NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सामाजिक कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुक़दमे और दोषियों से दोस्ती
प्रबीर पुरुकायास्थ
14 Feb 2015

गुजरात हाई कोर्ट द्वारा तीत्सा और जावेद आनंद की जमानत याचिका ख़ारिज करना न्याय की प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ है।  हालाकि सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश पर 19 फरवरी तक रोक लगा दी है और उम्मीद है कि वहाँ उन्हें राहत मिलेगी।

गुजरात पुलिस बदले की भावना से अनेक बार ऐसे झूठे केस लगाते आई है जिसकी वजह से  सुप्रीम कोर्ट को अनेक बार दखल देना पड़ा है। यह केस अलग नहीं है। पुलिस ने उनपर गुलबर्ग ट्रस्ट से अपने निजी कार्यों के लिए रुपयों की हेरा फेरी का आरोप लगाया है। ज्यादा भयावाह है गुजरात हाई कोर्ट का आदेश जिसमे उसने कहा है कि बिना तीस्ता और जावेद को हिरासत में लिए ये जांच आगे नहीं बढाई जा सकती। कोर्ट ने ये आदेश जांच अधिकारी द्वारा दायर किए गए हलफनामे के आधार पर दिया है जबकि तीस्ता और आनंद द्वारा दिए गए जवाब पर कोर्ट ने ध्यान नहीं दिया।

                                                                                                                       

2012 में उच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार द्वारा तीस्ता पर 2002 दंगो के पीड़ितों से जबरन उत्खनन के आरोप पर लगाए गए केस को अवैध घोषित कर दिया था। 2005 में भी तीस्ता पर बेस्ट बेकरी केस की मुख्य गवाह ज़हीरा शेख पर दबाव डालने का आरोप था। तब उच्च न्यायालय ने तीस्ता को दोषमुक्त करार दिया साथ ही उसने ज़हीरा को बयान से पलटने का दोषी पाया। 

पुरे देश को पता है कि तीस्ता और उनके जैसे अन्य कार्यकर्ताओं के लगन और संघर्ष के बिना गुजरात दंगो के पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाता। आज भी मोदी गुजरात दंगो  की न्यायिक जांचो से पूरी तरह बरी नहीं हो पाए हैं।  मोदी सरकार की मंत्री माया कोडनानी के अलावा 150 से अधिक लोगो को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। और यह तीस्ता और अन्य कार्यकर्ताओं के सक्रीय संघर्ष के बाद ही संभव हो पाया है जो उन्होंने न्यायालयों में लड़ी है। यह भारतीय न्याय पालिका के इतिहास  में पहली बार हुआ है कि सामूहिक हिंसा के आरोपियों को सजा मिली है। इसलिए तीस्ता और जावेद लगातार मोदी सरकार के निशाने पर रहे हैं।

आरोप लगाया गया है कि यात्रा पर हुए खर्चे का भुगतान ट्रस्ट के रुपयों से किया गया है। पर अगर ट्रस्ट के कार्य के लिए यह यात्रा की गई है तो फिर उसकी भरपाई कहाँ से की गई है, यह सवाल ही नहीं उठाना चाहिए। इस तरह के बेबुनियाद केस किसी मकसद को हासिल करने के लिए बनाए गए हैं और वह है मोदी सरकार के खिलाफ उठ रही आवाज़ को दबाना।

इस केस के नापाक इरादे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुजरात हाई कोर्ट ने अपना फैसला गुरूवार को सुनाया और कुछ ही घंटो में गुजरात पुलिस तीस्ता के घर के बाहर खड़ी थी। ऐसा लग रहा है जैसे फैसला आने से पहले ही वे इस फैसले के लिए तैयार थे।

गुजरात सरकार के इरादे बिलकुल साफ़ हैं। वह इन दो कार्यकर्ताओं को उलझा के रखना चाहती है ताकि वे दंगे के पीड़ितों को न्याय दिलवाने की लड़ाई को उस वक़्त  आगे न बढ़ा सके जब न्याय पालिका अपने शिकंजे इन आरोपियों पर कस रही है।

