NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सनाउल्ला मुद्दे पर राज्यसभा में उठी जवाबदेही तय करने की मांग
‘‘30 साल तक देश की सेवा करने वाले फौजी को अगर पुलिस की हिरासत में भेजा जा सकता है तो आम आदमी की क्या स्थिति होगी, यह कल्पना से परे है।’’
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
28 Jun 2019
(फाइल फोटो)

राज्यसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने करगिल युद्ध के नायक और राष्ट्रपति पदक से सम्मानित मोहम्मद सनाउल्ला को पिछले दिनों विदेशी नागरिक घोषित किए जाने के बाद गिरफ्तार कर हिरासत केंद्र में भेजे जाने का मुद्दा उठाते हुए शुक्रवार को मांग की कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच की जानी चाहिए और जवाबदेही भी तय की जानी चाहिए।

उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के संजय सिंह ने कहा ‘‘मोहम्मद सनाउल्ला ने 30 साल तक देश की सेवा की। देश की सेना में अपनी सेवाएं देने वाले सनाउल्ला ने न केवल करगिल युद्ध में दुश्मन के दांत खट्टे किए थे बल्कि उनको राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित किया गया है। ऐसे व्यक्ति को विदेशी नागरिक घोषित किया गया और गुवाहाटी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर गोलपाड़ा हिरासत केंद्र भेज दिया। उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया।’’

उन्होंने कहा ‘‘30 साल तक देश की सेवा करने वाले फौजी को अगर पुलिस की हिरासत में भेजा जा सकता है तो आम आदमी की क्या स्थिति होगी, यह कल्पना से परे है।’’

सिंह ने कहा ‘‘इस बात की जांच की जानी चाहिए कि जब सनाउल्ला ने अपने दस्तावेज पेश किए तो उन पर तत्काल कार्रवाई क्यों नहीं की गई ?’’

उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम की जांच करने तथा इसके लिए जवाबदेही तय करने की मांग भी की।

विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।

आपको बता दें कि 2008 में सनाउल्लाह का नाम मतदाताओं की सूची में ‘डी’ (संदिग्ध) मतदाता के रूप में दर्ज किया गया था। इसके बाद कामरूप जिले में विदेशियों के लिए बने न्यायाधिकरण ने इसी जिले के बोको पुलिस थाना क्षेत्र के गांव कोलोहिकाश के निवासी मोहम्मद सनाउल्लाह को ‘विदेशी’ घोषित कर दिया।

सनाउल्लाह ने भारतीय सेना में 1987 से 2017 तक इलेक्ट्रोनिक एंड मैकेनिकल इंजीनियर विभाग में सेवाएं दी हैं और उन्हें 2014 में राष्ट्रपति की तरफ से पदक भी मिल चुका है। वह बीते साल से सीमा पुलिस में बतौर सहायक उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत थे।

तीन दशक तक सेना की सेवाएं देने की वजह से जनदबाव बना। मामला हाईकोर्ट पहुंचा और 8 जून को गुवाहाटी हाईकोर्ट के आदेश पर मोहम्मद सनाउल्लाह को असम के डिटेंशन सेंटर से जमानत पर छोड़ दिया गया। अपनी रिहाई के बाद सनाउल्लाह ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में अपनी परेशानियां भी साझा कीं।

इसे पढ़ें : 'विदेशी’ होने का ठप्पा मुझे लगातार परेशान कर रहा है : सनाउल्लाह

मोहम्मद सनाउल्लाह के जरिये छिड़ी बहस बहुतों के लिए इंसाफ का दरवाजा खटखटा रही है। इसे निश्चित तौर पर सुना और समझा जाना चाहिए।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

इसे भी पढ़ें : एनआरसी : सभी पीड़ित सनाउल्लाह की तरह सैनिक नहीं!

Sanaullah Detention
Goalpara Detention Centre
Ex-Armyman Declared Foreigner
Kargil War Veteran
Assam NRC
Assam Detention Centres
Sanaullah Gets Bail

Related Stories

भारत में लोकतंत्र व संविधान का भविष्य CAA विरोधी आंदोलन की सफलता पर निर्भर

भारत के नागरिकों के नाम खुला ख़त : भारत को सीएए-एनपीआर-एनआरसी नहीं चाहिए

एनपीआर-एनआरसी पर हिंदुओं को भी चिंतित होना चाहिए 

सरकार के विश्वासघात की आशंका ने उत्तर-पूर्व में अशांति को प्रेरित किया

नागरिकता विधेयक : एक विचारहीन और ख़तरनाक क़दम

एनआरसी+सीएबी : संघ परिवार का एक और विभाजनकारी हथियार

असम और एनआरसी पार्ट 2 : बेघर हुए लोगो की आवाज़

एनआरसी पर पश्चिम बंगाल में बढ़ती बेचैनी

एनआरसी पर पीपुल्स ट्रिब्यूनल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उठाए सवाल

क्यों असम में एनआरसी और कश्मीर बना सकता है?


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License