चुनाव आयोग ने आज पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "राजस्थान और तेलंगाना में एक ही दिन सात दिसंबर को मत डाले जाएंगे। वहीं मध्यप्रदेश और मिजोरम में 28 नवंबर को चुनाव होंगे।"
उन्होंने कहा, "छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 12 और 20 नवंबर को चुनाव होंगे।"
मतगणना सभी राज्यों में 11 दिसंबर को होगी। चुनाव की पूरी प्रक्रिया 15 दिसंबर से पहले पूरी कर ली जाएगी। मतदान में आधुनिक ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है जबकि तेलंगाना में विधानसभा भंग हो जाने की वजह से समय से पहले चुनाव कराए जा रहे हैं।
चुनाव आयोग पर सवाल
आज चुनाव तारीखों की जिस तरह घोषणा की गई है उसे लेकर एक बार फिर विवाद उठा है। कांग्रेस ने इस सबको लेकर चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठा दिए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला आज सुबह ट्वीट कर तीन तथ्य सामने रखकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हैं। वे कहते हैं कि चुनाव आयोग आज दिन में साढ़े 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की घोषणा करता है। इस दौरान दोपहर एक बजे प्रधानमंत्री मोदी की राजस्थान के अजमेर में रैली है। फिर अचानक चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस का समय बदलकर दोपहर बाद तीन बजे कर देता है। इस ट्वीट के जरिये वे पूछते हैं कि क्या चुनाव आयोग स्वतंत्र है!
सुरजेवाला चुनाव तारीखों के ऐलान के तुरंत बाद भी ट्विट कर फिर चुनाव आयोग पर हमला करते हैं और पूछते हैं कि क्या बीजेपी सुपर ईसी है?
वे कहते हैं कि बीजेपी आईटी सेल का हेड चुनाव आयोग से पहले ही चुनाव तारीखों का ऐलान करता है (कर्नाटक चुनाव के समय यह विवाद उठा था, जब चुनाव आयोग की घोषणा से पहले ही चुनाव की तारीखें बाहर आ गईं थीं)।
इसी ट्वीट में सुरजेवाला कहते हैं कि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री मोदी की घोषणाओं के लिए गुजरात और हिमाचल के चुनाव अलग-अलग कराता है। और एक बार फिर चुनाव आयोग प्रधानमंत्री मोदी की राजस्थान में सभा के लिए अपना समय बदलता है।
ये सवाल सिर्फ कांग्रेस ने ही उठाए हैं। लगभग पूरा विपक्ष और कई जागरूक पत्रकार भी यही सवाल उठा रहे हैं।
(कुछ इनपुट आईएएनएस)