NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ पूर्व जवान तेज बहादुर का नामांकन रद्द
तेज बहादुर ने कहा कि उनका नामांकन ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के दबाव के चलते तानाशाह तरीके से रद्द कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह नहीं चाहते कि मैं यहाँ से उन के खिलाफ चुनाव लड़ूं।”
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
01 May 2019
तेज बहादुर यादव
फोटो साभार : फेसबुक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर नामांकन करने वाले बीएसएफ़ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द कर दिया गया है। उनके नामांकन पत्र को जिला निर्वाचन अधिकारी ने बुधवार को खारिज कर दिया।

जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने मंगलवार को तेजबहादुर यादव द्वारा पेश नामांकन पत्र के दो सेटों में ‘‘कमियां’’ पाते हुए उनसे बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को कहा था।

यादव से कहा गया था कि वह बीएसएफ से इस बात का अनापत्ति प्रमाणपत्र पेश करें जिसमें उनकी बर्खास्तगी के कारण दिये हों।

इस विषय में यादव का कहना है कि उनका नामांकन ‘‘प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी के दबाव के चलते तानाशाह तरीके से रद्द कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह नहीं चाहते कि मैं यहाँ से उन के खिलाफ चुनाव लड़ूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा आज नामांकन रद्द कर दिया गया जबकि मैंने बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र पेश कर दिया जिसे निर्वाचन अधिकारी ने मांगा था।’’

यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं किसान पुत्र हूं और यहां किसानों एवं जवानों की आवाज उठाने आया हूं।’’

उनके वकील राजेश गुप्ता ने कहा, ‘‘हम उच्चतम न्यायालय से सम्पर्क करेंगे।’’

जिला निर्वाचन कार्यालय से निकले तेज बहादुर और सपा नेताओं ने कहा कि हाईकमान के आदेश पर सर्वोच्च न्यायालय जाने का फैसला किया जाएगा।

नामांकन पत्र के नोटिस के जवाब देने के दौरान तेज बहादुर के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई, जिसके बाद पुलिस ने तेज बहादुर के समर्थकों को कचहरी परिसर से बाहर कर दिया।

गौरतलब है कि यादव ने 24 अप्रैल को पहले निर्दलीय और 29 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर नामांकन किया था। उन्होंने बीएसएफ़ से बर्खास्तगी को लेकर दोनों नामांकनों में अलग अलग दावे किए थे। इस पर जिला निर्वाचन कार्यालय ने यादव को नोटिस जारी करते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश दिया था।

यह प्रमाण पत्र उन्हें बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक जमा करना था। प्रमाण पत्र जमा ना करने की स्थिति में उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया।

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी (सपा) ने वाराणसी में एक बड़ा दांव खेलते हुए प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपना पूर्व घोषित प्रत्याशी बदलते हुए बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था। इससे पहले वे प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे थे।

आपको याद होगा कि सेना में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने के कारण तेज बहादुर बर्खास्त कर दिए गए थे। यह मामला 2017 का है। साल की शुरुआत में ही 9 जनवरी, 2017 को हरियाणा के रेवाड़ी के तेज बहादुर यादव ने सेना में परोसे जा रहे भोजन को सार्वजनिक कर पूरे देश का माहौल सर्दियों में गरमा दिया था।

तेज बहादुर ने जम्मू-कश्मीर में तैनात जवानों को खराब खाना दिये जाने की शिकायत वाले कुछ वीडियो पोस्ट किए थे, जिनके सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वे चर्चा में आ गए। इन वीडियो में सिर्फ हल्दी और नमक वाली दाल और साथ में जली हुई रोटियां दिखाते हुए खाने की गुणवत्ता पर उन्होंने सवाल उठाए थे। वीडियो में उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा समेत कई स्थानों पर इस प्रकार का खाना दिया जाता है और कई बार जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है।

वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और बीएसएफ से मामले पर विस्तृत रपट मांगी थी। इस बीच तेजबहादुर ने वीआरएस के लिए आवेदन किया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। बल्कि उन्हें निर्देश दिया गया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, वह बीएसएफ नहीं छोड़ सकते। इसके विरोध में तेज बहादुर राजौरी स्थित मुख्यालय में भूख हड़ताल पर बैठ गए थे।

बाद में उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया। उन पर सीमा सुरक्षा बल का अनुशासन तोड़ने को लेकर जांच की गई थी। बर्खास्त किए जाने के बाद तेजबहादुर ने फौजी एकता न्याय कल्याण मंच नामक एक एनजीओ बनाया। और फिर मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।

सपा का टिकट मिलने के साथ ही उनको लेकर चुनावी सरगर्मी बढ़ गई थी। वे सपा की ओर से सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन के प्रत्याशी बन गए थे और वाराणसी का चुनाव रोचक कहा जाने लगा था।

हालांकि तेज बहादुर को टिकट देने के बाद भी समाजवादी पार्टी ने अपनी पूर्व घोषित प्रत्याशी शालिनी यादव का पर्चा वापस नहीं कराया था। पार्टी को भी आशंका रही होगी कि तेज प्रताप को किसी न किसी तरह चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है। अब उनका पर्चा रद्द होने के बाद शालिनी यादव ही सपा की अधिकृत प्रत्याशी होंगी।

(समाचार एजेंसी भाषा और आईएएनएस के इनपुट के साथ)

General elections2019
2019 Lok Sabha elections
2019 आम चुनाव
TEJ BAHADUR YADAV
varanasi
Narendra modi
Nomination Canceled
SAMAJWADI PARTY
Gathbandhan
Shalini yadav

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License