NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
क्या छात्रों का नरसंहार मेक्सिको के लिए 'परिवर्तन का क्षण' हो सकता है?
देइद्रे फुल्टन
18 Nov 2014

43 मैक्सिकन छात्र-शिक्षकों के कथित नरसंहार और सरकारी भ्रष्टाचार के चलते प्रदर्शनकारियों ने गुस्से में आकर दक्षिण राज्य के गुएर्रेरो में शासक पार्टी के क्षेत्रीय कार्यालय में आग लगा दी।

चिल्पन्सिंगो के ग्युरेरो की राजधानी में प्रदर्शन के बाद सोमवार की शाम को अकापुल्को के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के सामने एक और बड़ी रैली हुयी, इस रैली के न्रेतत्व छात्रों के अभिभावकों ने किया जिन्हें शक है कि सरकार और पुलिस के भ्रष्ट अफसर उस गैंग के साथ मिले हुए हैं जिन्होंने पिछले सप्ताह हुए कत्लों के लिए हामी भर दी है। 26 सितम्बर से जो छात्र गायब हैं उन्हें कथित तौर पर ग्युरेरोज़ यूनीडोस ड्रग गिरोह ने मार डाला और उन्हें जला दिया गया; उनके अवशेषों को संभव डी.एन.ए.जांच के लिए ऑस्ट्रिया भेज दिया गया है। 

11 नवंबर 2014 को चिल्पन्सिंगो में लापता 43 प्रशिक्षु शिक्षकों के लिए विरोध प्रदर्शन के दौरान ग्युरेरो शिक्षक संघ के शिक्षकों की राज्य समन्वयक के सदस्य दंगा पुलिस का सामना करते हुए।

डॉयचे वेले के अनुसार, "करीब 200  दंगा सुरक्षा पुलिस ने हेलमेट पहने हुए और ढाल लिए हुए करीब 1,000 से अधिक प्रदर्शनकारियों को तब खदेड़ा जब ग्युरेरो राज्य की राजधानी चिल्पन्सिंगो में संस्थागत रिवोल्यूशनरी पार्टी (पीआरआई) के दो मंजिला मुख्यालय से काला धुआं निकल रहा था।  मंगलवार के प्रदर्शन पर पुलिस की कार्यवाही से दो पत्रकार समेत तीन प्रदर्शनकारी घायल हो गए।”

छात्रों की कथित हत्या से देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे है। कुछ लोगों ने  सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने मामले पर ठीक से कार्यवाही नहीं की और केस को दबाने की कोशिश की है। कई लोगों ने ऐसे उथलपुथल के बीच अपेक शिखर सम्मेलन के लिए चीन की यात्रा करने के लिए राष्ट्रपति एनरिक पेना निएतो  के फैसले की आलोचना की हैं। और इस प्रकरण से देश की भयानक वास्तविकताओं का पता चलता है: 2006 से 70,000 मेक्सिकन मारे जा चुके हैं, और नार्को युद्द्ध के चलते करीब 27,000 लोग “गायब” हो चुके हैं।

“मेक्सिको के कईं हिस्सों में छात्रो पर संकट के चलते सुरक्षा का कितना बड़ा पतन हुआ है यह साफ़ तौर पर पता चलता है। गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक़ यहाँ अपराधी समूहों ने नगरनिगम सरकारों को नियंत्रण में लिया हुआ है, और संघीय प्रशासन ने इसको पूरी तरह नजरंदाज कर दिया है। “इन हालात ने निर्वार्त्मान राष्ट्रपति की उस सुधारवादी तस्वीर को भी ध्वस्त कर दिया है जिसे उसने काफी चतुरता से बनाया था और उसने अपने  पूर्ववर्ती, फेलिप कालडरन  द्वारा शुरू किये गए संगठित अपराध के खिलाफ लड़ाई को पलट दिया है जिसकी वजह से आक्रामक ड्रग युद्ध छिड़ गया है। "

                                                                                                                        

