NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पत्रकारों पर पाबंदी मामले में केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब तलब
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन द्वारा दायर की गई याचिका पर नोटिस जारी किया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
28 Aug 2019
kashmir

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से, अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने के बाद पत्रकारों पर लगाई गई पाबंदियां समाप्त करने की मांग कर रही एक याचिका पर जवाब मांगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन द्वारा दायर की गई याचिका पर नोटिस जारी किया है।

इस पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस ए नजीर शामिल हैं। पीठ ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से भसीन की याचिका पर सात दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है। याचिका में भसीन ने मोबाइल इंटरनेट और लैंडलाइन सेवाओं समेत संचार के सभी माध्यमों को राज्य में बहाल करने के वास्ते निर्देश देने की मांग की है ताकि मीडिया के लिए काम करने का सही वातावरण बन सके।

आपको बता दें कि इस मामले में चौतरफ़ा दबाव के चलते पहले विरोधी रुख लेने वाली प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने भी अब अपने रुख में बदलाव किया है। इससे पहले एक याचिका में कौंसिल ने सरकार का पक्ष लिया था और घाटी में पाबंदी को जायज ठहराया था।

लेकिन अब उसने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि उसका यह पक्ष नहीं है। कौंसिल ने अपने सदस्यों को इस बात का भरोसा दिलाया है कि वह कोर्ट में प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करेगी। पीसीआई के सचिव अनुपम भटनागर ने इससे संबंधित पत्र भी सुप्रीम कोर्ट को भेज दिया है। जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि कश्मीर टाइम्स की इक्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन की याचिका में कौंसिल प्रेस की स्वतंत्रता के पक्ष में खड़ी होगी।

आपको ये भी बता दें कि इस मामले में पीसीआई के पहले के रुख की हर तरफ़ आलोचना हो रही थी। प्रेस क्लब में भी मंगलवार को एक सभा हुई, जिसमें सर्वसम्मति से कौंसिल के प्रेस विरोधी रवैये के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में कश्मीर में घाटी में मीडिया कर्मियों की गिरफ्तारी और उनके दमन, और वहां दौरे पर गयी दिल्ली की मीडिया की टीम के साथ सुरक्षा बलों के दुर्व्यवहार की भी कड़ी निंदा की गयी। (समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

इसे भी देखें : कश्मीर में मीडिया Black-Out पर अनुराधा भसीन से रूबरू


 

 

 

 

 

 

Kashmir crises
Supreme Court
media par humle
Indian media
Jammu and Kashmir
Article 370
Article 370 Scrapped

Related Stories

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?


बाकी खबरें

  • bulldozer
    न्यूज़क्लिक टीम
    दिल्ली: बुलडोज़र राजनीति के ख़िलाफ़ वामदलों का जनता मार्च
    11 May 2022
    देश के मुसलमानों, गरीबों, दलितों पर चल रहे सरकारी बुल्डोज़र और सरकार की तानाशाही के खिलाफ राजधानी दिल्ली में तमाम वाम दलों के साथ-साथ युवाओं, महिलाओं और संघर्षशील संगठनों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के…
  • qutub minar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब क़ुतुब मीनार, ताज महल से हासिल होंगे वोट? मुग़ल दिलाएंगे रोज़गार?
    11 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा सवाल पूछ रहे हैं कि देश में कभी क़ुतुब मीनार के नाम पर कभी ताज महल के नाम पर विवाद खड़ा करके, सरकार देश को किस दिशा में धकेल रही…
  • sedition
    विकास भदौरिया
    राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट: घोर अंधकार में रौशनी की किरण
    11 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश और न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का हाल का बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकों के असंतोष या उत्पीड़न को दबाने के लिए आपराधिक क़ानून का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, एक आशा…
  • RAVIKANT CASE
    असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!
    11 May 2022
    प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन हमले की FIR लिखाने के लिए पुलिस के आला-अफ़सरों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन आरोपी छात्रों के विरुद्ध अभी तक न तो पुलिस की ओर से क़ानूनी कार्रवाई हुई है और न ही विवि प्रशासन की ओर…
  • jaysurya
    विवेक शर्मा
    श्रीलंका संकट : आम जनता के साथ खड़े हुए खिलाड़ी, सरकार और उसके समर्थकों की मुखर आलोचना
    11 May 2022
    श्रीलंका में ख़राब हालात के बीच अब वहां के खिलाड़ियों ने भी सरकार और सरकार के समर्थकों की कड़ी निंदा की है और जवाब मांगा है। क्रिकेट जगत के कई दिग्गज अपनी-अपनी तरह से आम जनता के साथ एकजुटता और सरकार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License