झारखंड में युवक तबरेज़ अंसारी की भीड़ द्वारा की गई हत्या के विरोध में बुधवार को देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए और कैंडिल मार्च निकाले गए। झारखंड की राजधानी रांची से लेकर देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर तक नागरिक समाज के लोग अलग-अलग समय पर जमा हुए और घटना की निंदा करते हुए इसे दक्षिणपंथी तत्वों द्वारा की जा रही प्रायोजित हिंसा बताया। सभी ने दोषियों को सज़ा और इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।

आपको बता दें कि बीती 17 जून को, 24 वर्षीय तबरेज़ अंसारी को झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में अपने घर लौटते समय कुछ लोगों ने घेर लिया और मोटरसाइकिल चोरी करने का आरोप लगाते हुए खंभे से बांधकर पिटाई की। भीड़ ने उनसे जबरन 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे भी लगवाए।

आपको बता दें कि पिछले चार वर्षों में झारखंड में नफ़रत से भरे अपराध का यह 14 वां मामला था। तबरेज़ अंसारी की मौत के साथ, इस साल इस तरह के 11 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा के 2014 में पहली बार सत्ता में आने के बाद से ऐसी घटनाओं की कुल संख्या बढ़कर 266 हो गई है।
आपको ये भी मालूम हो कि राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने बड़े पैमाने पर सुप्रीम कोर्ट के 2018 निर्देशों की अनदेखी की है जिसमें फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना करना शामिल है, सोशल मीडिया पर नफरत भरे संदेशों को रोकना शामिल है, पीड़ितों को मुआवजा देना और भीड़ द्वारा हिंसा को रोकने के लिए एक कानून बनाना शामिल है। लेकिन इस सिलसिले में कोई ठोस काम नहीं हुआ है।