हौस्टन के एक अखबार डलास मोर्निंग न्यूज़ मेक्सिको के संवादाता और लेखक अल्फ्रेडो कोर्चादों ने एक साक्षात्कार में कहा कि इकुँला नरसंहार एक निर्णायक मोड़ हो सकता है- बशर्ते मेक्सिकन इस स्थिति के कारण लोगो में बढ़ते गुस्से को सही ढंग से दिशा दे सकें तो।

"मैंने कई नरसंहार को रिपोर्ट किया है, मैंने मेक्सिको में काफी घिनौनी तस्वीरें देखीं हैं, में हमेशा कहता हूँ कि हम काफी नीचे गिर गए हैं”, ये बातें उन्होंने हौस्टन क्रोनिकल में कही। लेकिन मुझे अब शक होने लगा है कि हम ओर कितना नीचे गिरेंगे। लेकिन मुझे विश्वास है की मेक्सिको में नरसंहार एक वाटरशेड है।  आप भ्रष्टाचार और ड्रग उत्पादक माफिया जैसे मुद्दों बात करना बंद नहीं कर सकते हैं, । आप शांत नहीं रह सकते हैं, सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछा नहीं छुड़ा सकती है।”

कोर्चादों अपनी बात जारी रखते हैं:

मेरा मानना है कि जो गुरेर्रो में हुआ उससे सब-कुछ साबित हो जाता है। ड्रग माफिया और संगठित अपराध के साथ प्रशासन भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है । आपने स्थानीय और नगरनिगम सरकार की मिलीभगत देखी और शायद सरकार की भी। आपने यह भी देखा की इतने बड़े स्तर पर मिलीभगत के बावजूद लोग दंड से भयमुक्त हैं। इससे बड़ी धृष्टता क्या होगी।

लेकिन मुझे सबसे ज्यादा चिंता मेक्सिको में छायी उदासीनता से है। कुछ वर्ष पहले, मेरा एक साथी जो कुछ ख़ास चीजों के बारे रिपोर्ट नहीं कर पाया, उसने मुझसे कहा “में कुछ नहीं कर सकता क्योंकि मुझे सेंसर कर दिया गया है, लेकिन मेरे पास सुचना है।” वे लोग इस तरह की चीज़ों को प्रकाशित करने के इच्छुक थे, लेकिन आज आप किसी साथी को फोन करें तो कहेगा वह कुछ नहीं जानता है और उसका इससे कोई लेना-देना नहीं है। क्यों? क्योंकि कोई भी किसी बात की परवाह नहीं करता। फिर आप निराशा से भर जाते हैं। में नहीं  मानता की पूरे मेक्सिको में ऐसी स्थिति है, लेकिन कुछ इलाकों में लोग निराश हो चुके हैं। यह एक चिंता की बात है क्योंकि यह सिविल सोसाइटी की और वर्तमान मेक्सिको की बात है।

अब रैली और प्रदर्शनों की भरमार है और उम्मीद है यह जारी रहेगा, लेकिन मसला केवल सड़क पर जाने का नहीं है। लोगों को दूसरों को जिम्मेदार ठहराना सीखना होगा।

20 नवम्बर को ट्विटर पे  #TodosUnidosPorAyotzinapa या  #TodosVestidosDeNegro हैशटैग के नाम से गम का राष्ट्रीय दिवस भी मनाने की तैयारी की गई है ।

सौजन्य: commondreams.org

(अनुवाद:महेश कुमार)

डिस्क्लेमर:- उपर्युक्त लेख मे व्यक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत हैं, और आवश्यक तौर पर न्यूज़क्लिक के विचारो को नहीं दर्शाते ।

मेक्सिको
कोर्चादों
गुरेर्रो
चिल्पन्सिंगो
विरोध प्रदर्शन
लातिन अमरीका

Related Stories

वेदांता की सहायक कंपनी के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन पर पुलिस फायरिंग से 11 लोगों की मौत

अमेरिका और सऊदी अरब के खिलाफ यमन में हज़ारों लोग सडकों पर उतरे

"VC हटाओ JNU बचाओ"- शिक्षा को बचाने हजारों ने निकाला मार्च

गौरी लंकेश की लड़ाई जारी है

भगाना कांड एवं दलितों का संघर्ष


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License