NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
महाराष्ट्र चुनाव: बाढ़ पीड़ितों को दिए जाएंगे डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र
कोल्हापुर और सांगली जिला प्रशासन ने करीब 5.5 लाख लोगों को डुप्लीकेट मतदाता फोटो पहचान पत्र देने का फैसला किया है।
भाषा
23 Sep 2019
dublicate voter id card
फोटो साभार:नवभारत

पुणे: महाराष्ट्र में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कोल्हापुर और सांगली जिला प्रशासन ने करीब 5.5 लाख लोगों को डुप्लीकेट मतदाता फोटो पहचान पत्र देने का फैसला किया है। पिछले महीने बाढ़ के दौरान इन लोगों के दस्तावेज या तो क्षतिग्रस्त हो गए थे या खो गए थे।

अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि कोल्हापुर के 340 से अधिक गांव भारी बारिश के कारण पूरी तरह से अथवा आंशिक रूप से प्रभावित हुए थे। इनमें से शिरोल, हातकणंगले और करवीर तहसील के 27 गांव आपदा से सर्वाधिक प्रभावित हुए।

कोल्हापुर के जिलाधिकारी दौलत देसाई ने कहा, ‘विधानसभा चुनाव नजदीक ही हैं इसलिए हमने फैसला किया है कि इन 27 गांवों के मतदाताओं को डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र वितरित किए जाएंगे।’

उन्होंने बताया कि 1.5 लाख से ज्यादा डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र छापे गए हैं जिन्हें इन गांवों में बांटा जाएगा। सांगली जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक शिराला, वाल्वा, पलौस और मिराज तहसीलों के दो लाख से अधिक लोगों को डुप्लीकेट मतदाता फोटो पहचान पत्र बांटे गए हैं। उन्होंने बताया कि चार लाख से ज्यादा मतदाता फोटो पहचान पत्र मंगवाए गए हैं।

राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को एक ही चरण में चुनाव होगा। मतगणना 24 अक्टूबर को होगी।

maharastra election
Duplicate voter ID cards for flood victims
Assembly elections

Related Stories

सद्भाव बनाम ध्रुवीकरण : नेहरू और मोदी के चुनाव अभियान का फ़र्क़

तो क्या सिर्फ़ चुनावों तक ही थी ‘फ्री राशन’ की योजना? 

विज्ञापन में फ़ायदा पहुंचाने का एल्गोरिदम : फ़ेसबुक ने विपक्षियों की तुलना में "बीजेपी से लिए कम पैसे"  

फ़ेसबुक पर 23 अज्ञात विज्ञापनदाताओं ने बीजेपी को प्रोत्साहित करने के लिए जमा किये 5 करोड़ रुपये

तिरछी नज़र: चुनाव सेवक का अश्वमेध यज्ञ

ज़्यादातर राज्यों में एक कार्यकाल के बाद गिरता है बीजेपी का वोट शेयर

कार्टून क्लिक: वोट की चिंता ख़त्म होते ही बढ़ सकती है आपकी चिंता!

उत्तर प्रदेश चुनाव 2022: क्या समाजवादी के पक्ष में है जनता ?

अयोध्या: राजनीति के कारण उपेक्षा का शिकार धर्मनिरपेक्ष ऐतिहासिक इमारतें

यूपी चुनाव: योगी आदित्यनाथ बार-बार  क्यों कर रहे हैं 'डबल इंजन की सरकार' के वाक्यांश का इस्तेमाल?


बाकी खबरें

  • कुशाल चौधरी, गोविंद शर्मा
    बिहार: रोटी-कपड़ा और ‘मिट्टी’ के लिए संघर्ष करते गया के कुम्हार-मज़दूर
    21 May 2022
    गर्मी के मौसम में मिट्टी के कुल्हड़ और मिट्टी के घड़ों/बर्तनों की मांग बढ़ जाती है, लेकिन इससे ज्यादा रोज़गार पैदा नहीं होता है। सामान्य तौर पर, अधिकांश कुम्हार इस कला को छोड़ रहे हैं और सदियों पुरानी…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में ओमिक्रॉन के स्ट्रेन BA.4 का पहला मामला सामने आया 
    21 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 2,323 नए मामले सामने आए हैं | देश में अब कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 31 लाख 34 हज़ार 145 हो गयी है। 
  • विनीत तिवारी
    प्रेम, सद्भाव और इंसानियत के साथ लोगों में ग़लत के ख़िलाफ़ ग़ुस्से की चेतना भरना भी ज़रूरी 
    21 May 2022
    "ढाई आखर प्रेम के"—आज़ादी के 75वें वर्ष में इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा के बहाने कुछ ज़रूरी बातें   
  • लाल बहादुर सिंह
    किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है
    21 May 2022
    इस पूरे दौर में मोदी सरकार के नीतिगत बचकानेपन तथा शेखचिल्ली रवैये के कारण जहाँ दुनिया में जग हंसाई हुई और एक जिम्मेदार राष्ट्र व नेता की छवि पर बट्टा लगा, वहीं गरीबों की मुश्किलें भी बढ़ गईं तथा…
  • अजय गुदावर्ती
    कांग्रेस का संकट लोगों से जुड़ाव का नुक़सान भर नहीं, संगठनात्मक भी है
    21 May 2022
    कांग्रेस पार्टी ख़ुद को भाजपा के वास्तविक विकल्प के तौर पर देखती है, लेकिन ज़्यादातर मोर्चे के नीतिगत स्तर पर यह सत्तासीन पार्टी की तरह ही है। यही वजह है कि इसका आधार सिकुड़ता जा रहा है या उसमें…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License