NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
फिर फिसले गिरिराज सिंह
महेश कुमार
02 Apr 2015

गिरिराज सिंह ने एक बार फिर देश की जनता को स्पष्ट तौर बता दिया है कि भाजपा का ‘विकास’ का नारा और सामंती विचार एक साथ चलेंगे। ऐसा नहीं है कि यह अनायास ही उनके मुहं से निकल गया या फिर उनकी ज़बान फिसल गयी। ऐसे जितने भी बयान हैं ये सब भाजपा की विचारधारा का हिस्सा है। भाजपा में नेताओं की जो फौज है उसमें अलग मोर्चों को संभालने वाले नेता मौजूद हैं और जो समय-समय पर अपने विचार देश के सामने रखते रहते हैं। खासतौर पर महिलाओं और अकलियतों के बारे वे  हमेशा अपशब्दों से बाहरी बयानबाजी करते रहते हैं। कभी सोचा है कि भाजपा इस तरह के नेताओं के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं करती? अगर आप भाजपा का पुराना रिकॉर्ड देखें तो हर वह नेता आज भाजपा की अग्रणी कतारों में हैं जिसने इस तरह की अभद्र टिप्पणी की है।

                                                                                                                                

गिरिराज सिंह, जिन्होंने चुनाव के दौरान कहा कि जो लोग नरेन्द्र मोदी के खिलाफ हैं वो पाकिस्तान चले जाएँ। तो सवाल यह उठता है की मोदी की सरकार को देश के 31 प्रतिशत लोगो ने वोट दिया है तो क्या 69 प्रतिशत जनता को देश छोड़ देना चाहिए? मोदी जी उनके इस बयान के बाद उन्हें केन्द्रीय मंत्रीमंडल में जगह दे दी। साक्षी महाराज घर-वापसी से लेकर न जाने अकलियतों के खिलाफ न जाने किस-किस तरह की बयानबाजी करते रहें हैं। वे भी सुरक्षित अपनी सीट से चिपके हुए हैं। भाजपा के और संघ के नेता लगातार हिन्दू महिलाओं का आह्वाहान कर रहे हैं कि 4 से 10 बच्चे पैदा करें ताकि मुसलामानों की बढ़ती आबादी का मुकाबला किया जा सके। उनका डर यह है कि अगर मुसलमान आगे निकल गये तो भारत को हिन्दू राष्ट्र कैसे बनायेंगे। यानी हिन्दू राष्ट्र के कर्ताधर्ताओं के लिए महिला केवल और केवल एक बच्चा पैदा करने की मशीन है। ये सभी नेता या तो मंत्री हैं, सांसद हैं या फिर पार्टी और संघ के भीतर बड़े पदों पर बैठे हुए हैं।

इसलिए मीडिया या देश की जनता को किसी गलत फहमी का शिकार नहीं होना चाहिए कि ये इन नेताओं के निजी विचार हैं। भाजपा और संघ हमेशा से ही चाहे वह देओराला में सती काण्ड का मसला हो या महिलाओं पर ज़ुल्म से जुड़े अन्य मसले हों, वे हमेशा से ही नारी-विरोधी विचारों के पक्षधर रहे हैं। अगर हम ज्यादा दूर न जाएँ और केवल इन दो बयानों पर गौर करें कि हिन्दू महिलाओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए और गिरिराज सिंह का यह बयान कि अगर राजीव गाँधी ने किसी नाईजिरियन लड़की से शादी की होती तो क्या कांग्रेस उसे अपना अध्यक्ष बनाती? महिलाओं के बारे में इस तरह की अभद्र टिप्पणी अगर कोई पार्टी नेता करता है तो इससे साफ़ ज़ाहिर है कि वह पार्टी महिलाओं के खिलाफ है। ये केवल महिला विरोधी ही नहीं बल्कि नस्लवादी विचार हैं और यह हिटलर की विचारधारा का प्रनिधित्व करने वाले लोग हैं जो गोयबल्स को अपना पथ प्रदर्शक मानते हैं।

भाजपा और संघ तथा उसके नेता देश राजनीती को रुढ़िवादी और सामंती विचार की तरफ ले जाना चाहते हैं। इसलिए उनके ये बयान हमेशा किसी न किसी नेता के मुहं से निकलते रहते हैं। उनकी पूरी कोशिश रहती है कि वे हिन्दू समाज में व्याप्त इन रुढ़िवादी और सामंती विचारों का और ज्यादा प्रचार और प्रसार करें। यह सोची समझी विचारधारा का नतीजा है। इसीलिए संघ-भाजपा और उनके नेता हमेशा से प्यार मोहब्बत के खिलाफ रहे हैं और उसमें अगर दो धर्मों के लोग शामिल हो तो धर्म खतरे में पड़ जाता है। लव-जिहाद जैसे नारों का इस्तेमाल भी इसी के लिए किया जाता है ताकि हिन्दू युवतियां अपनी पसंद से किसी और धर्म के लड़के से शादी करने की बात न सोचे। एक प्रगतिशील समाज में हर इंसान को यह हक होना चाहिए कि वह पाने जीवन-साथी को खुद चुने और पानी मर्जी से शादी करे ताकि समाज में फैली दहेज़ जैसी कुरीतियों नाश हो सके। लेकिन ये ताकतें इस तरह नके समाज की कल्पना से ही घबराती हैं और हमेशा अपने सामंती और रुढ़िवादी एजेंडे को लागू करने के लिए तत्पर रहती हैं।

आज जब देश की राजनीती में दक्षिणपंथी झुकाव आया है तो स्थिति और भी ख़तरनाक हो जाती है। इसके विरुद्ध जनता की आवाज़ को हर स्तर पर दबाने की कोशिश की जायेगी और जरूरी हुआ तो देश में आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर दी जायेगी। समाज के अलग-अलग हिस्सों को चाहे वे राजनैतिक पार्टियाँ हो, या फिर जागरूक लोग उन्हें इस लड़ाई में अपने आपको शामिल करना होगा ताकि इस तरह की बयानबाजी बिना चुनौती के खाली न जा पाए। देश में जब भी इस तरह के हालात उभरे हैं, गरीब और मेहनतकशों के सवाल दब गए हैं। देश की जनता को इस बार थोडा ज्यादा सजग होकर रहना होगा ताकि उनको बांटने वाली राजनीती पर नकेल लगाई जा सके। सोचना हम सबको है और पहल भी हम सबको करनी होगी। 

 

डिस्क्लेमर:- उपर्युक्त लेख मे व्यक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत हैं, और आवश्यक तौर पर न्यूज़क्लिक के विचारो को नहीं दर्शाते ।

 

 

 

गिरिराज सिंह
भाजपा
सोनिया गाँधी
एनडीए
नस्लभेद
नरेन्द्र मोदी
साध्वी निरंजन ज्योति
साक्षी महाराज

Related Stories

#श्रमिकहड़ताल : शौक नहीं मज़बूरी है..

पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दामों 10 सितम्बर को भारत बंद

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

अबकी बार, मॉबलिंचिग की सरकार; कितनी जाँच की दरकार!

आरक्षण खात्मे का षड्यंत्र: दलित-ओबीसी पर बड़ा प्रहार

झारखंड बंद: भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त विरोध

झारखण्ड भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल, 2017: आदिवासी विरोधी भाजपा सरकार

यूपी: योगी सरकार में कई बीजेपी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप

मोदी के एक आदर्श गाँव की कहानी

क्या भाजपा शासित असम में भारतीय नागरिकों से छीनी जा रही है उनकी नागरिकता?


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License