NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
मलावी : कोरोना संकट के दौरान चिकित्सा कर्मियों का पीपीई की कमी और काम की बदतर स्थिति को लेकर प्रदर्शन
दक्षिणी अफ़्रीकी देश मलावी में Covid-19 के संक्रमण से दो लोगों की मौत हो गई है वहीं अब तक 16 मामले सामने आए हैं। यहां 21 दिनों के लिए 18 अप्रैल से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है।
पीपल्स डिस्पैच
15 Apr 2020
मलावी

मलावी के डॉक्टर और अन्य चिकित्सा कर्मियों ने कोरोनावायरस के संक्रमण से ख़ुद की सुरक्षा के लिए मिलने वाले पर्याप्त सुरक्षात्मक उपायों को मुहैया कराने में सरकार की विफलता के चलते 14 अप्रैल को विरोध प्रदर्शन किया है। ये विरोध प्रदर्शन मलावी की वाणिज्यिक राजधानी ब्लैंटायर में किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने अपनी कामकाजी स्थितियों में सुधार के लिए उपाय तलाशने में सरकार की विफलता की भी निंदा की।

कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने वाले मेडिकल स्टाफ को अब "फ्रंटलाइन वर्कर्स" के रूप में जाना जाता है लेकिन वे मरीज़ों का इलाज करते समय संक्रमण से अपनी सुरक्षा के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विप्मेंट (पीपीई) की कमी का सामना कर रहे हैं।

नर्स, डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ काम करने की अनुकूल स्थिति और पर्याप्त पीपीई की मांग को लेकर सप्ताह के अंतिम दिन हड़ताल किया था। सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया था और इस पर नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ नर्स एंड मिडवाइव्स ने अपने सदस्यों से हड़ताल ख़त्म करने और सोमवार 13 अप्रैल को काम पर लौटने को कहा था।

हालांकि, सोशल मीडिया पर उपलब्ध वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि यूनिफॉर्म पहने डॉक्टर और नर्स विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हाथ में प्लेकार्ड लिए हुए हैं जिसमें लिखा है, "वी आर नॉट गोइंग ऑन सुसाइड मिशन" (हम आत्महत्या की मिशन पर नहीं जा रहे हैं) और "मलावी गवर्नमेंट प्रोटेक्ट अस वी विल प्रोटेक्ट यू" (मलावी सरकार हमारी रक्षा करे तो हम आपकी रक्षा करेंगे)। ये प्रदर्शन ब्लैंटायर्स क्वीन एलिजाबेथ सेंट्रल अस्पताल के बाहर मंगलवार 14 अप्रैल को किए गए।

दक्षिणी अफ्रीका के मलावी में अब तक Covid-19 संक्रमण के 16 मामले सामने आए हैं। संक्रमण के कारण देश में दो लोगों की मौत हो गई है। यहां पहला मामला 2 अप्रैल को सामने आया था। केवल ब्लैंटायर में ही देश में कुल सामने आए मामलों का आधा है। अधिकांश संक्रमित लोग विदेश से लौटे हैं।

द गार्डियन की 9 अप्रैल को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार संक्रमण के पहले मामले के बाद फैली अफवाहों के कारण निगरानी करने वाले समूह ने 'ब्लडसकर’ के संदेह में 9 लोगों को मार दिया जिसमेंं मेडिकल स्टाफ भी शामिल थें।

इस बीच, मलावी के राष्ट्रपति पीटर मुथारिका ने मंगलवार 14 अप्रैल को 21 दिनों के पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की। ये लॉकडाउन 18 अप्रैल से शुरू होगा। उन्होंने अपने देशवासियों को आंके गए 50000 लोगों की मौत की बड़ी तबाही से बचने के लिए इन प्रतिबंधों का पालन करने की चेतावनी दी है।

malawi
Health workers
Health facilities
covid 19 health
corona virus in world
corona pandemic
corona virus healthcare

Related Stories

कोरोना महामारी अनुभव: प्राइवेट अस्पताल की मुनाफ़ाखोरी पर अंकुश कब?

यूपी: बीएचयू अस्पताल में फिर महंगा हुआ इलाज, स्वास्थ्य सुविधाओं से और दूर हुए ग्रामीण मरीज़

आशा कार्यकर्ताओं की मानसिक सेहत का सीधा असर देश की सेहत पर!

क्या हम कोविड-19 महामारी से मुक्ति की ओर हैं?

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों को दी बधाई

भारत में फैली घातक महामारी के लिए मोदी अकेले हैं ज़िम्मेदार

कोविड-19 के ख़िलाफ़ भारत में शुरू हुआ विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान

वाराणसी: स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारियों के सामूहिक इस्तीफे से हड़कंप, विपक्ष ने सरकार को घेरा

बन रहा है सपनों का मंदिर मगर ज़िंदगी का असली संघर्ष जारी

लेडी हार्डिंग: एक तरफ फूल बरसाकर सम्मान, दूसरी तरफ़ नौकरी से निकालने का फ़रमान


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License