NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
नेपाल
नेपाल संसदीय चुनाव: कम्युनिस्ट गठजोड़ जीत की ओर अग्रसर
ये चुनाव 128 संसद सदस्यों और 256 प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों का चुनाव करेगा.
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
11 Dec 2017
Translated by महेश कुमार
Nepal Election

गुरुवार को हुए आम चुनावों में नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टियों के वामपंथी गठबंधन, यूनिफाइड मार्क्सवादी-लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) और माओवादी केंद्र (सीपीएन-एमसी) प्रमुख है और अभी तक प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक, अक्टूबर में स्थापित कम्युनिस्ट पार्टियों के गठबंधन ने अब तक प्रारंभिक वोट की गिनती में दो-तिहाई की बढ़त ले ली है.

राजशाही के उन्मूलन और गृहयुद्ध समाप्त होने के बाद, और राजशाही से लोकतंत्र तक के संक्रमण को पूरा करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, 2015 में अनुमोदित नए रिपब्लिकन संविधान के तहत यह पहला चुनाव है.

‘नागरिक’ समाचारपत्र के संपादक गुना राज लुइंतेल ने कहा कि यह लगभग निश्चित है कि वामपंथी गठबंधन ही जीतेगा. अभी तक के "रुझान ये बताते हैं कि वे दो-तिहाई बहुमत जीत सकते हैं. अगर ऐसा हुआ, तो यह वामपंथ की नेपाल में अभूतपूर्व जीत होगी, "लुइंतेल ने कहा.

कम्युनिस्ट गठबंधन, प्रधान मंत्री शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है. नेपाली कांग्रेस, जिसे भारत समर्थक माना जाता है, नेपाल के दक्षिणी मैदानों की मधेसी पार्टियों और पूर्व शाहीतंत्र के समर्थक के साथ एक तरह के गठबंधन में है.

रिपोर्ट के अनुसार, कम्युनिस्ट पार्टियों के बीच ऐतिहासिक समझौते का गठबंधन नेपाल की कांग्रेस पार्टी को कमजोर करने के लिए किया गया था, जिसने पहले एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया था.

सीपीएन-यूएमएल ने छः सीटें हासिल कर ली हैं, और गिनती 52 सीट तक पहुँच गयी है, जबकि सीपीएन-एमसी को एक सीट हासिल हुई है और 21 में बढ़त है. चुनाव दो चरणों में हुए - 26 नवंबर और 7 दिसंबर. संसद के निचले सदन में 275 सदस्य हैं और सात प्रांतीय संसदों की 650 सीटें हैं.

2006 में, विशाल राजनीतिक आंदोलनों और राजा ज्ञानेंद्र के प्रत्यक्ष और अलोकतांत्रिक शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद नेपाल ने अपने 239 साल के हिंदू राजशाही शासन को समाप्त कर दिया था. पिछले 11 वर्षों में नेपाल में 10 प्रधानमंत्रियों के अदलने-बदलने से लोकतंत्र का संक्रमण धीमा रहा है.

इस साल जुलाई में सीपीएन-यूएमएल ने स्थानीय चुनावों के दूसरे चरण में भारी जीत हासिल की थी. हिमालयी देश में पहली बार स्थानीय चुनावों में, 1997 के बाद से एक नए संविधान पारित करने में एक साल तक विलंब के बाद और लंबे समय से चल रहे माओवादी विद्रोह के बाद लोकतंत्र को बहाल करने के लिए सरकार द्वारा एक प्रयास किया गया था.

राजनीतिक विश्लेषक पुराणंजन आचार्य ने काठमांडू पोस्ट को बताया कि "चुनाव के परिणाम पार्टी की केंद्रीय कमांड की सफलता को दर्शाते हैं,".

Nepal Parliamentary Elections
Nepal
CPN-UML
CPN-MC

Related Stories

कार्टून क्लिक: चीन हां जी….चीन ना जी

नेपाल की अर्थव्यवस्था पर बिजली कटौती की मार

नेपाल ने अमेरिका के MCC अनुदान समझौते को विरोध प्रदर्शनों के बीच दी मान्यता, अब आगे क्या?

नेपाल: राष्ट्रपति विद्या देवी ने कहा- उच्चतम न्यायालय नहीं पलट सकता उनका फ़ैसला

नेपाल में झारखंड के 26 मजदूर कोरोना जैसी बीमारी से ग्रस्त, वापस लाने के लिए बस की व्यवस्था की गई

अध्ययन के मुताबिक महामारी के दौरान बलात्कार के मामलों में बढ़ोत्तरी संभव

पड़ोसी देशों में चीन की बढ़ती उपस्थिति पर विदेश मंत्रालय का रवैया अदूरदर्शी : समिति

चीन का ‘स्वास्थ्य रेशम मार्ग’ दक्षिण एशिया में दिखायी पड़ने लगा है

नेपाल में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक सोमवार तक टली, ओली के भविष्य पर होना था फ़ैसला

भारत-नेपाल संबंध: पहले साझा थी महाकाली नदी, अब सरहद बन गई


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    ज्ञानवापी प्रकरण: एक भारतीय नागरिक के सवाल
    17 May 2022
    भारतीय नागरिक के तौर पर मेरे कुछ सवाल हैं जो मैं अपने ही देश के अन्य नागरिकों के साथ साझा करना चाहता हूं। इन सवालों को हमें अपने हुक्मरानों से भी पूछना चाहिए।
  • ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई
    17 May 2022
    कोविड-19 महामारी लोगों को एक साथ ला सकती थी। यह महामारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) जैसे वैश्विक संस्थानों को मज़बूत कर सकती थी और सार्वजनिक कार्रवाई (पब्लिक ऐक्शन) में नया विश्वास जगा सकती थी…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    धनकुबेरों के हाथों में अख़बार और टीवी चैनल, वैकल्पिक मीडिया का गला घोंटती सरकार! 
    17 May 2022
    “सत्ता से सहमत होने के लिए बहुत से लोग हैं यदि पत्रकार भी ऐसा करने लगें तो जनता की समस्याओं और पीड़ा को स्वर कौन देगा?“
  • ukraine
    सी. सरतचंद
    यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 
    16 May 2022
    यूरोपीय संघ के भीतर रुसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने के हालिया प्रयास का कई सदस्य देशों के द्वारा कड़ा विरोध किया गया, जिसमें हंगरी प्रमुख था। इसी प्रकार, ग्रीस में स्थित शिपिंग कंपनियों ने यूरोपीय…
  • khoj khabar
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रती Tool-Kit : ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी हथियार ट्रेनिंग तक
    16 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बताया कि किस तरह से नफ़रती Tool-Kit काम कर रही है। उन्होंने ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी शौर्य ट्रेनिंग में हथियारों से लैस उन्माद पर सवाल उठाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License