न्यूज़क्लिक ने हाल ही में भारत और फ़्रांस के बीच हुए राफ़ाल समझौते पर रक्षा विशेषज्ञ डी. रघुनंदन से बात की. रघु के अनुसार ये भारत के लिए घाटे का सौदा है. उन्होंने समझाया कि 126 लड़ाकू विमानों की जगह अब भारत उससे अधिक कीमत पर मात्र 36 विमान खरीद रहा है. भारत की वायुसेना 44 पलटनों की मांग कर रही है और वर्तमान में यह संख्या केवल 33-34 है. अगर लड़ाकू विमानों के पुर्जो की बात की जाए तो इस मामले में भी यह समझौता अधूरा है. भारत केवल विमान खरीद रहा है जबकि तकनीक फ़्रांस के पास ही रहेगी और भविष्य में भारत को पुर्जों के लिए उनके पास ही जाना पड़ेगा.