NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
पत्रकार खाशोग्गी हत्याकांड : एर्दोगन-ट्रंप में बात, जर्मनी ने सऊदी को हथियार की ब्रिकी रोकी
पत्रकार खाशोग्गी की मौत के बाद सऊदी अरब लगातार बैकफुट पर है। इस मामले में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप में बात हुई है। उधर जर्मनी ने सऊदी को की जाने वाली हथियारों की बिक्री रोक दी है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Oct 2018
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तइप एर्दोगन। (फाइल फोटो)

पत्रकार जमाल खाशोग्गी की हत्या पर पूरी दुनिया में हलचल है। जर्मनी ने सऊदी को की जाने वाली हथियारों की बिक्री रोकने का ऐलान किया है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तइप एर्दोगन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस मसले पर बात की है और सभी पहलुओं को उजागर करने पर सहमति बनी। उधर सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने भी माना है कि पत्रकार खाशोग्गी की मौत एक बड़ी गलती थी। 

खाशोग्गी पत्रकार और 'वाशिंगटन पोस्ट' के स्तंभकार थे। खाशोग्गी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आलोचक कहे जाते थे। वह दो अक्टूबर को इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास गए थे और तभी से लापता हो गए थे। बाद में (शनिवार) को सऊदी अरब ने स्वीकार किया कि खाशोग्गी की दूतावास के भीतर संघर्ष की दौरान मौत हो गई। हालांकि, सऊदी अरब ने मौत के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। 

जर्मनी ने सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री रोकी 

जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने सऊदी अरब को की जाने वाली हथियारों की बिक्री रोकने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि वह मौजूदा परिस्थितियों में सऊदी अरब को हथियार बेचना जारी नहीं रख सकते।

मर्केल ने बर्लिन में पार्टी के शीर्ष अधिकारियों की बैठक के बाद कहा, "हथियारों के निर्यात के फैसले के कोई आधार प्रतीत नहीं होता।"

मर्केल ने इससे पहले उनकी पार्टी सोशल डेमोक्रेटिक के विदेश मंत्री मेको मास के साथ संयुक्त बयान जारी कर खाशोग्गी की हत्या की निंदा की थी।

इस बयान में कहा गया, "हम खाशोग्गी की मौत के संबंध में सऊदी अरब से पारदर्शिता की उम्मीद करते हैं कि वह इस संबंध में पूरा सच दुनिया के सामने रखे और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कठघरे में खड़ा करे।"

इस दौरान मास ने जर्मनी के चैनल 1 से कहा कि खाशोग्गी की मौत के बाद हम सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री करने जारी नहीं रख सकते। 

एर्दोगन, ट्रंप में चर्चा 

उधर अंकारा से खबर है कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तइप एर्दोगन और उनके अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार रात को पत्रकार जमाल खाशोग्गी की मौत पर चर्चा की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच सहमति बनी कि पत्रकार की मौत के सभी पहलुओं को उजागर किया जाना चाहिए।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय ने इसकी जानकारी दी।

एर्दोगन ने इससे पहले कहा था कि वह मंगलवार को संसद में पार्टी की बैठक के दौरान खाशोग्गी मामले में बयान देंगे। 

सुल्तान और क्राउन प्रिंस ने खाशोग्गी के बेटे को फोन किया 

रियाद से खबर है कि सऊदी अरब के सुल्तान और क्राउन प्रिंस ने पत्रकार जमाल खाशोग्गी के बेटे के प्रति सहानुभूति व्यक्त की है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) ने रविवार को कहा कि सुल्तान सलमान बिन अब्दुल्लाजीज और उनके बेटे मोहम्मद बिन सलमान ने खाशोग्गी के बेटे सलाह जमाल को फोन कर उनसे सहानुभूति जताई।

एसपीए द्वारा अलग से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सलाह ने सुल्तान का आभार जताया और क्राउन प्रिंस द्वारा फोन करने को लेकर उनका शुक्रिया अदा किया। 

पत्रकार खाशोग्गी की मौत गलती थी : सऊदी अरब 

उधर सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल अल-जुबेर ने फॉक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा कि क्राउन प्रिंस को खाशोग्गी की मौत की कोई जानकारी नहीं थी।

इस साक्षात्कार में अल-जुबेर ने खाशोग्गी की मौत को एक भारी गलती करार देते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कठघरे में खड़ा किया जाएगा।

अल जुबेर ने कहा, "उन्होंने गलती की और दूतावास में खाशोग्गी की मौत हो गई और उनकी मौत की खबर को ढकने की कोशिश की गई।"

(इनपुट आईएएनएस)

Saudi Arabian journalist Jamal Ahmad Khashoggi
Saudi Arab
Jamal Khashoggi
Istanbul
Turkey
Donald Trump
angela merkel

Related Stories

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

क्या अमेरिका और यूरोप के करीब आ रहा है तुर्की?

एक साल पहले हुए कैपिटॉल दंगे ने अमेरिका को किस तरह बदला या बदलने में नाकाम रहा

2021 : चीन के ख़िलाफ़ अमेरिका की युद्ध की धमकियों का साल

दुनिया क्यूबा के साथ खड़ी है

यमन में एक बच्चा होना बुरे सपने जैसा है

जर्मनी के चुनावों में सेंटर-लेफ़्ट को मिली बढ़त

रिपोर्ट के मुताबिक सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की जलवायु योजनायें पेरिस समझौते के लक्ष्य को पूरा कर पाने में विफल रही हैं 

फ़ारस की खाड़ी में बाइडेन की नीति

भीड़ ने तुर्की में सीरियाई शरणार्थियों पर हमला किया


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License