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भारत
राजनीति
महाराष्ट्र एटीएस ने सनातन संस्था से जुड़े व्यक्ति के घर से बरामद की दस पिस्तौल
बीते शुक्रवार हुई तीन लोगों को गिरफ्तारी के बाद जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, दिन-ब-दिन खुलासे होते जा रहे हैं। संदिग्धों के पास से जब्त हथियारों के जखीरे से ऐसा लग रहा है कि यह लोग कुछ बड़ा प्लान करने वाले थे।
शारिब अहमद खान
13 Aug 2018
sanatan sanstha

महाराष्ट्र एंटी टेरर स्क्वाड (एटीएस) ने बीते शुक्रवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद एटीएस के द्वारा अभ्यिक्तों से पूछताछ की गई। पूछताछ करने  पर उन्होंने छुपाए हुए हथियारों के बारे में बताया। इसके बाद एजेंसी ने छापेमारी कर हथियारों का जखीरा बरामद करने का दावा किया है। एटीएस ने बीते दिन यानी की रविवार को तक़रीबन 10 पिस्टल के साथ और भी कई विस्फोटक सामग्री बरामद की है। यह बरामदगी एटीएस के द्वारा शुक्रवार को गिरफ्तार हुए मुख्य अभियुक्त वैभव राउत के घर से हुई है। 

एटीएस का कहना है कि जाँच से ऐसा लग रहा है कि जो पिस्टल वैभव राउत के घर से बरामद की है, वह पिस्टल इस गिरोह ने देश के अन्य राज्यों से मंगवाई है, हालांकि एटीएस का यह भी कहना है कि वह इस बात की भी जांच कर रही है कि यह पिस्टल इनलोगो ने खुद तो नहीं बनाई है।आपको बता दें कि महाराष्ट्र एंटी टेरर स्क्वाड ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर तीन लोगों की गिरफ्तारी की थी। इन तीनो अभियुक्तों का नाम वैभव राउत, शरद कालसकर और सुधावना धोंधलकर है। वैभव राउत और शरद कालसकर को एटीएस ने नालासोपारा से व सुधावना धोंधलकर को पूणे से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार हुए तीनो आरोपियों का सम्बंध कट्टरवादी हिंदूत्ववादी संगठनों हिंदू जनजागरिती समिती, हिंदू गोवंश रक्षा समिती व सनातन संस्था से होने का आरोप जांच एजेंसी ने लगाया है।

तीनो अभियुक्तों की गिरफ्तारी के साथ-साथ उनके ठिकानों से शुक्रवार को एटीएस ने छापे में बम बनाने की सामग्री, सीडी, पेन ड्राइव, वाहनों की छह नंबर प्लेट, हार्डडिस्क और हैंडबुक और बम बनाने से जुड़े अन्य साहित्य भी बरामद किये गये। साथ ही एटीएस को तीनों के ठीकानों पर से 19 बम भी बरामद किये थे। वहीं उन तीनों के पास से 11 देसी तमंचे, मैगजीन, एक एयरगन, पिस्तौल की दस नली, छह पिस्तौल की मैगजीन, आंशिक रूप से बनी छह पिस्तल व आंशिक रूप से बनी तीन मैगजीन और हथियार के कई भाग भी जब्त किये थे।

तीनो अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के बाद जांच एजेंसी ने उन्हें अदालत में पेश किया था। वहां एजेंसी ने अदालत को बताया था कि उसके विक्रोली यूनिट को 7 अगस्त को गुप्त सूचना मिली थी कि आतंकवादी मुंबई, सतारा, पुणे, सोलापुर और नालासोपारा में बम धमाका करने वाले हैं। साथ ही उसे यह भी सूचना मिली कि विस्फोट करने वाले आतंकवादियों ने बम बनाने की ट्रेनिंग भी ली है। जांच करने के बाद हमने इन तीनों की गिरफ्तारी की है। हालांकि मीडिया रिपोर्टस में इस बात का भी अंदेशा जताया जा रहा है कि कर्नाटक में गौरी लंकेश की हत्या में गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ के बाद इन संदिग्धों की सूचना एटीएस को मिली थी, उसी सूचना के बाद यह गिरफ्तारियां हुई हैं।

