माकपा की छात्र एवं युवा शाखा के कार्यकर्ताओं ने जब शुक्रवार को सरकार के सचिवालय की तरफ अपने मांगों को लेकर मार्च किया तो सचिवालय पहुंचने से पहले ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद पुलिस और रैपिड एक्शन बल ने मार्च को रोकने के लिए निहत्थे कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।तकरीबन 500 से अधिक कार्यकर्त्ता और विद्यार्थी घायल हो गए। इस समय हॉस्पिटल में भर्ती हैं।
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पश्चिम बंगाल में युवाओं के वास्ते रोजगार की मांग को लेकर शुक्रवार को राज्य सचिवालय की ओर मार्च कर रहे वाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं के मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने बर्बरता के साथ कार्रवाई की।
स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के सदस्यों ने राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को सिंगूर से रैली निकाली थी। ममता के शासन काल में बेरोजगारों हो रहे हजारों नौजवानों ने इस रैली में हिस्सा लिया। इस रैली का शुक्रवार की दोपहर को राज्य सचिवालय पर समापन होना था।
सूत्रों के अनुसार, माकपा की छात्र एवं युवा शाखा के कार्यकर्ताओं ने जब शुक्रवार को सरकार के सचिवालय की तरफ अपने मांगों को लेकर मार्च किया तो सचिवालय पहुंचने से पहले ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद पुलिस और रैपिड एक्शन बल ने मार्च को रोकने के लिए निहत्थे कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।तकरीबन 500 से अधिक कार्यकर्त्ता और विद्यार्थी घायल हो गए। इस समय हॉस्पिटल में भर्ती हैं।
स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के सेंट्रल कमिटी ने तृणमूल कांग्रेस कार्रवाई का कड़ी निंदा की है। इसके विरोध के खिलाफ 14 सितंबर यानी शनिवार को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने का आह्वाहन दिया है। ताकि सरकार को बताये जा सके जनता सत्ता की दमनात्मक कार्रवाई के सामने झुकाने वाली नहीं है।