न्यूज़क्लिक ने शिक्षा के बढ़ते बाज़ारीकरण एवं शैक्षणिक संस्थानों में सरकारों की दखलंदाजी पर दिल्ली विश्वविद्यालय में प्राध्यापक आभा देव हबीब से बात की. आभा ने दिल्ली विश्वविद्यालय का हवाला देते हुए बताया कि यूपीए 2 के कार्यकाल के समय से ही शिक्षा को निजीकरण की तरफ धकेला जा रहा और भाजपा के समय यह और तेज़ हो गया. सेमेस्टर प्रणाली, एफवाययूपी और अब सीबीसीएस इसी तरफ इशारा करते हैं कि सरकारी संस्थानों को दयनीय हालात की तरफ धकेल कर निजी संस्थानों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. इस प्रक्रिया से समाज के आर्थिक तौर पर निचले तबके के लिए उच्च शिक्षा के दरवाज़े बंद हो जायेंगे. साथ ही आभा ने यह भी कहा कि संस्थानों को पुलिस की छावनी बनाकर प्रतिरोध का स्वर दबाने की कोशिश की जा रही है.