गौरतलब है कि सूत्रों का यह भी कहना है कि आतंकवादियों इसी महीने अगस्त में महाराष्ट्रा के कई जगहों पर बम धमाका करने वाले थे। इसके लिए आरोपियों ने मुंबई, पुणे, नालासोपारा, सांतारा और सोलापुर में कई जगहों पर रेकी भी कर ली थी।शुक्रवार को गिरफ्तार हुए तीनों अभियुक्तों को 18 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। एटीएस का कहना है कि गिरफ्तार हुए यूवक से पूछताछ जारी है, अभी पूछताछ से और भी खुलासे होने की उम्मीद है।
 
हालांकि आप को बता दें कि एटीएस इस मामले में विरेंद्र तावड़े का रोल को भी जांच रही है। तावड़े को सममाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पांसरे की हत्या में गिरफ्तार किया गया था। एटीएस को मामले की जांच के दौरान कई ईमेल मिले हैं। ये ई मेल तावड़े और सनातन संस्था के सदस्य सारंग अकोलकर के बीच आदान-प्रदान हुए थे। इस ई मेल में महाराष्ट्र में हथियार बनाने की फैक्ट्री स्थापित करने पर बात हुई थी। तावड़े हिन्दू जनजागृति समिति का सदस्य है, जो कि सनातन संस्था से जुड़ा है।

इसी वजह से आरोपी सुधन्वा गोंधालेकर के द्वारा चलाई जा रही ग्राफिक फर्म भी एटीएस के जांच के दायरे में है। एटीएस का एैसा मानना है कि हो सकता है कि हथियार बनाने के लिए इन लोगों ने यूनिट बना ली हो। एटीएस इस एंगल को लेकर भी इस मामले की जांच कर रही है। 
मीडिया रिपोर्टस में एटीएस का यह भी कहना है कि गुप्त सूचना के आधार पर अभी केवल तीन लोगों की ही गिरफ्तारी हो पाई है लेकिन संदिग्धों की संख्या 16 है, बाकी संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी चल रही है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने सनातन संस्था को बैन करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ‘एटीएस को गिरफ्तार आरोपियों के पास से 20 बम व तक़रीबन 50 या उससे भी अधिक बम बनाने की विस्फोटक सामग्री जब्त की है। सनातन संस्था से वैभव राउत के अलावा भी दो लोग और पकड़े गए हैं’।  उन्होंने आगे आरोप लगाया कि ‘हो न हो इसके पीछे समाज को ध्रुवीकरण करने और धर्मनिरपेक्ष ताकतों को तोड़ने की साजिश है। सनातन संस्था को तुरंत प्रतिबंधित करना चाहिए’।

गौरतलब है कि गौरी लंकेश हत्याकांड में सनातन संस्था व कट्टर हिंदूत्ववादी संगठनों का नाम आया है। कर्नाटक सरकार द्वारा गौरी लंकेश हत्याकांड में गठित एसआईटी ने इस केस में अब तक 12 लोगों की गिरफ्तारी की है। जैसे-जैसे इस केस की जांच आगे बढ़ रही है कट्टरवादी हिंदू संगठनो का नाम इस हत्याकांड से जुड़ता जा रहा है। 

यह सोच का विषय है कि देश में जो लोग मुखर हो कर बोलते हैं क्या अब उन्हें बोलने का हक नहीं है? आखिर ऐसा क्यों है कि देश के कट्टरवादी संगठन आए दिन किसी को मारने में, तो किसी को धमकाने में, तो कभी दंगे करवाने में शामिल रहते हैं लेकिन उन के उपर सख्त कार्रवाई होने के बजाए राज्य सरकार मूक-दर्शक बन कर खड़ी रहती है।

वैसे यह बात सही है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता लेकिन जिस तरह से आज के वक्त में पूरा विश्व ‘इस्लामिक तालिबान’ को लेकर परेशान और चिंतित हैं, ठीक उसी तरह अगर इन कट्टरवादी हिंदूत्व संगठनो पर सही समय पर लगाम नहीं लगाई गई और उनका राजनीतिक शरण बंद नहीं हुआ तो इन्हें भी हिंदू तालिबान बनने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा!

Sanatan sanstha
Maharastra
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