NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
सोशल मीडिया
भारत
राजनीति
सोशल मीडिया पर मोदी के पक्ष में माहौल बनाने वाले अहम किरदार कौन-कौन हैं?
कैसे काफी पहले से कई टीमें सोशल मीडिया पर मोदी के पक्ष में माहौल बनाने के काम में लग गई थीं।
सिरिल सैम, परंजॉय गुहा ठाकुरता
17 Mar 2019
सांकेतिक तस्वीर
Image Courtesy : mapsofindia.com

जनवरी, 2009 में भाजपा को एसएमएस भेजने के लिए किसी कंपनी की तलाश थी। इस प्रक्रिया में मौजूदा रेल मंत्री पीयूष गोयल के संपर्क में उस वक्त नेटकोर के राजेश जैन आए। राजेश जैन की कंपनी को यह काम मिल गया। 

राजेश जैन का परिवार पीढ़ियों से भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करता आया है। यह ठेका मिलने के कुछ समय बाद राजेश जैन ने पूर्व बैंकर अमित मालवीय, वकील हितेश जैन और अन्य लोगों के साथ मिलकर एक टीम बनाई। अमित मालवीय अभी भाजपा आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख हैं। 

इसे भी पढ़ें : किसने गढ़ी मोदी की छवि?

राजेश जैन ने जनवरी, 2009 में बनी इस टीम को नाम दिया ‘फेंड्स ऑफ बीजेपी’, इस टीम को यह काम दिया गया कि वह मध्य वर्ग के लोगों को मोदी का साथ देने के लिए तैयार करे। टीम की शुरुआती कोशिशों से भाजपा को कोई खास लाभ नहीं हुआ। उस साल हुए 15वीं लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की हार हुई।

तकरीबन साल भर बाद अप्रैल, 2010 में राजेश जैन की मुलाकात नरेंद्र मोदी से हुई। इसके बाद जैन ने फिर से पूरी ताकत से काम करना शुरू किया। वे लोकसभा चुनावों को मोदी के पक्ष में ‘लहर वाला चुनाव’ बनाना चाह रहे थे। ये उन्होंने जून, 2011 में खुद एक वेबसाइट पर अपने लेख में लिखा है। 

उस साल राजेश जैन की कोशिशों का कुछ लाभ दिखने लगा। कई बार वे मोदी से मिले। फिर उनकी मुलाकात डॉ. हीरेन जोशी से भी हुई। गुजरात में मोदी के चहेते लोगों में से हीरेन जोशी रहे हैं। 18 साल तक शिक्षण के काम में रहे जोशी को मोदी मुख्यमंत्री रहते हुए अपने साथ काम करने लाए थे। अभी हीरेन जोशी प्रधानमंत्री कार्यालय में ओएसडी के पद पर काम कर रहे हैं और सूचना प्रौद्योगिकी का काम देखते हैं। लेकिन सच तो यह है कि हीरेन जोशी और भी कई क्षेत्रों में दखल रखते हैं।

इसे भी पढ़ें : #सोशल_मीडिया : लोकसभा चुनावों पर फेसबुक का असर?

जैन ने उस वक्त नीति डिजिटल की शुरुआत की। इसका पूरा नाम था न्यू इनिशिएटिव टू ट्रांसफॉर्म इंडिया। जैन ने नीतिसेंट्रल डॉट कॉम के नाम से एक वेबसाइट की शुरुआत की। पत्रकार कंचन गुप्ता को इसका संपादकीय प्रमुख बनाया गया। इस वेबसाइट पर भाजपा के अनुकूल खबरें और विचार प्रकाशित किए जा रहे थे। कंचन गुप्ता इसके पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में प्रधानमंत्री कार्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा के साथ काम कर चुके थे। 

कुछ ही सालों में नीतिसेंट्रल ने मोदी के पक्ष में हवा बनाने में मुख्य भूमिका निभाना शुरू कर दिया। जैन ने इंडिया272 डॉट कॉम भी शुरू किया। लोकसभा में 272 सीटों पर बहुमत मिल जाता है। इस काम में उन्होंने तकनीक के क्षेत्र में काम करने वाले उद्यमी बी.जी. महेश और इन्फोसिस में काम करने का अनुभव रखने वाले शशि शेखर का साथ लिया। शशि शेखर अभी प्रसार भारती के प्रमुख हैं जो सरकारी दूरदर्शन और आकाशवाणी चलाता है। बाद में जैन 272 प्लस अभियान में भी शामिल हो गए जो 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए चलाया गया।

