स्पेशल रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने दूसरे विश्व युद्ध में अंग्रेजों की तरफ से लड़े, शहीद हुए लाहौरी राम को युद्ध शहीद का दर्जा दिलाने के लिए वर्षों से सरकारी दफ्तरों की ठोकरें खा रहे गंगाराम की व्यथा को सामने रखा है। सारे कागजात होने के बावजूद एक आम भारतीय नागरिक और खास तौर से वाल्मिकी समाज के व्यक्ति के लिए कितना मुश्किल है परिवार को अपना हक और सम्मान दिलाना। जाति है कारण क्या इस उपेक्षा की।