मानवाधिकार कार्यकर्ता सोनी सोरी से यह बातचीत 9 मार्च को दिल्ली में की गई और उन पर हाल ही में हुए हमले तथा बस्तर के हालात पर चर्चा की गई. सोनी के अनुसार वे यह लड़ाई जनता के हक़ के लिए लड़ रही हैं और उनका समर्थन न ही नक्सलवादीयों और न ही पुलिस को है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वे हिंसक लड़ाई के विरोध में हैं और कानूनी तरीकों से वे अधिकारों की लड़ाई लड़ती रहेंगी.