हमने नरेंद्र मोदी का पूरा सोशल मीडिया अभियान डिजाइन करने और इसके क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाने वाले राजेश जैन से उनकी भूमिका के बारे में बातचीत करने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने बात करने से मना कर दिया।

एनडीटीवी में एंकर रहे शिवनाथ ठुकराल वहां से निकलने के बाद एस्सार समूह और कार्नेगी फाउंडेशन में काम करने के बाद फेसबुक इंडिया में चले गए। उन दिनों ठुकराल ने इन्वेस्टमेंट बैंकर रहे अनुज गुप्ता के साथ मिलकर ‘मेरा भरोसा’ और अन्य ऐसे वेब पेज बनाने में हीरेन जोशी की मदद की। गुप्ता लंबे समय तक पीयूष गोयल के साथ जुड़े रहे हैं। अभी वे रेल मंत्री पीयूष गोयल के ओएसडी के पद पर काम कर रहे हैं।

हमारे सोशल मीडिया सीरीज़ के अन्य आलेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :- 

 क्यों फेसबुक कंपनी को अलग-अलग हिस्सों में बांटने की मांग उठ रही है?

 मुफ्त इंटरनेट के जरिये कब्ज़ा जमाने की फेसबुक की नाकाम कोशिश?
क्या सोशल मीडिया पर सबसे अधिक झूठ भारत से फैलाया जा रहा है?

#सोशल_मीडिया : सत्ताधारियों से पूरी दुनिया में है फेसबुक की नजदीकी

जब मोदी का समर्थन करने वाले सुषमा स्वराज को देने लगे गालियां!

फेसबुक पर फर्जी खबरें देने वालों को फॉलो करते हैं प्रधानमंत्री मोदी!

फर्जी सूचनाओं को रोकने के लिए फेसबुक कुछ नहीं करना चाहता!

#सोशल_मीडिया : क्या सुरक्षा उपायों को लेकर व्हाट्सऐप ने अपना पल्ला झाड़ लिया है?

#सोशल_मीडिया : क्या व्हाट्सऐप राजनीतिक लाभ के लिए अफवाह फैलाने का माध्यम बन रहा है?

#सोशल_मीडिया : क्या फेसबुक सत्ताधारियों के साथ है?

#सोशल_मीडिया : क्या नरेंद्र मोदी की आलोचना से फेसबुक को डर लगता है?

#सोशल_मीडिया : कई देशों की सरकारें फेसबुक से क्यों खफा हैं?

सोशल मीडिया की अफवाह से बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा

#Facebook
Real Face of Facebook in India
#socialmedia
Narendra modi
BJP

Related Stories

बीजेपी के चुनावी अभियान में नियमों को अनदेखा कर जमकर हुआ फेसबुक का इस्तेमाल

फ़ेसबुक पर 23 अज्ञात विज्ञापनदाताओं ने बीजेपी को प्रोत्साहित करने के लिए जमा किये 5 करोड़ रुपये

चुनाव के रंग: कहीं विधायक ने दी धमकी तो कहीं लगाई उठक-बैठक, कई जगह मतदान का बहिष्कार

पंजाब विधानसभा चुनाव: प्रचार का नया हथियार बना सोशल मीडिया, अख़बार हुए पीछे

‘बुल्ली बाई’: महिलाओं ने ‘ट्रोल’ करने के ख़िलाफ़ खोला मोर्चा

मुख्यमंत्री पर टिप्पणी पड़ी शहीद ब्रिगेडियर की बेटी को भारी, भक्तों ने किया ट्रोल

सांप्रदायिक घटनाओं में हालिया उछाल के पीछे कौन?

हेट स्पीच और भ्रामक सूचनाओं पर फेसबुक कार्रवाई क्यों नहीं करता?

वे कौन लोग हैं जो गोडसे की ज़िंदाबाद करते हैं?

कांग्रेस, राहुल, अन्य नेताओं के ट्विटर अकाउंट बहाल, राहुल बोले “सत्यमेव जयते”


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License