NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
ऑटो टैक्सी चालकों का जंतर-मंतर पर प्रदर्शन, 19 को चक्का जाम की चेतावनी
नए मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के बैनर तले सोमवार को हुए इस प्रदर्शन में ऑटो, काली पीली टैक्सी, ग्रामीण सेवा, स्कूल वैन, एप आधारित टैक्सी, आरटीवी और मिनी बस के करीब 40 संगठन इकट्ठा हुए।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Sep 2019
taxi driver protest

नई दिल्ली: मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव के बाद यातायात नियम तोड़ने पर बढ़ी जुर्माना राशि के विरोध में सोमवार को जंतर मंतर पर ऑटो टैक्सी चालकों ने प्रदर्शन किया। यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के बैनर तले सोमवार को हुए इस प्रदर्शन में ऑटो, काली पीली टैक्सी, ग्रामीण सेवा, स्कूल वैन, एप आधारित टैक्सी, आरटीवी और मिनी बस की यूनियन इकट्ठा हुईं। एसोसिएशन का दावा था कि इस प्रदर्शन में 40 से अधिक संगठन एक साथ एक मंच पर आए हैं।

इस दौरान राज्य और केंद्र सरकार खिलाफ नारे लगाए गए। एसोसिएशन का कहना है कि अगर उन्हें रियायत नहीं दी गई तो 19 सितंबर को दिल्ली में चक्का जाम किया जाएगा। सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को ज्ञापन सौंपने के लिए जाने की बात भी कही, जिसके चलते जंतर मंतर पर दिल्ली पुलिस ने भारी बैरिकेडिंग कर दी।

एसोसिएशन ने संसद मार्ग स्थित परिवहन भवन का घेराव करने की चेतावनी दी है। घेराव में 1000 सार्वजनिक वाहनों के जुटाने का दावा किया गया है। इसमें ट्रक, टेंपो, ऑटो, कैब समेत सभी प्रकार के सार्वजनिक व व्यावसायिक वाहन शामिल हैं।

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि वह सड़क दुर्घटना रोकने के लिए की जा रही सख्ती के विरोध में नहीं हैं, लेकिन जुर्माने की राशि अधिक है। वहीं, यह पूरी तरह से एकपक्षीय है। वाहन मालिकों का भी पक्ष रखा जाना चाहिए था।
IMG-20190916-WA0005.jpg

एसोसिएशन के पदाधिकारी हरीश सब्बरवाल ने न्यूज़क्लिक से कहा कि भारी-भरकम जुर्माने से ट्रांसपोर्टरों का बुरा हाल है। पहले से ही ट्रांसपोर्ट उद्योग मंदी की चपेट में है। अब उनका आर्थिक के साथ मानसिक शोषण बढ़ गया है। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो चक्काजाम निश्चित है। इसमें सभी छोटे-बड़े वाहन शामिल होंगे।

उन्होंने कहा कि वे लोग सड़क दुर्घटना रोकने के सवाल पर मंत्रालय के साथ हैं। पर इतने अधिक जुर्माने से गरीब लोगों का तो दिवाला ही निकल जाएगा। इसलिए इसको कम करने की आवश्यकता है।

आपको बता दें कि पिछले दिनों यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (यूएफटीए) के पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता की थी। इस दौरान उन्होंने नए मोटर वाहन अधिनियम में जुर्माने की राशि को कम करने समेत अपनी चार प्रमुख मांगों के बारे में बताया था। इसमें चालान का अधिकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एसीपी और एसडीएम स्तर के ही अधिकारी को देने, चालान में पारदर्शिता व आधुनिकीकरण को अपनाने, दुर्घटना बीमा में तृतीय पक्ष दायित्व को और स्पष्ट करना भी शामिल है।
IMG-20190916-WA0006.jpg

गौरतलब है कि मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2019 में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के मकसद से काफी कठोर प्रावधान रखे गए हैं। किशोर नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना, बिना लाइसेंस, खतरनाक ढंग से वाहन चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, निर्धारित सीमा से तेज गाड़ी चलाना और निर्धारित मानकों से अधिक लोगों को बैठाकर अथवा अधिक माल लादकर गाड़ी चलाने जैसे नियमों के उल्लंघन पर कड़े जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसमें एंबुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देने पर भी जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है

Auto Taxy driver protest
protest on jantar mantar
New vehicle act
United Front of Transport Association
Increased penalty amount
auto sector

Related Stories

दिल्ली दंगों के दो साल: इंसाफ़ के लिए भटकते पीड़ित, तारीख़ पर मिलती तारीख़

दिल्ली: एसएससी जीडी भर्ती 2018 के अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन

राहुल समेत कई विपक्षी नेताओं ने ‘किसान संसद’ पहुंचकर जताया समर्थन

दिल्ली बलात्कार कांड: जनसंगठनों का कई जगह आक्रोश प्रदर्शन; पीड़ित परिवार से मिले केजरीवाल, राहुल और वाम दल के नेता

महिला किसान संसद, CM येदियुरप्पा का इस्तीफ़ा और अन्य ख़बरें

किसान संसद: अब देश चलाना चाहती हैं महिला किसान

'देशभर में जलाई गई लेबर कोड्स की प्रतियां'

किसान आंदोलन के समर्थन में दिल्ली में महिला, छात्र, मज़दूर संगठनों का हल्ला बोल

कृषि बिल से लेकर ट्रनों की आवाजाही पर रोक तक, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने क्या-क्या आरोप लगाए?

हाथरस केस: ज़िम्मेदारी मुख्यमंत्री की, वे जवाब दें, प्रदर्शनकारियों की मांग


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License