NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
सोशल मीडिया
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अर्थव्यवस्था
फेसबुक, गूगल को लेकर दुनिया भर में चिंता, ऑस्ट्रेलिया में भी उठी नियंत्रण की मांग
‘‘ उनकी जवाबदेही तय होनी चाहिए और उनकी गतिविधियों को भी अधिक पारदर्शी किए जाने की जरूरत है।’’
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Jul 2019
facebook google
प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार : The Intercept

फेसबुक, गूगल को लेकर विश्वभर में चिंता बढ़ती जा रही है। अभी अमेरिकी नियामक ने डाटा चोरी के मामले में फेसबुक पर 5 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया तो अब ऑस्ट्रेलिया के एक निगरानी समूह ने फेसबुक और गूगल की निजी डेटा तक पहुंच और ऑनलाइन विज्ञापनों पर उसके वर्चस्व को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने का शुक्रवार को सुझाव दिया।

ऑस्ट्रेलिया सरकार ने कहा कि वह निगरानी समूह के 23 सुझावों पर गौर करेगी और साल के अंत तक इसके नियमन संबंधी प्रस्ताव पेश करेगी।

ऑस्ट्रेलिया के वित्त मंत्री जोश फ्राइडेनबर्ग ने ‘ऑस्ट्रेलियन कॉम्पिटिशन एंड कंज्यूमर कमीशन’ की रिपोर्ट का स्वागत किया। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि किन सुझावों को क्रियान्वित किया जाएगा।

फ्राइडेनबर्ग ने कहा, ‘‘ उनकी जवाबदेही तय होनी चाहिए और उनकी गतिविधियों को भी अधिक पारदर्शी किए जाने की जरूरत है। ’’

उन्होंनें कहा, ‘‘ विश्व कभी व्यावसायिक रूप से इतना संवेदनशील नहीं रहा और केवल दो कम्पनियों की व्यक्तिगत डेटा तक पहुंच है।’’

निगरानी समूह ने बताया कि करीब 1.7 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई हर महीने फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं और रोजाना करीब 30 मिनट इस पर बिताते हैं, जबकि 98 प्रतिशत ऑस्ट्रेलियाई गूगल का इस्तेमाल करते हैं।

डाटा चोरी में 5 अरब डॉलर का जुर्माना

आपको बता दें इससे पहले अमेरिकी नियामक ने बुधवार को डाटा चोरी के मामले में फेसबुक पर करीब 34 हजार करोड़ रुपये (5 अरब डॉलर) का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना फेसबुक के बाजार मूल्य का एक फीसदी है। इसी के साथ कंपनी के कारोबार परिचालन पर कई प्रतिबंध भी लगाए गए हैं और उसे अपने लिए एक संशोधित कॉरपोरेट ढांचे की रूपरेखा सौंपने को कहा गया है।

संघीय व्यापार आयोग के मुताबिक, अमेरिका में निजता के उल्लंघन के मामले में किसी कंपनी पर लगाया गया यह अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है। मार्च 2018 में फेसबुक के डाटा लीक का सबसे बड़ा मामला सामने आया था। आयोग ने फेसबुक को यूजर्स के डाटा की गोपनीयता और सुरक्षा में चूक का दोषी पाया है। आयोग के अध्यक्ष जो सिमंस ने कहा कि फेसबुक लगातार वादा कर रहा था कि वह दुनियाभर में इस पर नियंत्रण करने की कोशिश करेगा कि उसके यूजर्स की निजी जानकारी किस तरह से शेयर की जाए। लेकिन फेसबुक ने यूजर्स को निराश किया। सिमंस ने कहा कि आयोग के इतिहास में 5 अरब डॉलर का यह जुर्माना अभूतपूर्व है। यह जुर्माना इसलिए लगाया गया है ताकि भविष्य में होने वाले उल्लंघनों को रोका जा सके। इसके अलावा निजता को लेकर फेसबुक की लगातार उल्लंघनों की संस्कृति को बदला जा सके।

आपको यह भी बता दें कि ब्रिटिश फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका को डाटा लीक करने के मामले में फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग की अमेरिकी संसद में भी पेशी हुई थी। उसके बाद आयोग ने जांच शुरू कर दी थी। कैम्ब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक के 8.7 करोड़ यूजर्स का डाटा हासिल किया था। फेसबुक को इस बात की जानकारी थी।

(एएफपी/भाषा के इनपुट के साथ)

#Facebook
Facebook
google
australia
America

Related Stories

बीजेपी के चुनावी अभियान में नियमों को अनदेखा कर जमकर हुआ फेसबुक का इस्तेमाल

फ़ेसबुक पर 23 अज्ञात विज्ञापनदाताओं ने बीजेपी को प्रोत्साहित करने के लिए जमा किये 5 करोड़ रुपये

अफ़्रीका : तानाशाह सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए कर रहे हैं

हेट स्पीच और भ्रामक सूचनाओं पर फेसबुक कार्रवाई क्यों नहीं करता?

उच्च न्यायालय ने फेसबुक, व्हाट्सऐप को दिए सीसीआई के नोटिस पर रोक लगाने से किया इंकार

विश्लेषण : मोदी सरकार और सोशल मीडिया कॉरपोरेट्स के बीच ‘जंग’ के मायने

कैसे बना सोशल मीडिया राजनीति का अभिन्न अंग?

नए आईटी कानून: सरकार की नीयत और नीति में फ़र्क़ क्यों लगता है?

फेसबुक ने घंटो तक बाधित रखा मोदी के इस्तीफे संबंधी हैशटैग, बाद में कहा गलती से हुआ बाधित

फेसबुक के 53.3 करोड़ प्रयोगकर्ताओं का डेटा ऑनलाइन लीक, भारत के 61 लाख यूजर्स इसमें शामिल


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License