NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
मन की असली बात : चौकीदार भाइयों के साथ
डिसक्लेमर : इस संबोधन/आलेख (तिरछी नज़र) का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ से कोई संबंध नहीं हैं। अगर आपको ऐसा लगे तो इसे महज़ संयोग मात्र समझें : लेखक
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
31 Mar 2019
सांकेतिक तस्वीर
Image Courtesy : Lokmatnews.in

मेरे प्यारे चौकीदार भाइयों, पिछले चुनाव से पहले मैं चाय वाला था। इन चुनावों से पहले मैं चौकीदार हूँ। मुझे पता है, इस बार "चाय वाला" नहीं चलेगा इसलिए मैं इस बार  चौकीदार बन गया हूँ। पिछले पांच साल में मेरी वजह से चाय वाले बदनाम हो रहे हैं, उन्हें लोग झूठा समझने लगे हैं, इसलिए चाय वाले के नाम पर तो मुझे वोट मिलने से रहे। इसलिये इस बार चौकीदार बन रहा हूँ। चाय वालों की तरफ से हुई नाराजगी की भरपाई, चौकीदार भाइयों, आपके वोटों से ही हो पायेगी। यह बात अलग है कि मेरे चौकीदार बनने से लोग आपको भी चोर न समझने लगें। जहाँ तक मेरी बात है, अगले चुनाव में मुझे कोई और रूप ढूंढना पडे़गा। ढूंढ लूंगा।

tirchi najar after change new_7.png

चौकीदार मित्रों, मैं इन चुनावों में चौकीदार इस लिए बना क्योंकि आपके और मेरे काम में बहुत समानता है। जिस प्रकार आपके ऊपर अपने एरिये की रक्षा करने की जिम्मेदारी होती है उसी प्रकार मेरे ऊपर भी अपने एरिये की रक्षा की जिम्मेदारी है। जैसे कि आपके एरिये में जो अमीर हैं, आप उनकी संम्पत्ति की रक्षा करते हैं, वैसे ही मेरा काम भी देश में अमीरों की सम्पत्ति की रक्षा करना है। आपको मैं विस्तार से समझाता हूँ। मान लो आप अपने एरिये के वाहनों की रक्षा के लिए तैनात हैं। तो जिसके घर में पांच कारें हैं, आप उसकी पांच कारों की रक्षा करेंगे। जिसके यहां एक कार है, उसकी एक कार की रक्षा करेंगे। जिसके यहां बाइक है, उसकी बाइक की रक्षा करेंगे। पर चौकीदार भाइयों, जिसके यहां साइकिल भी नहीं है उसकी किस चीज की रक्षा करोगे। इसी तरह से, चौकीदार भाइयों, मैं भी अडानी, अंबानी की संम्पत्ति की रक्षा करता हूँ। पर चौकीदार भाइयों, जो बहुत ही गरीब है, जिसके पास कुछ भी नहीं है, आखिर उस बेचारे के लिए मैं कर ही  क्या कर सकता हूँ। इस तरह मैं भी आपकी तरह से ही लाचार हूँ, चौकीदार भाइयों।

भाइयों, आप चौकीदारों की तरह से मेरी भी बहुत सी मजबूरियां हैं। आप तो इन मजबूरियों को समझ सकते हैं। अब मान लो, एक चोर है और आपको पता भी है कि वह चोर है। और आप की उससे थोड़ी बहुत दुआ सलाम भी है। ये दुआ सलाम, जान पहचान हो ही जाती है चौकीदार भाइयों। आपका उससे आमना सामना होता रहता है। पर अब आप चाहते हैं कि आपके चौकीदार रहते हुए आपके इलाके में चोरी न हो, तो इसके लिए आप क्या करेंगे। उस चोर को अपने इलाके से भगा देंगे न। आपका इलाका तो सेफ हो गया न। आपके कार्य में कोई कोताही हुई, नहीं न। चौकीदार भाइयों, आपके कार्य में कोताही हुई या नहीं। आप ईमानदार भी हुए या नहीं। मैंने भी तो ऐसा ही किया न। (विजय) माल्या, ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहुल भाई जैसों को अपने इलाके से भगा दिया। अब मेरा इलाका (देश) सुरक्षित। अब जो भी चोरी चकारी करनी है इंग्लैण्ड में करें, अमेरिका में करें, और चाहे तो एंटीगुआ में करें पर मेरे इलाके (देश) में तो चोरी नहीं कर सकते हैं न। चौकीदार भाइयों, आप चोर को अपने इलाके से भगाते हैं तो आपका इलाका सुरक्षित। मैंने चोरों को देश से भगाया तो देश सुरक्षित। और मैं ही हूँ देशभक्त।

