NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इज़रायल क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों को मिलाने की योजना से टू नेशन समाधान का अंत हो जाएगा : फ़िलिस्तीनी अथॉरिटी 
फ़िलिस्तीन के प्रधानमंत्री मोहम्मद इश्ताये ने इस साल जनवरी में प्रस्तावित डोनाल्ड ट्रम्प की शांति योजना को ख़ारिज करने की बात को फिर दोहराया है।
पीपल्स डिस्पैच
10 Jun 2020
Mohammad Shtayyeh

अंतर्राष्ट्रीय मीडियाकर्मियों के साथ चर्चा करते हुए फ़िलिस्तीन के प्रधानमंत्री मोहम्मद इश्ताये ने मंगलवार 9 जून को कहा कि पैलिस्टिनियन अथॉरिटी (पीए) ने शांति के लिए यूएस के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रस्ताव को लेकर वैकल्पिक प्रस्ताव (काउंटर प्रोपोजल) भेजा है।

इज़राइल और फ़िलिस्तीनियों के बीच मध्यस्थता करने को लेकर चारों पक्ष को भेजे गए इश्ताये के पीए के प्रस्ताव के अनुसार सैनिकों को हटाने, संप्रभु और स्वतंत्र फ़िलिस्तीन राष्ट्र की चर्चा की गई है जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम बनाई जाए। इस प्रस्ताव में भूमि के कुछ क्षेत्र के आदान-प्रदान की चर्चा की गई है जो "आकार, मात्रा और एक एक की क़ीमत के समान" हो और इसलिए इज़रायल के साथ अंतिम सीमा निर्धारित करने पर बातचीत करने को तैयार है।

इस चारों पक्ष में संयुक्त राष्ट्र (यूएन), संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल है जो 2002 में स्पेन के मैड्रिड में गठित हुआ था जिसका स्थायी कार्यालय क़ब्ज़े वाले पूर्वी यरूशलेम में है।

पीए ने इस साल जनवरी में सामने आए डोनाल्ड ट्रम्प के प्रस्ताव को इज़रायल के लिए एकतरफा और पक्षपाती होने के चलते ख़ारिज कर दिया था। ट्रम्प का ये प्रस्ताव जॉर्डन घाटी सहित क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों को मिलाने के लिए इज़रायल को शक्ति देता है, अवैध बस्तियों पर इज़रायल की संप्रभुता को मान्यता देता है और यरूशलेम पर इज़रायल के दावे को स्वीकार करता है। यह इज़रायल के नेगेव रेगिस्तान में भूमि के एक टुकड़े के साथ साथ खोई हुई फ़िलिस्तीनी भूमि के मुआवजे का प्रस्ताव देता है और सीधे संपर्क में आने के लिए बिखरे हुए फ़िलिस्तीनी भूमि पर राजमार्गों का एक जटिल नेटवर्क का प्रस्ताव देता है।

ट्रम्प के तथाकथित "डील ऑफ द सेंचुरी" से फ़िलिस्तीनियों को यरुशलम के बाहरी हिस्सों में अपनी राजधानी बनाने की उम्मीद है। अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस योजना को अव्यवहार्य मानते हुए ख़ारिज कर दिया है।

इस बीच इज़राइल ने घोषणा की है कि जुलाई में जॉर्डन घाटी सहित अवैध बस्तियों और क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के अन्य हिस्सों को मिलाने का उसका इरादा है। फ़िलिस्तीनियों ने प्रस्तावित इस फैसले के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया है और इश्ताये ने चेतावनी दी है कि इस तरह के किसी भी फैसले से फ़िलिस्तीनियों को एक संविधान के साथ एक स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र की एकतरफा घोषणा के लिए अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए मजबूर किया जाएगा और "फाउंडिंग काउंसिल" इज़रायल के साथ शांति प्रक्रिया की किसी भी संभावना को समाप्त कर देगी।

इश्ताये ने यह भी संकेत दिया कि यदि वह क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों को अवैध तरीक़े से मिलाने का प्रयास करता है तो यूरोपीय संघ इज़रायल पर प्रतिबंध लगा सकता है।

Palestine
Mohammad Shtayyeh
Israel
USA
Donand Trump

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव

अमेरिकी आधिपत्य का मुकाबला करने के लिए प्रगतिशील नज़रिया देता पीपल्स समिट फ़ॉर डेमोक्रेसी

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

छात्रों के ऋण को रद्द करना नस्लीय न्याय की दरकार है

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

पश्चिम बनाम रूस मसले पर भारत की दुविधा


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License