NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
रिपोर्ट : भारत में हर आठ में से एक मौत वायु प्रदूषण की वजह से
पूरी दुनिया में भारतीय आबादी 18 फीसदी है लेकिन वायु प्रदूषण की वजह से होने वाली मौतों में इनकी हिस्सेदारी 26 फीसदी है। साल 2017 में वायु प्रदूषण की वजह से तकरीबन 12.4 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
अजय कुमार
08 Dec 2018
AIR POLLUTION
Image Courtesy: Indian Express

आज की दुनिया उपभोग और प्रबन्धन की दुनिया है। इससे इंसान और प्रकृति में सहअस्तित्व की बजाय दोहन ने जगह ले ली है और इसका परिणाम यह हुआ है कि प्रकृति की तबीयत खराब हो रही है और इंसान चुपचाप मरता जा रहा है।
द लांसेट प्लानेट्री हेल्थ जर्नल ने भारत में वायु प्रदूषण पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट के तहत हाल में भारत में आठ में से एक मौत वायु प्रदूषण की वजह से हो रही है। और मौत की यह दर तम्बाकू खाने की वजह से होने वाली मौतों से अधिक है। वायु प्रदूषण की वजह से सबसे अधिक मौतें उत्तर भारत में हुई हैं। यह पहली ऐसी रिपोर्ट है जो वायु प्रदूषण की वजह से इंसानों की जीने के उम्र में होने वाली कमी, उनको होने वाली बीमारी, उनके मृत्यु का आकलन करती है।
पूरी दुनिया में भारतीय आबादी 18 फीसदी है लेकिन वायु प्रदूषण की वजह से होने वाली मौतों में इनकी हिस्सेदारी 26 फीसदी है। साल 2017 में वायु प्रदूषण की वजह से तकरीबन 12.4 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसमें से आधे से अधिक लोगों की मौत 70 साल की उम्र से पहले ही हो गयी। इस रिपोर्ट के तहत वायु प्रदूषण की वजह से सबसे अधिक मौते तकरीबन 2.4 लाख उत्तर प्रदेश, 1.6 लाख महाराष्ट्र और 96 हजार बिहार में हुई हैं। यह रिपोर्ट कहती है कि अगर वायु प्रदूषण में जीने का माहौल नहीं रहता तो भारत में इंसानों की जीने की औसत उम्र में तकरीबन 1.7 साल का इजाफा होता। वायु प्रदूषण की वजह से साँस के संक्रमण की जुड़ी बीमारियाँ, फेफड़ें की बीमारियाँ, हृदय की बीमारियाँ, मधुमेह जैसी कई तरह की बीमारियों की परेशानियों से जूझना पड़ता है। राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों के तहत निर्धारित मानकों को पार करती हुई भारत की 75 फीसदी आबादी हमेशा वायु प्रदूषण की चपेट में रहती है। 
इस मामले में पूरे भारत में दिल्ली के वायु का सबसे खराब रहा है। दिल्ली की वायु में उन सूक्ष्म धूलकणों की संख्या अधिक है जिनका व्यास ढाई माइक्रोन से अधिक है। भारत में थर्मल पॉवर में कोयले का जलना, उद्योग संयंत्रों से खराब हवाओं का उत्सर्जन, यातायात के साधनों से निकला धुआं, शहरों में होने वाले बड़ी निर्माण परियोजनाओं से फैलते धूलकण, खाना बनाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाला जैव इंधन, ईंट भट्टे से निकला धुआं, वाहन जैसे तमाम तरह की आधुनिक गतिविधियाँ वायु प्रदूषण फ़ैलाने का काम करती हैं। इन तमाम कारणों के साथ इस रिपोर्ट में सबसे अधिक ध्यान खाना बनाने वाले जैव इंधनों से होने वाले वायु प्रदूषण की तरफ दिया गया है, जिसकी चपेट में ग्रामीण महिलायें सबसे अधिक आती हैं। इस रिपोर्ट का कहना है कि अगर भारत के माहौल को खुद को वायु प्रदूषण से बचाना है तो उसे विकास के तमाम क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा।

