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भारत
राजनीति
पहलू खान मामले के गवाहों पर जानलेवा हमला, सुरक्षा की मांग
सामाजिक कार्यकर्ता यह माँग कर रहे हैं कि सभी गवाहों को तुरंत ही सुरक्षा प्रदान की जाए। साथ ही यह भी माँग की गयी है कि केस को बहरोड़ से हटा कर जयपुर या दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया जाए।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Sep 2018
pehlu khan
image courtesy: The Statesman

आज शनिवार की सुबह अलवर, राजस्थान के पहलू खान लिंचिंग मामले के गवाहों पर जानलेवा हमला हुआ। ख़बर आ रही है कि यह हमला तब हुआ जब सभी गवाह मेवात, हरियाणा से राजस्थान के बहरोड़ स्थित कोर्ट में गवाही देने जा रहे थे।

अब तक आयी सूचना के अनुसार पहलू खान के बेटे अरशद और इरशाद और इस मामले के दो और गवाह अज़मत और रफ़ीक सुबह एक बोलैरो गाड़ी में बहरोड़ जा रहे थे। नीमराना इलाका पार करने के बाद एक काली स्कॉपियो उनका पीछा करने लगी। हमलावरों की इस गाड़ी ने गवाहों की गाड़ी को ओवरटेक करने का प्रयास किया और गवाहों की गाड़ी पर गोलियाँ भी चलाई। हालाँकि गोली किसी को लगी नहीं। इसके बाद यह काली स्कॉर्पियो जिसपर नंबर प्लेट भी नहीं थी, बहरोड़ की ओर चली गयी। 

इस मामले के वकील असद भी गवाहों की गाड़ी में मौजूद थे। उनका कहना है कि इसके बाद उन्होंने अपनी गाड़ी अलवर की ओर मोड़ ली और अलवर के ज़िला अधिकारी के पास चले गए। उन्होंने बताया कि अब सभी लोग सुरक्षित हैं, लेकिन सदमें में हैं। 

इसके बाद पीयूसीएल की प्रदेश अध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव को अज़मत ने कॉल करके यह खबर दी। उन्होंने इसकी जानकारी इलाके के एसपी को दी जिन्होंने मामले में एफआईआर दर्ज़ करने की बात की है। सामाजिक कार्यकर्ता यह माँग कर रहे हैं कि सभी गवाहों को तुरंत ही सुरक्षा प्रदान की जाए। साथ ही यह भी माँग की गयी है कि केस को बहरोड़ से हटा कर जयपुर या दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया जाए। उनका कहना है कि ऐसा इसीलिए क्योंकि इस पूरे इलाके में डर का माहौल है और यहाँ केस निष्पक्ष तरीके से नहीं लड़ा जा सकता है।

कविता श्रीवास्तव ने डीजी, अलवर एसपी और जयपुर के आईजी को पत्र में लिखा है कि बहरोड़ में स्थिति इतनी ख़राब है कि पिछले साल जब सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर अपनी 'कारवाँ ए मोहब्बत'यात्रा यहाँ  से निकाल रहे थे तो उन्हें पहलू खान के घर वालों से मिलने से खुद पुलिस ने रोका था। पुलिस का कहना था कि इससे इलाके में तनाव पैदा हो सकता है। असल में तथाकथित गौ रक्षकों ने पुलिस को कहा था कि यह इस यात्रा पर हमला कर देंगे। 

पहलू खान के बेटे इरशाद ने मीडिया से कहा है कि उन्हें बहरोड़ पुलिस पर विशवास नहीं है क्योंकि पुलिस ने मामले में सभी छह मुख्य आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है।  इसी वजह से वह अब सीधा एसपी से बात करेंगे। 

बता दें कि 1 जून 2017 को मेवात के एक पशु व्यापारी 55 वर्षीय पहलू खान जब अलवर से गाय खरीदकर हरियाणा जा रहे थे तो भीड़ ने उनपर हमला बोल दिया था। इस हमले में वह बुरी तरह से ज़ख़्मी हुए और 3 अप्रैल को उनकी एक निजी अस्पताल में मौत हो गयी थी। मामले में शुरू से ही ऐसा लगता रहा कि आरोपियों को बचाने का प्रयास हुआ है। 

मामला बाहर आने के बाद सरकार और पुलिस दोनों ही आरोपियों को बचाने और पीड़ित को गाय तस्कर साबित करने में जुट गयी। पिछले साल अक्टूबर में  मामले में 6 मुख्य आरोपियों को पुलिस ने क्लीन चिट देकर बरी कर दिया। इसके बाद सिविल सोसाइटी और वकीलों की एक टीम ने इस मामले में एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट निकली जिसमें चौंकाने  वाले तथ्य  सामने आये। रिपोर्ट में बताया गया कि कैसेFIR दर्ज़  करने में पुलिस ने 4 घंटे  की देरी की, पुलिस थाना  2 किलोमीटर दूर होने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी, उस पुलिस वाले को गवाह नहीं बनाया  गया जो पहलू खान को अस्पताल लेकर गया, पहलू खान ने जिन 6 लोगों का नाम लिया उनका  नाम FIR में शामिल ही नहीं किया गया।  इसी तरह पहलू खान ने इन सभी लोगों के संगठन का नाम भी बताया लेकिन उसे दर्ज़  नहीं किया गया, पुलिस ने सरकारी अस्पताल के बयान पर ध्यान नहीं दिया जिसमें  लिखा था पहलू की हत्या पीटे जाने से आयीं चोटों से हुई बल्कि एक निजी अस्पताल की रिपोर्ट का संज्ञान लिया जिसमें मौत का कारण दिल का दौरा बताया गया था। पुलिस ने FIR में हत्या की कोशिश का यानी धारा 307 के अंतर्गत मामला दर्ज़  ही नहीं किया। मुख्य आरोपियों को बरी करने  के बाद अलवर  पुलिस ने 1 फरवरी को पहलू खान और उनके2 पीड़ित साथियों पर ही गाय तस्करी का मामला दर्ज़  कर दिया। 

लेकिन हाल ही में जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिंचिंग के मामलों में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा मामलों में हर दिन सुनवाई करने के आदेश के बाद पुलिस फिर से कुछ हरकत में आई है। ख़ासकर तब जब सुप्रीम कोर्ट ने रकबर खान मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस को लताड़ा है। यही वजह थी कि पहलू खान के मामले में गवाहों को गवाही देने के लिए बुलाया गया था। 

pehlu khan
Rajasthan
BJP
witness
attack on pehlu khan's sons

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