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पश्चिम समर्थित सऊदी गठबंधन के द्वारा बमबारी से बर्बाद हो सकता है यमन
एक फ्रेंच अखबार के अनुसार फ्रांस ने होडीदा की लड़ाई में UAE के सैनिकों के साथ अपनी विशेष सेना को भी लड़ने के लिए भेजा था जिससे वह हौथी विद्रोहियों से लोहा ले सकें। 
द डॉन न्यूज़
19 Jun 2018
Translated by ऋतांश आज़ाद
yemen

होदेईदाह बंदरगाह से यमन  को 70 % मानवीय सहायता मिलती है, यही वजह है कि इस इलाके में अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन द्वारा की जा रही बमबारी और वहाँ चल रही लड़ाई से देश की हालत बिगड़ रही है। सऊदी अरब और यूनाइटेड अरब एमिरेट्स, जिन्हें अमेरिका, UK और फ़्रांस का समर्थन  प्राप्त  है, ने लाल सागर के एक मुख्य बंदरगाह के शहर पर हल्ला बोलते हुए होदेईदाह की घेराबंदी कर ली है।  United Nations Office of Coordination of Humanitarian Assistance (OCHA) के मुताबिक गठबंधन की सेनाओं द्वारा  Al Hudaydah  शहर और Ad Durayhimi  ज़िले  के विभिन्न इलाकों में जिसमें Al Hudaydah शहर का  विश्विद्यालय शामिल है, पर हवाई हमलों  की वजह से हज़ारों  स्थानीय लोगों ये इलाके छोड़कर चले गए।  

सऊदी और UAE द्वारा लगातार बम्बारी पर एक स्वतंत्र पत्रकार  मनल काएद  ने रविवार को अल जज़ीरा को बताया "हवाई  जहाज़ ज़मीन के बहुत करीब उड़ते हैं और हमें शहर की सरहदों पर धमाके सुनाई देते हैं। सब परेशान हैं। हमें नहीं पता  क्या होने वाला है।"

मानवतावादी सगठनों का कहना है कि सऊदी के नेतृत्व में सेनाओं द्वारा यमन  में शुरू किये गये युद्ध का ये नया दौर, जो पिछले 4 सालों से जारी है, देश को पूरी तरह बर्बाद कर देगा। होदेईदा का शहर यमन की जीवन रेखा है अगर यह बर्बाद हुआ तो हौथी विद्रोहियों के कब्ज़े वाले क्षेत्र धराशाही हो जायेंगेI राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि गठबंधन सेनाएँ  इस शहर पर कब्ज़ा  करने का प्रयास  कर रही हैं जिससे आम लोगों की और हौथी विद्रोहियों की सप्लाई लाइन को काट दिया जाए और विद्रोहियों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया जाए। 

ये लड़ाई जिसने अब तक 10,000 यमन  नागरिकों की जान ले ली है 2015 में सऊदी अरब और UAE की सेना के हमले के बाद शुरू हुई। ये इसीलिए किया गया क्योंकि शिया हौथी विद्रोहियों ने Abdrabbuh Mansur Hadi की सरकार को गिरा दिया था, इस लड़ाई का मकसद उन्हें फिर सरकार में लाना है।  इस युद्ध में अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन द्वारा की गयी बमबारी ने यमन में स्वास्थ्य, पानी, सेनिटेशन और दूसरी सुविधाओं को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। 2016 में कॉलरा फ़ैल जाने की वजह से 2,000 लोगों की मौत हो गयी और लाखों लोगों की ज़िन्दगी पर भयानक असर पड़ा। 

मानवतावादी संगठनो का कहना है कि यहाँ 2 करोड़ लोगों को मानवीय सहायता की ज़रूरत है, जिनमें से 70 लाख लोग सूखे जैसे हालात झेल रहे हैं और पूरी तरह खाद्य सहायता पर निर्भर हैं।  2,200,000बच्चे कुपोषण के शिकार हैं और इनमें  से 3,85,000 बच्चे जीने  के लिए दवाइयों  पर निर्भर हैं।  अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन के युद्ध अपराधों की काफी निंदा  हुई और इनको मिल रहे पश्चिमी देशों के समर्थन को खत्म करने को भी कहा गया है। एक फ्रेंच अखबार के अनुसार फ्रांस ने होडीदा की लड़ाई में UAE के सैनिकों के साथ अपनी विशेष सेना को भी लड़ने के लिए भेजा था जिससे वह हौथी विद्रोहियों से लोहा ले सकें। 

ब्रूकिंग्स इंस्टिटूशन के एक वरिष्ठ फेलो और CIA के पूर्व  सदस्य  ब्रूस रीडेल ने कहा "अगर अमेरिका  और UK आज रात सलमान (सऊदी के राजा) को कह  दें  कि 'इस लड़ाई को खत्म होना होगा' तो ये लड़ाई कल खत्म हो जाएगी। सऊदी की राजकीय वायु सेना बिना अमेरिकी और ब्रिटिश समर्थन  के काम नहीं कर सकती।"  एक तरफ बमबारी बढ़ती जा रही है और दूसरी तरफ होदेईदाह से  कट जाने की आशंका की वजह से यमन  की 2,70,000 जनता  के सर पर मौत का खतरा बढ़ता जा रहा हैI इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ ने ये चेतावनी दी है कि इस घेरा  बंदी से 2,50,00 लोगों की मौत हो सकती है। 

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