NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामला: न्यायालय ने 44 लड़कियों में से आठ लड़कियों को उनके परिवार को सौंपने की अनुमति दी
शीर्ष अदालत ने टिस की कार्य परियोजना ‘कोशिश’ की रिपोर्ट के अवलोकन के बाद यह आदेश दिया। सीलबंद लिफाफे में पेश की गयी इस रिपोर्ट में कहा गया था कि आठ लड़कियों को उनके परिवारों को सौंपा जा सकता है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
12 Sep 2019
muzaffarpur case
फोटो साभार: प्रभात खबर

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को बिहार के मुजफ्फरपुर आश्रय गृह की 44 लड़कियों में से आठ लड़कियों को सभी जरुरी औपचारिकतायें पूरी करने के बाद उनके परिवारों को सौंपने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति एम एम शांतानागौडार और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने बिहार सरकार को निर्देश दिया कि इन आठ लड़कियां को सभी आवश्यक वित्तीय और मेडिकल मदद मुहैया  करायी जाए।

पीठ ने राज्य सरकार को यह निर्देश भी दिया कि इस तरह की पीड़ितों को योजना के तहत दी जाने वाली क्षतिपूर्ति का आकलन करे। और इसकी रिपोर्ट  न्यायालय को सौंपे। पीठ ने टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेज (टिस)को शेष लड़कियों के मामले में एक स्थिति रिपोर्ट तैयार करके आठ सप्ताह के भीतर न्यायालय में पेश करने का निर्देश दिया है।

शीर्ष अदालत ने टिस की कार्य परियोजना ‘कोशिश’ की रिपोर्ट के अवलोकन के बाद यह आदेश दिया। सीलबंद लिफाफे में पेश की गयी इस रिपोर्ट में कहा गया था कि आठ लड़कियों को उनके परिवारों को सौंपा जा सकता है। ये लड़कियां पूरी तरह फिट हैं। मुजफ्फरपुर में गैर सरकारी संगठन द्वारा संचालित इस आश्रय गृह में अनेक लड़कियों का कथित रूप से यौन शोषण हुआ था और टिस की एक रिपोर्ट के बाद इस आश्रय गृह में रहने वाली लड़कियों के यौन शोषण की गतिविधयां सामने आयी थीं।

muzaffarpur
MUZAFFARPUR SHELTER HOME CASE
Supreme Court
crimes against women
violence against women
exploitation of women

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

राजीव गांधी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

बिहार: 8 साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या, फिर उठे ‘सुशासन’ पर सवाल

मध्य प्रदेश : मर्दों के झुंड ने खुलेआम आदिवासी लड़कियों के साथ की बदतमीज़ी, क़ानून व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

बिहार: मुज़फ़्फ़रपुर कांड से लेकर गायघाट शेल्टर होम तक दिखती सिस्टम की 'लापरवाही'

यूपी: बुलंदशहर मामले में फिर पुलिस पर उठे सवाल, मामला दबाने का लगा आरोप!

बिहार शेल्टर होम कांड-2: युवती ने अधीक्षिका पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- होता है गंदा काम


बाकी खबरें

  • maliyana
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल
    23 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह न्यूज़क्लिक की टीम के साथ पहुंची उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के मलियाना इलाके में, जहां 35 साल पहले 72 से अधिक मुसलमानों को पीएसी और दंगाइयों ने मार डाला…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    बनारस : गंगा में नाव पलटने से छह लोग डूबे, दो लापता, दो लोगों को बचाया गया
    23 May 2022
    अचानक नाव में छेद हो गया और उसमें पानी भरने लगा। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते नाव अनियंत्रित होकर गंगा में पलट गई। नाविक ने किसी सैलानी को लाइफ जैकेट नहीं पहनाया था।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी अपडेटः जिला जज ने सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा अपना फैसला, हिन्दू पक्ष देखना चाहता है वीडियो फुटेज
    23 May 2022
    सोमवार को अपराह्न दो बजे जनपद न्यायाधीश अजय विश्वेसा की कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली। हिंदू और मुस्लिम पक्ष की चार याचिकाओं पर जिला जज ने दलीलें सुनी और फैसला सुरक्षित रख लिया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?
    23 May 2022
    2019 के बाद से जो प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं, उनसे ना तो कश्मीरियों को फ़ायदा हो रहा है ना ही पंडित समुदाय को, इससे सिर्फ़ बीजेपी को लाभ मिल रहा है। बल्कि अब तो पंडित समुदाय भी बेहद कठोर ढंग से…
  • राज वाल्मीकि
    सीवर कर्मचारियों के जीवन में सुधार के लिए ज़रूरी है ठेकेदारी प्रथा का ख़ात्मा
    23 May 2022
    सीवर, संघर्ष और आजीविक सीवर कर्मचारियों के मुद्दे पर कन्वेन्शन के इस नाम से एक कार्यक्रम 21 मई 2022 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया मे हुआ।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License