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भारत
राजनीति
सीबीआई के पूर्व चीफ नागेश्वर को नहीं मिली माफ़ी, अवमानना के दोषी करार
सर्वोच्च न्यायालय ने नागेश्वर राव पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही मंगलवार को अदालत चलने तक अदालत में ही एक कोने में बैठे रहने की सज़ा दी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
12 Feb 2019
M. Nageswara Rao

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव को अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया है। 

नागेश्वर राव ने सीबीआई का अंतरिम निदेशक रहने के दौरान शीर्ष अदालत के प्रतिबंध के बावजूद मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले की जांच कर रहे एजेंसी के अधिकारी तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक ए.के. शर्मा का तबादलता कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने इसे अदालत की अवमानना करार देते हुए नागेश्वर राव पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। 

साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने सजा में कहा कि जब तक आज अदालत चलती रहेगी, नागेश्वर राव अदालत में ही एक कोने में बैठे रहेंगे।

गौरतलब है कि ए.के.शर्मा मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले की जांच की अगुवाई कर रहे थे। 

रिपोर्ट के अनुसार सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सवाल किया कि सीबीआई का एक अंतरिम निदेशक अगर इतने सारे ट्रांसफर नहीं करता तो क्या आसमान गिर जाता?

इस दौरान राव की तरफ से पेश हुए एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलील दी कि राव का 30 साल का बेदाग करियर है और वह अपनी गलती के लिए माफी मांग चुके हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह राव के माफीनामे को अस्वीकार करते हैं।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

CBI
Supreme Court
M Nageswara Rao
Contempt of Court
BIHAR SHELTER HOME CASE
MUZAFFARPUR SHELTER HOME CASE
A K SHARMA CBI

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