लॉकडाउन : गुजरात में प्रवासी मज़दूरों पर दर्ज मामले ‘मानव अधिकारों का उल्लंघन हैं’

मज़दूरों की मौत पर जनता का राष्ट्रीय शोक, जीवन व आजीविका के लिए सरकार से जवाबदेही की मांग

ढाई दशक में सबसे बड़ा है टिड्डियों का हमला, किसानों को भारी नुकसान

ग्रामीण भारत में करोना-28: किसान अपनी फ़सल जानवरों को खिलाने पर मजबूर

हिमाचल प्रदेश : कोरोना की मार झेल रहे मजदूरों पर मालिकों का शोषण जारी !

‘गुरुग्राम के वाहन कारखानों में हर साल दुर्घटना का शिकार होते हैं हजारों श्रमिक’


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License