अनेक राजनैतिक पार्टियाँ, मीडिया और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता और जावेद के पक्ष में आवाज़ उठा रहे हैं।  मोदी सरकार की बदले की भावना उनके रोज के कार्य में साफ़ झलक रही है। दिल्ली चुनाव के तुरंत बाद ही वित्त मंत्रालय ने आप और कांग्रेस के चुनाव खर्च पर जांच बैठा दी जबकि खुद भाजपा ने कही अधिक रुपए चुनाव प्रचार पर खर्च किए हैं। यह साफ़ है कि हिटलरशाही इस सरकार के हर पुर्जे में बसी हुई है। यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि बदले की भावना से उठाए गए किसी भी कदम का पुरजोर विरोध हो और ऐसी राजनैतिक पार्टियों को चुनावों में मुहतोड़ जवाब दिया जाए।

 

(अनुवाद- प्रांजल)

 

डिस्क्लेमर:- उपर्युक्त लेख मे व्यक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत हैं, और आवश्यक तौर पर न्यूज़क्लिक के विचारो को नहीं दर्शाते ।

 

तीस्ता सीतलवाड़
जावेद आनंद
बेस्ट बेकरी
ज़हीरा शेख
माया कोडनानी
नरेन्द्र मोदी
अमित शाह
गुजरात दंगे

Related Stories

पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दामों 10 सितम्बर को भारत बंद

यूपी-बिहार: 2019 की तैयारी, भाजपा और विपक्ष

अहमदाबाद के एक बैंक और अमित शाह का दिलचस्प मामला

उपचुनाव नतीजे: मोदी-शाह पर भारी जनता-लहर!

मीडिया पर खरी खरी – एपिसोड 2 भाषा सिंह के साथ

चीन-भारत संबंधः प्रतिद्वंदी दोस्त हो सकते हैं

जज लोया की मौत से संबंधित सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की

नकदी बादशाह है, लेकिन भाजपा को यह समझ नहीं आता

विपक्ष कुत्ता कुत्ती है तो शाह के लिए मोदी कब विकास से विनाश बन गए?

फिक्स्ड टर्म जॉब्स (सिमित अवधि के रोज़गार) के तहत : मोदी सरकार ने "हायर एंड फायर" की निति को दी स्वतंत्रता


बाकी खबरें

  • Modi
    अनिल जैन
    PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?
    01 Jun 2022
    प्रधानमंत्री ने तमाम विपक्षी दलों को अपने, अपनी पार्टी और देश के दुश्मन के तौर पर प्रचारित किया और उन्हें खत्म करने का खुला ऐलान किया है। वे हर जगह डबल इंजन की सरकार का ऐसा प्रचार करते हैं, जैसे…
  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। महाराष्ट्र में आज तीन महीने बाद कोरोना के 700 से ज्यादा 711 नए मामले दर्ज़ किए गए हैं।
  • संदीपन तालुकदार
    चीन अपने स्पेस स्टेशन में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बना रहा है
    01 Jun 2022
    अप्रैल 2021 में पहला मिशन भेजे जाने के बाद, यह तीसरा मिशन होगा।
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी : मेरठ के 186 स्वास्थ्य कर्मचारियों की बिना नोटिस के छंटनी, दी व्यापक विरोध की चेतावनी
    01 Jun 2022
    प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बिना नोटिस के उन्हें निकाले जाने पर सरकार की निंदा की है।
  • EU
    पीपल्स डिस्पैच
    रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ
    01 Jun 2022
    ये प्रतिबंध जल्द ही उस दो-तिहाई रूसी कच्चे तेल के आयात को प्रभावित करेंगे, जो समुद्र के रास्ते ले जाये जाते हैं। हंगरी के विरोध के बाद, जो बाक़ी बचे एक तिहाई भाग ड्रुज़बा पाइपलाइन से आपूर्ति की जाती…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License