NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
रेलवे : विभागों के विलय और कर्मचारियों की संख्या में कमी के ख़िलाफ़ यूनियन लामबंद
रेलवे के दो प्रमुख यूनियनों ने इसके लिए सड़कों पर लड़ाई लड़ने की धमकी देते हुए कहा है कि 'इस फ़ैसले का हर क़ीमत पर विरोध करेंगे।’
अरुण कुमार दास
04 Jan 2020
indian railway

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे में कार्यबल में कटौती के साथ सभी विभागों को एक विभाग में विलय करने के लिए उठाए जा रहे क़दम के ख़िलाफ़ रेल यूनियनों ने "हर क़ीमत पर" इन फ़ैसलों का विरोध करने के लिए सड़कों पर लड़ाई लड़ने की धमकी दी है।

हालांकि सभी उत्पादन इकाइयों का निजीकरण करने और निजी ऑपरेटरों को 150 गाड़ियों के संचालन की पेशकश करने के निर्णय को लेकर पहले से ही यूनियनों द्वारा विरोध किया गया है। कैडर के पुनर्गठन और कर्मचारियों की संख्या को कम करने के साथ-साथ देश भर में यूनियन की शाखाओं को कम करने के हालिया फ़ैसले को लेकर दो प्रमुख रेलकर्मियों के यूनियनों ऑल-इंडिया रेलवेमैन फ़ेडरेशन (एआईएरएप) और नेशनल फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन रेलवेमैन (एनएफ़आईआर) की तरफ़ से तीखी प्रतिक्रियाएं दी गई हैं।

इन दोनों यूनियनों ने सरकार के इन फ़ैसलों का विरोध करने के लिए एक साथ खड़े हुए है और रेलवे को "निजी हाथों में बेच दिए जाने" से बचाने को तत्काल रद्द करने की मांग की है।

एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि "हम रेलवे को बदतर हालत में जाने से बचाना चाहते हैं क्योंकि यह देश की जीवन रेखा है। अधिकांश लोग रोज़ाना के सफर के लिए ट्रेनों पर निर्भर हैं और हम इसे एयर इंडिया की तरह बिक जाने के लिए चुप नहीं बैठ सकते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि उनका अगला कदम सरकार के कदम से आम लोगों को जागरूक करके इसे एक जन आंदोलन बनाना था।

मिश्रा ने कहा, "हम पूरे देश में अपने जनसंपर्क कार्यक्रमों के माध्यम से जनता को इसके बारे में जागरूक करेंगे। इस निर्णय को लेकर सभी हितधारकों के साथ चर्चा होनी चाहिए।"

एनएफ़आईआर के महासचिव राघवैया ने भी ऐसा कहा। उन्होंने कहा "हमने रेलवे अधिकारियों को इस तरह के ग़लत क़दमों को न उठाने और इसे आगे नहीं बढ़ाने के लिए एक अल्टीमेटम दिया है।"

हालांकि, यूनियनों के कड़े विरोध का सामना करने के बावजूद रेलवे ने पिछले महीने हुई रेल मंत्री पीयूष गोयल सहित उच्चस्तरीय अधिकारियों के साथ दो दिवसीय मैराथन बैठक (परिवर्तन संगोष्ठी) के बाद 'सुधार-संबंधित’ चरणों की एक श्रृंखला शुरू की है।

रेलवे बोर्ड और कर्मचारियों की संख्या को कम करने और विभागीकरण को समाप्त करने के लिए सभी कैडरों को मिलाने का इस बैठक में निर्णय लिया गया।

रेलवे ने तीन वर्षों में कर्मचारियों पर ख़र्च में 10% की कमी और चरणबद्ध तरीक़े से 30% की कटौती का लक्ष्य रखा है। चूंकि कर्मचारियों पर ख़र्च कुल ख़र्च का 60% से अधिक है इसलिए रेलवे को लगता है कि इसकी वित्तीय व्यवहार्यता अकुशल कर्मचारियों की संख्या को न्यूनतम करने और बोर्ड के सदस्यों की संख्या को मौजूदा आठ से घटाकर पांच करने से आएगी।

