NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सिमी एनकाउंटर पर बने जुडिशियल कमिशन की रिपोर्ट तैयार, एमपी पुलिस को क्लीनचिट
इस एनकाउंटर में मारे गए सभी सिमी के विचाराधीन क़ैदी थे. किसी पर भी सिमी का आतंकी होने का आरोप साबित नहीं हो सका था.
सबरंग इंडिया
21 Sep 2017
सिमी एनकाउंटर

31 अक्टूबर 2016 की सुबह भोपाल से सटे ईंटखेड़ी इलाक़े में हुए एनकाउंटर पर न्यायिक आयोग ने अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट तैयार कर ली है. यह रिपोर्ट मध्यप्रदेश के गृह मंत्रालय को सौंप दी गई है.TwoCircles.net को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक़ आयोग ने अपनी रिपोर्ट में एनकाउंटर पर सवाल नहीं उठाया है. एनकाउंटर के बाद ऑपरेशन में शामिल रही टीम की ओर से दर्ज एफ़आईआर में जो कहानी बताई गई थी, कमिशन ने उस पर मुहर लगा दी है.

एकल पीठ वाले इस कमिशन की कमान नवम्बर महीने में रिटायर्ड जज एस.के. पांडेय को सौंपी गई थी. आयोग मोटे तौर पर पांच पहलुओं पर जांच कर रहा था.
1- क्या मुठभेड़ में मारे गए सिमी के आठ विचाराधीन क़ैदी भोपाल की सेंट्रल जेल से फ़रार हुए थे?
2- भोपाल सेंट्रल जेल से फ़रार 8 विचाराधीन क़ैदियों की सूचना पुलिस को कब मिली और पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार करने की क्या कोशिश की?
3- पुलिस की ओर से की गई फायरिंग और क़ैदियों के तरफ़ से हुए हमले की क्या परिस्थितियां थीं? पुलिस ने क्या समुचित बल प्रयोग किया था?
4- स्थानीय नागरिकों की संपूर्ण घटनाक्रम में क्या भूमिका रही?
5- क्या सेन्ट्रल जेल भोपाल से फ़रार सिमी के सभी आठ विचाराधीन क़ैदियों को जीवित गिरफ़्तार किया जाना मुमकिन नहीं था?

कमिशन ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि सिमी के आठों विचाराधीन क़ैदी भोपाल सेंट्रल जेल से फ़रार हुए थे. कमिशन ने यह भी माना है कि विचाराधीन क़ैदियों के पास हथियार थे और सरेंडर करने की मांग पर उन्होंने पुलिस टीमों पर हमला किया. इसके जवाब में हुई कार्रवाई में सभी विचाराधीन क़ैदी मारे गए.रिटायर्ड जज एस.के. पांडेय ने 30 अक्टूबर 2016 की रात सेंट्रल जेल में मुख्य प्रहरी की हत्या के लिए जेल प्रशासन की खिंचाई की है. भविष्य में दोबारा ऐसी घटना ना हो, उसके लिए सुझाव दिए हैं. 

आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इस पर ज़ोर नहीं दिया है कि वारदात की रात भोपाल सेंट्रल जेल के सीसीटीवी काम क्यों नहीं कर रहे थे. सभी क़ैदी जेल तोड़ने में कैसे कामयाब हुए, फिर 12 किलोमीटर तक भागने में कैसे सफल हुए आदि का ब्यौरा नहीं है. 

इस एनकाउंटर के बाद सामने आई तस्वीरों, वीडियो और ऑडियो से ऐसा पता चलता है कि फ़रार क़ैदियों को पकड़ा जा सकता था, लेकिन उन्हें क़रीब से गोली मारी गई. एनकाउंटर के दौरान एक भी गोली एके-47 या इंसास राइफल से क़ैदियों को क्यों नहीं लगी? सभी गोली पिस्टल से शरीर के ऊपरी हिस्से में ही क्यों लगी? इस पर कोई सवाल नहीं किया गया है.

सिमी एनकाउंटर

यह रिपोर्ट तैयार करने वाले जज एस.के. पांडेय ने TwoCircles.net से हुई बातचीत में बताया है कि, उन्होंने अपनी रिपोर्ट तैयार करके जमा कर दी है. विधानसभा के विंटर सेशन में रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी जा सकती है. उन्होंने रिपोर्ट में दर्ज जानकारी देने से मना कर दिया.
इस एनकाउंटर में मारे गए सभी सिमी के विचाराधीन क़ैदी थे. किसी पर भी सिमी का आतंकी होने का आरोप साबित नहीं हो सका था.

 

Courtesy: सबरंग इंडिया ,
Original published date:
21 Sep 2017
सिमी एनकाउंटर
फेक एनकाउंटर
भोपाल
बीजेपी

Related Stories

झारखंड चुनाव: 20 सीटों पर मतदान, सिसई में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में एक ग्रामीण की मौत, दो घायल

झारखंड की 'वीआईपी' सीट जमशेदपुर पूर्वी : रघुवर को सरयू की चुनौती, गौरव तीसरा कोण

हमें ‘लिंचिस्तान’ बनने से सिर्फ जन-आन्दोलन ही बचा सकता है

यूपी-बिहार: 2019 की तैयारी, भाजपा और विपक्ष

असमः नागरिकता छीन जाने के डर लोग कर रहे आत्महत्या, एनआरसी की सूची 30 जुलाई तक होगी जारी

अहमदाबाद के एक बैंक और अमित शाह का दिलचस्प मामला

आरएसएस के लिए यह "सत्य का दर्पण” नहीं हो सकता है

उत्तरपूर्व में हिंदुत्वा का दोगुला खेल

अशोक धावले : मोदी सरकार आज़ाद भारत के इतिहास में सबसे किसान विरोधी सरकार है

छत्तीसगढ़ में नर्सों की हड़ताल को जबरन ख़तम कराया गया


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License