दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ द्वारा आयोजित गोष्ठी में प्रख्यात शिक्षाशाष्त्री अनिल सदगोपाल ने शिक्षा के बढ़ते व्यापारीकरण पर चर्चा की. अनिल के अनुसार शिक्षा में अब हिस्सेदार शिक्षक और अध्यापक नहीं बल्कि व्यापार जगत, डब्लूटीओ और वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाए हैं और इसीलिए यह अब मुनाफा कमाने का जरिया बन गई है. इस बढ़ते नवउदारीकरण के कारण शिक्षा व्यवस्था में प्रतिरोध की जगह नहीं रह गई है और हुकूमत धीरे-धीरे अलग हथकंडे अपनाकर लोकतांत्रिक अधिकारों का भी शोषण करेगा. अनिल के अनुसार शिक्षा व्यवस्था को बचाने का एकमात्र तरीका है जन-आंदोलन, जिन्हें न केवल इन संस्थाओं तक सीमित रखना बल्कि आम जनसमूह तक पहुँचाने का लक्ष्य होना चाहिए.