इस कमी की वजह से यूनियनों पर असर पड़ने की संभावना है क्योंकि प्रत्येक डिवीजन में लगभग 250 यूनियन पदाधिकारी हैं और पूरे रेलवे में कुल मिलाकर 50,000 हैं। इनमें से कई यूनियन कर्मचारियों, रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा कि इससे कोई विशेष परिणाम नहीं निकला है।

रेलवे चरणबद्ध तरीक़े से कर्मचारियों की संख्या को 50% तक कम करने के लिए आकर्षक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजनाओं (वीआरएस) की पेशकश करके अपने कर्मचारियों की संख्या को कम करना ख़तरनाक तरीक़ा बता रहा है।

दो-दिवसीय बैठक में प्रत्येक मंडल में यूनियन की शाखाओं की संख्या में कमी और यूनियन के पदाधिकारियों को स्थानांतरित और पोस्टिंग के मामले में विशेषाधिकारों में कमी का सुझाव दिया गया।

इस परिवर्तन संगोष्ठी के जवाब में एनआईएफ़आर देश भर में रेलकर्मियों और जनता के बीच रेल बचाओ संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है।

राघवैया ने कहा, "हालांकि हम रेलवे में हितधारक हैं फिर भी हमें इस परिर्वतन संगोष्ठी के लिए बुलाया नहीं गया था। ऐसे दूरगामी फ़ैसले लेने से पहले चर्चा होनी चाहिए थी जो रेलवे को नुकसान पहुंचाने वाले थे।"

सुरक्षा और स्वास्थ्य को छोड़कर सभी आठ विभागों को एक कैडर यानी भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा में विलय किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष प्रस्तावित संगठन के सीईओ भी बनेंगे।

एआरआईएफ़ के मिश्रा ने कहा कि रेलवे को पेशेवर होने की आवश्यकता है और इसे किसी भी क़ीमत पर कमज़ोर नहीं किया जाना चाहिए।

कैडर विलय से लगभग 8,400 ग्रेड वन रेलवे अधिकारियों के प्रभावित होने की संभावना है जो वर्तमान में आठ विभागों जिनमें सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, ट्रैफ़िक, अकाउंट्स, कर्मचारी, सिग्नल और टेलीकम्यूनिकेशन और स्टोर का हिस्सा हैं।

इन यूनियनों के अलावा कई मध्यम स्तर के अधिकारी भी निजी तौर पर मानते हैं कि यह निर्णय "रेलवे को बेहतर होने से ज़्यादा नुकसान पहुंचाएगा क्योंकि किसी भी विभाग की मुख्य कार्यनिर्वाह-क्षमता से समझौता किया जाएगा और जवाबदेही से समझौता किया जाएगा।"

हालांकि, एआईआरएफ़ ने कहा कि यह किराया वृद्धि के 1 जनवरी के फ़ैसले के ख़िलाफ़ नहीं था।

मिश्रा ने कहा, “रेलवे का वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं थी। लोग अधिक भुगतान करने के लिए तैयार हैं बशर्ते उन्हें बेहतर सेवा मिले। इसलिए अगर किराया बढ़ाकर रेलवे सेवा में सुधार कर सकता है तो यह स्वागत योग्य है।"

लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं और लंबे समय से रेलवे से जुड़ी ख़बरों पर लिखते रहे हैं।

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

indian railways
Railway Unions
Rail Cadre Restructuring
Parivartan Sangosthi
piyush goyal
Rail Bachao Sangosthi
AIRF
NFIR

Related Stories

ट्रेन में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट बहाल करें रेल मंत्री: भाकपा नेता विश्वम

केंद्र का विदेशी कोयला खरीद अभियान यानी जनता पर पड़ेगा महंगी बिजली का भार

कोयले की किल्लत और बिजली कटौती : संकट की असल वजह क्या है?

रेलवे में 3 लाख हैं रिक्तियां और भर्तियों पर लगा है ब्रेक

भारतीय रेल के निजीकरण का तमाशा

निजी ट्रेनें चलने से पहले पार्किंग और किराए में छूट जैसी समस्याएं बढ़ने लगी हैं!

भारत में नौकरी संकट जितना दिखता है उससे अधिक भयावह है!

अब उद्योगपति भी "देशद्रोही"?

रेलवे के निजीकरण के ख़िलाफ़ रेल कर्मियों का राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन कल!

कोलकाता मेट्रो ने 2500 से अधिक अस्थायी कर्मचारियों की छंटनी की


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License