वैश्विक असमानता रिपोर्ट के नये तथ्य और आंकड़े भारत की सामाजिक आर्थिक स्थिति की भयावह तस्वीर पेश करते हैं. आखिर आजादी के इन चौहत्तर वर्षो में हमारे समाज में इस कदर असमानता और दुर्दशा क्यों बढ़ी है? हमारा संविधान समता, स्वतंत्रता और भाईचारे के उसूलो पर टिका है. फिर राष्ट्र-राज्य की नीतियों से असमानता, विद्वेष और बेहाली क्यों बढ़ रही है? क्या राज्य संविधान के उलट आचरण कर रहा है? #HafteKiBaat में वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh का विचारोत्तेजक विश्लेषण.