भारत, चीन, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन सहित दुनिया के उन चार देशों में शामिल है जिनकी रोजाना की गतिविधयों की वजह से सबसे अधिक कार्बन उत्सर्जन होता है। आर्थिक तौर पर दमदार बनने के चक्कर में इस साल भारत के कार्बन उत्सर्जन में तकरीबन 6.3 फीसदी बढ़ोतरी होने की सम्भावना है। इसका मतलब यह है कि आने वाले साल में वायु प्रदूषण की वजह से इस साल से अधिक लोगों के मौत की सम्भावना है। लांसेट की रिपोर्ट भी यही कहती है कि वायु प्रदूषण का प्रभाव अल्प विकसित और विकासशील देशों पर सबसे अधिक पड़ रहा है। यानी प्रकृति से प्रेम की जगह प्रबन्धन के सहारे अपनी दुनिया को खूबसूरत बनाने की चाहत बनाने वाले लोग दुनिया को और अधिक बर्बाद करने की राह पर बढ़ते जा रहे हैं और इसे रोकने वाला कोई नहीं है।
 

pollution
Air Pollution
Pollution in India
Pollution in Delhi
Environmental Pollution
report
Lancet Planetary Health

Related Stories

वर्ष 2030 तक हार्ट अटैक से सबसे ज़्यादा मौत भारत में होगी

मध्यप्रदेशः सागर की एग्रो प्रोडक्ट कंपनी से कई गांव प्रभावित, बीमारी और ज़मीन बंजर होने की शिकायत

बिहार की राजधानी पटना देश में सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर

बनारस में गंगा के बीचो-बीच अप्रैल में ही दिखने लगा रेत का टीला, सरकार बेख़बर

दिल्ली से देहरादून जल्दी पहुंचने के लिए सैकड़ों वर्ष पुराने साल समेत हज़ारों वृक्षों के काटने का विरोध

साल 2021 में दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी थी : रिपोर्ट

विश्व जल दिवस : ग्राउंड वाटर की अनदेखी करती दुनिया और भारत

देहरादून: सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के कारण ज़हरीली हवा में जीने को मजबूर ग्रामीण

हवा में ज़हर घोल रहे लखनऊ के दस हॉटस्पॉट, रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तैयार किया एक्शन प्लान

यूपी चुनाव: ' बर्बाद होता कानपुर का चमड़ा उद्योग'


बाकी खबरें

  • maliyana
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल
    23 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह न्यूज़क्लिक की टीम के साथ पहुंची उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के मलियाना इलाके में, जहां 35 साल पहले 72 से अधिक मुसलमानों को पीएसी और दंगाइयों ने मार डाला…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    बनारस : गंगा में नाव पलटने से छह लोग डूबे, दो लापता, दो लोगों को बचाया गया
    23 May 2022
    अचानक नाव में छेद हो गया और उसमें पानी भरने लगा। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते नाव अनियंत्रित होकर गंगा में पलट गई। नाविक ने किसी सैलानी को लाइफ जैकेट नहीं पहनाया था।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी अपडेटः जिला जज ने सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा अपना फैसला, हिन्दू पक्ष देखना चाहता है वीडियो फुटेज
    23 May 2022
    सोमवार को अपराह्न दो बजे जनपद न्यायाधीश अजय विश्वेसा की कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली। हिंदू और मुस्लिम पक्ष की चार याचिकाओं पर जिला जज ने दलीलें सुनी और फैसला सुरक्षित रख लिया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?
    23 May 2022
    2019 के बाद से जो प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं, उनसे ना तो कश्मीरियों को फ़ायदा हो रहा है ना ही पंडित समुदाय को, इससे सिर्फ़ बीजेपी को लाभ मिल रहा है। बल्कि अब तो पंडित समुदाय भी बेहद कठोर ढंग से…
  • राज वाल्मीकि
    सीवर कर्मचारियों के जीवन में सुधार के लिए ज़रूरी है ठेकेदारी प्रथा का ख़ात्मा
    23 May 2022
    सीवर, संघर्ष और आजीविक सीवर कर्मचारियों के मुद्दे पर कन्वेन्शन के इस नाम से एक कार्यक्रम 21 मई 2022 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया मे हुआ।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License