चौकीदार भाइयों, आप अपनी कमाई से, भले ही वो ऊपर से हो या नीचे से, अपने घर गांव में मकान बनवाते हैं। मैंने भी उसी तरह से दिल्ली में एक भवन का निर्माण किया है। अब आपको तो पता ही है कि मेरा कोई परिवार तो है नहीं। पत्नी को, भाइयों को तो मैंने छोड़ ही रखा है। मां हैं, पर उनकी भी मैं खास चिंता नहीं करता हूँ। मेरा परिवार तो बस मेरी पार्टी ही है। इसीलिए अपनी कमाई से, आप चौकीदार भाइयों की तरह से ही, मैंने दिल्ली में भाजपा का दफ्तर बनवाया है। आप लोग अपना छोटा सा घर बनवाते हो हजारों में या ज्यादा से ज्यादा लाख दो लाख में। पर मैंने फाइव स्टार दफ्तर बनाया है। आप गली मोहल्ले के चौकीदार हो, मैं देश का चौकीदार हूँ। और इतना फर्क तो बनता ही है न।

चौकीदार भाइयों, अब कोई आप लोगों को चोर कहने लगा है तो आपको बुरा तो बहुत लग ही रहा होगा। हुआ क्या कि, जैसे ही मैं चौकीदार बना, आप चौकीदार भाइयों को कोई चोर कहने लगा और लगातार कहे जा रहा है। चुप ही नहीं हो रहा है। मेरा मन किया कि मैं उस पर, जो आपको और मुझे, सबको चोर कह रहा है, मानहानि का मुकदमा दायर कर दूं। पर मेरा एक साथी है, वैसे तो वह साहूकार है पर अब मेरे पीछे पीछे उसने भी चौकीदार लिखना शुरू कर दिया है। तो उसने मानहानि का केस दर्ज कराने के लिए मना कर दिया। यहां उसकी बात माननी ही थी, वह मानहानि के केस का एक्सपर्ट है। जिसके खिलाफ भी मर्जी हो, मानहानि का केस दर्ज कर देता है। तो उसने समझाया, केस दर्ज कराया गया तो बेकार में ही रफ़ाल डील की सारी फाइलें कोर्ट में रखनी पड़ेंगी। और ऐसा हो जाता तो मुझ चौकीदार को सारी बदनामी झेलनी पड़ती और चोर साबित होता, वो अलग। बचने के लिए मैं अकेले ही आखिर कितनी फाइलें चोरी करता या करवाता। पर चौकीदार भाइयों, मुझे आप लोगों की यह बदनामी बहुत ही बुरी लग रही है। मैं तो इसका बदला लूंगा ही, आप भी इसका बदला अवश्य लेना। इस चुनाव में मुझे ही वोट देना।

अंत में : चौकीदार ईमानदार हो, कर्तव्यपरायण हो तो आप सुखी हो सकते हैं। चौकीदार लापरवाह हो, कार्य ढंग से न करता हो तो आप दु:खी हो सकते हैं। पर चौकीदार चोर हो तो आप का भगवान ही मालिक है!

इसे भी पढ़ें : मन की असली बात : फ़ौजी भाइयों के साथ

"मन की असली बात"

(लेखक पेश से चिकित्सक हैं।)

Satire
Political satire
tirchi nazar
Narendra modi
man ki baat
General elections2019
2019 Lok Sabha elections

Related Stories

तिरछी नज़र: सरकार-जी, बम केवल साइकिल में ही नहीं लगता

विज्ञापन की महिमा: अगर विज्ञापन न होते तो हमें विकास दिखाई ही न देता

तिरछी नज़र: बजट इस साल का; बात पच्चीस साल की

…सब कुछ ठीक-ठाक है

तिरछी नज़र: ‘ज़िंदा लौट आए’ मतलब लौट के...

बना रहे रस: वे बनारस से उसकी आत्मा छीनना चाहते हैं

तिरछी नज़र: ओमीक्रॉन आला रे...

तिरछी नज़र: ...चुनाव आला रे

चुनावी चक्रम: लाइट-कैमरा-एक्शन और पूजा शुरू

कटाक्ष: इंडिया वालो शर्म करो, मोदी जी का सम्मान करो!


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License