NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सीएए के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने वाले अखिल गोगोई के घर एनआईए का छापा
असम में सीएए के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर विरोध करने वाले और आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनके हिरासत की अवधि शुक्रवार को समाप्त होने वाली थी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Dec 2019
akhil gogoi

आरटीआई कार्यकर्ता, किसान नेता और सीएए के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने वाले अखिल गोगोई के घर पर गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छापा मारा और तलाशी ली। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार गोगोई को इस महीने की शुरुआत में एजेंसी ने गिरफ्तार किया था।

असम में नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे इस युवा नेता को ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन विधेयक (यूएपीए) के तहत गिरफ़्तार किया गया है। उनकी हिरासत की अवधि शुक्रवार को समाप्त होने वाली थी।

पीटीआई के अनुसार आतंकवाद-रोधी दस्ता के अधिकारियों ने गुवाहाटी के निज़रापारा इलाके में गोगोई के आवास की तलाशी ली और उनके पैन कार्ड, एसबीआई डेबिट कार्ड, मतदान पहचान पत्र (ईपीआईसी) और बैंक पासबुक को भी ज़ब्त कर लिया।

सुबह सात बजे शुरू हुई तीन घंटे की तलाशी ख़त्म हो गई। गोगोई की पत्नी गीताश्री तामुली ने पत्रकारों को ज़ब्त की गई वस्तुओं की एक सूची दिखाई।

सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार द्वारा पंजीकरण का प्रमाण पत्र, एएसआई मिलन कुमार चौले के अधीक्षण में पुरातत्वविद् का एक पत्र, "क्रेडिट-डिपॉजिट रेशियो केएमएसएस फाइल मिस्क", "जेल 2015", "जेल डायरी 2014" और "एनएचपीसी एलएसएचईपी 2015" सूची में दर्ज था।

तामुली ने कहा, "वे (एनआईए) हमारे घर की फाइलों को देखना चाहते थे और उनमें से कुछ को छांटकर ले गए। मैंने उन्हें ज़ब्त फाइलों की प्रतियां देने के लिए कहा तो उन्होंने मना कर दिया। मुझसे यह भी पूछा गया था कि जेल जाने से पहले क्या अखिल उग्रवादियों से मिले थे।”

समाचार वेबसाइट स्क्रॉल डॉट इन को दिए एक साक्षात्कार के अनुसार, गोगोई ने शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की कठोर यातना की शिकायत की है।

इस बीच, किसानों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए समर्पित संगठन कृषक मुक्ति संग्राम समिति के प्रमुख किसान नेता की बीमार मां 20 दिसंबर से गोलाघाट ज़िले के सेलनघाट में अपने घर के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। वह एनआईए की हिरासत से अपने बेटे की रिहाई की मांग कर रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, गोगोई की मां की हालत बिगड़ती जा रही है।

द वायर ने प्रियादा की स्थानीय मीडिया से हुई बातचीत के हवाले से लिखा, "मेरी तबीयत अच्छी नहीं। मेरे बेटे ने मुझसे कहा था कि वह जल्द ही मुझे चेक-अप के लिए ले जाएगा... उसने हमेशा असमिया लोगों के लिए लड़ाई लड़ी है ... किसी ने या सरकार ने मेरे बेटे को फंसाया है। वे नहीं चाहते कि वह विरोध करे क्योंकि राज्य के लोग एकजुट हो गए हैं और उन्हें डर है कि वे (सरकार) जल्द ही गिर जाएंगे।”

भाजपा-आरएसएस के एक कड़े आलोचक गोगोई को असम पुलिस ने 12 दिसंबर को हिरासत में लिया था और एनआईए को सौंप दिया था। सरबानंद सोनोवाल के आगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने 2009 में कांग्रेस सरकार द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एक मामले को भी शुरु कर दिया है। 2017 और इस साल सितंबर महीने में सोनोवाल सरकार ने उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज करा दिया और यह भी आरोप लगाया कि उनके माओवादियों के साथ संबंध थे। हालांकि दोनों ही बार गौहाटी उच्च न्यायालय ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और उन्हें रिहा कर दिया।

स्क्रॉल डॉट इन से बातचीत के दौरान गोगोई ने इन सभी आरोपों से इनकार करते हुए बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य में सीएए के ख़िलाफ़ व्यापक विरोध को पटरी से उतारने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि: मैं कभी माओवादियों के साथ नहीं रहा, न उनके साथ हूं और भविष्य में कभी उनके साथ नहीं रहूंगा। यह लोगों के विरोध और आंदोलन को पटरी से उतारने की एक चाल है। यह आंदोलन के प्रगतिशील तत्वों को ख़त्म करने और इसे नष्ट करने के लिए किया गया है।”

(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट्स के साथ)

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

NIA Raids Anti-CAA Crusader, RTI Activist Akhil Gogoi's Home in Guwahati

Akhil gogoi
Anti CAA Protest
BJP
NRIC
RSS
Amit Shah

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • श्रुति एमडी
    किसानों, स्थानीय लोगों ने डीएमके पर कावेरी डेल्टा में अवैध रेत खनन की अनदेखी करने का लगाया आरोप
    18 May 2022
    खनन की अनुमति 3 फ़ीट तक कि थी मगर 20-30 फ़ीट तक खनन किया जा रहा है।
  • मुबाशिर नाइक, इरशाद हुसैन
    कश्मीर: कम मांग और युवा पीढ़ी में कम रूचि के चलते लकड़ी पर नक्काशी के काम में गिरावट
    18 May 2022
    स्थानीय कारीगरों को उम्मीद है कि यूनेस्को की 2021 की शिल्प एवं लोककला की सूची में श्रीनगर के जुड़ने से पुरानी कला को पुनर्जीवित होने में मदद मिलेगी। 
  • nato
    न्यूज़क्लिक टीम
    फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने
    17 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के विस्तार के रूप में फिनलैंड-स्वीडन के नेटो को शामिल होने और तुर्की के इसका विरोध करने के पीछे के दांव पर न्यूज़क्लिक के प्रधान…
  • सोनिया यादव
    मैरिटल रेप : दिल्ली हाई कोर्ट के बंटे हुए फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, क्या अब ख़त्म होगा न्याय का इंतज़ार!
    17 May 2022
    देश में मैरिटल रेप को अपराध मानने की मांग लंबे समय से है। ऐसे में अब समाज से वैवाहिक बलात्कार जैसी कुरीति को हटाने के लिए सर्वोच्च अदालत ही अब एकमात्र उम्मीद नज़र आती है।
  • ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद
    विजय विनीत
    ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद
    17 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने की। कोर्ट ने कथित शिवलिंग क्षेत्र को सुरक्षित रखने और नमाज़ जारी रखने के आदेश दिये हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License