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भारत
राजनीति
पत्रकारिता के अपने चालीस सालों में मैंने कभी इतना ज़हरीला माहौल नहीं देखा : निखिल वाघले
एक कन्वेंशन में बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार निखिल वाघले ने कहा कि वैसे पत्रकारों को तो पहले भी धमकियाँ मिलती थीं लेकिन हालात इतने ख़राब नहीं थे जितने आज हैं। आज जो हो रहा है वैसा इस देश के इतिहास में कभी नहीं हुआ और इसके बारे में तात्कालिक तौर पर कुछ करने की ज़रुरत है।
न्यूज़क्लिक प्रोडक्शन
24 Sep 2018

एक कन्वेंशन में बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार निखिल वाघले ने कहा कि वैसे पत्रकारों को तो पहले भी धमकियाँ मिलती थीं लेकिन हालात इतने ख़राब नहीं थे जितने आज हैं। आज जो हो रहा है वैसा इस देश के इतिहास में कभी नहीं हुआ और इसके बारे में तात्कालिक तौर पर कुछ करने की ज़रुरत है। 

toxic atmosphere
freedom of expression
attacks on journalists
nikhil wagle

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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License