NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
महिला पत्रकारों के समूह ने राष्ट्रपति से अकबर की बर्खास्तगी की मांग की
नेटवर्क ऑफ वुमेन इन मीडिया इन इंडिया (एनडब्ल्यूएमआई) ने सोमवार को राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में कहा, "हम बेहद चिंतित हैं कि वह केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मंत्री पद पर बने हुए हैं।"

आईएएनएस
16 Oct 2018
M J AKBAR एम जे अकबर
Image Courtesy: Indian Express

नई दिल्ली। महिला पत्रकारों के एक पैनल ने केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर को बर्खास्त करने की मांग करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखा है। एम.जे. अकबर पर 'मीटू मूवमेंट' के तहत दर्जनभर महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। 

नेटवर्क ऑफ वुमेन इन मीडिया इन इंडिया (एनडब्ल्यूएमआई) ने सोमवार को राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में कहा, "हम बेहद चिंतित हैं कि वह केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मंत्री पद पर बने हुए हैं।" 

पत्र के अनुसार, "आप इस बात से सहमत होंगे कि यह अनैतिक और अनुचित है। इस तरह से उनके कथित कुकर्मो की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच प्रभावित हो सकती है।" 

विदेश राज्यमंत्री एम.जे. अकबर पर सबसे पहले यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मंत्री ने मानहानि का मुकदमा दायर किया है। 

एनडब्ल्यूएमआई ने कहा कि एक आपराधिक मानहानि का आरोप उन लोगों को धमकाने और चुप करने का स्पष्ट प्रयास है जो शक्तिशाली पदों पर बैठे पुरुषों द्वारा महिलाओं संग उत्पीड़न करने वालों को सामने ला रहे हैं। 

पत्र में कहा गया, "यह महिलाओं को खामोश रहने की स्थिति में वापस धकेलने के लिए है और उन लोगों की भी आवाज को खामोश कर देगा जिन्होंने अभी तक बात नहीं की है।" 

पैनल ने मांग की है कि अकबर को एक स्वतंत्र जांच में सहयोग देना चाहिए और विदेश मंत्रालय को उसे जांच होने तक पद से बर्खास्त करना चाहिए। 

आपको बता दें कि पत्रकार प्रिया रमानी सहित 10 से ज़्यादा महिला पत्रकारों ने अकबर पर यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ का आरोप लगाया है, जिसके कारण विदेश राज्यमंत्री को पद से हटाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। अकबर ने महिला पत्रकारों के यौन उत्पीड़न तब किए थे, जब वह संपादक हुआ करते थे। अकबर ने सभी आरोपों को झूठा और निराधार बताया है।

अकबर ने अपने मुकदमे में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि उनके खिलाफ झूठी कहानी का प्रसार प्रायोजित तरीके और एक एजेंडे को पूरा करने के लिए किया गया। अकबर ने दावा किया कि मीडिया में व्यापक रूप से प्रकाशित झूठे और अपमानजनक बयानों ने उनकी साख को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। अकबर ने पटियाला हाउस अदालत में अपनी शिकायत दर्ज कराई है।

अकबर ने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत रमानी पर मुकदमा चलाने की मांग की है।

अपने खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किए जाने के बाद पत्रकार प्रिया रमानी ने कहा कि अकबर धमकी और उत्पीड़न के जरिए आवाज बंद करने की कोशिश कर रहे हैं। रमानी ने अपने एक बयान में कहा, "मैं काफी निराश हूं कि केंद्रीय मंत्री ने कई महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों को राजनीतिक साजिश करार देते हुए खारिज कर दिया। मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करके अकबर ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।" रमानी ने अपना बयान सोशल मीडिया पर साझा किया है। 

उन्होंने कहा, "अनेक महिलाओं द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों का सामना करने के बजाय वह (अकबर) धमकी और उत्पीड़न के माध्यम से मुंह बंद कराना चाहते हैं।"

रमानी ने जोर देकर कहा कि वह मानहानि के आरोपों का सामना करेंगी। उन्होंने कहा, "क्योंकि सच और पूर्ण सच ही मेरा बचाव है।"

उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं ने अकबर के खिलाफ खुलकर खड़े होने का साहस दिखाया है, उन्होंने अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन को गंभीर खतरे में डालकर ऐसा किया है। 

उन्होंने कहा, "इस समय, यह पूछना ठीक नहीं है कि वे (पीड़ित) अब क्यों बोल रही हैं, क्योंकि हम सभी लांछन और शर्म से परिचित हैं कि यौन अपराध की सजा पीड़ित को कैसे भोगनी पड़ती है। इन महिलाओं की मंशा और इरादे को लेकर उन्हें कलंकित करने के बजाय हमें पुरुष और महिलाओं की भावी पीढ़ी के लिए कार्यस्थल को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।"

रमानी ने कहा, "इसलिए मैं श्रीमान अकबर के अत्यंत हाल में दिए गए बयान का सख्त विरोध करती हूं, जिसमें पीड़ितों के सदमे और डर या सच बोलने के लिए जरूरी साहस पर ध्यान नहीं दिया गया।"

विदेश राज्यमंत्री एम.जे. अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक अन्य महिला पत्रकार गजाला वहाब ने सोमवार को कहा, 'हां, झूठ के पांव नहीं होते' और वह बहुत दूर चल नहीं सकता। इससे एक दिन पहले अकबर ने उनके ऊपर लगाए गए यौन-उत्पीड़न के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा थाकि 'झूठ के पांव नहीं होते।' 

M J AKBAR
#MeToo Moment In India
defamation case
woman journalist
sexual harassment
priya ramani
ghazala wahab

Related Stories

मध्य प्रदेश : मर्दों के झुंड ने खुलेआम आदिवासी लड़कियों के साथ की बदतमीज़ी, क़ानून व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

जेएनयू में छात्रा से छेड़छाड़, छात्र संगठनों ने निकाला विरोध मार्च

साल 2021 : खेत से लेकर सड़क और कोर्ट तक आवाज़ बुलंद करती महिलाएं

यौन शोषण के आरोप में गोवा के मंत्री मिलिंद नाइक का इस्तीफ़ा

निर्भया कांड के नौ साल : कितनी बदली देश में महिला सुरक्षा की तस्वीर?

यूपी: मुज़फ़्फ़रनगर में स्कूली छात्राओं के यौन शोषण के लिए कौन ज़िम्मेदार है?

यूपी: ललितपुर बलात्कार मामले में कई गिरफ्तार, लेकिन कानून व्यवस्था पर सवाल अब भी बरकरार!

यूपी: आज़मगढ़ में पीड़ित महिला ने आत्महत्या नहीं की, सिस्टम की लापरवाही ने उसकी जान ले ली!

केरल में वाममोर्चे की ऐतिहासिक जीत से विपक्ष में अफरा-तफरी

यूपी: सिस्टम के हाथों लाचार, एक और पीड़िता की गई जान!


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License