NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
#सोशल_मीडिया : कई देशों की सरकारें फेसबुक से क्यों खफा हैं?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैलाई जा रही अफवाह भीड़ को उकसाने और उनसे हत्या कराने का काम कर रही है।
सिरिल सैम, परंजॉय गुहा ठाकुरता
06 Feb 2019
सांकेतिक तस्वीर
Image Courtesy: google

वर्ष 2018 में फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग को पांच देशों की सरकारों ने व्यक्तिगत तौर पर एक अंतरराष्ट्रीय समिति के सामने पेश होकर फर्जी खबरें और गलत सूचनाओं के प्रसार के बारे में अपनी बात रखने को कहा। ये पांच देश थे- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, आयरलैंड और ब्रिटेन।

वहीं यूरोप के कई देशों में, अमेरिका में और सिंगापुर में फेसबुक के अधिकारियों की वहां के कानून बनाने वालों ने तीखी आलोचनाएं की हैं। इन्हें यह निर्देश दिया गया कि ये ज्यादा जिम्मेदारी के साथ काम करें। इन्हें यह भी कहा गया कि अगर इनके प्लेटफॉर्म का कोई दुरुपयोग होता है तो इसके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं।

इसे भी पढ़ें : #सोशल_मीडिया : क्या फेसबुक सत्ताधारियों के साथ है?

भारत सरकार ने भी समय-समय पर फेसबुक की इस बात के लिए आलोचना की है कि इसके जरिये गलत सूचनाओं का प्रसार हो रहा है। हालांकि, भारत सरकार ने फेसबुक को इन समस्याओं का समाधान ‘तकनीकी उपायों’ के जरिये करने को कहा है।

केंद्र सरकार में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद कानून मंत्रालय भी संभालते हैं। उन्होंने सितंबर, 2016 में पहली बार यह मांग उठाई कि फेसबुक फर्जी खबरों का प्रसार रोके। इसके बाद से उन्होंने कई बार यह मांग दोहराई है।

इसे भी पढ़ें : #सोशल_मीडिया : क्या व्हाट्सऐप राजनीतिक लाभ के लिए अफवाह फैलाने का माध्यम बन रहा है?

वे कहते हैं, ‘जब कानून लागू करने वाली एजेंसियों द्वारा अनुरोध किया जाए तो यह पता लगाना जरूरी है कि कोई आपत्तिजनक संदेश कहां से फैलना शुरू हुआ है। इस माध्यम के जरिये अफवाह फैलाने के मामले में जवाबदेही तय होनी चाहिए। अगर वे मूक दर्शक बनकर बैठे रहते हैं तो वे भी इन चीजों को बढ़ावा देने के जिम्मेदार माने जाएंगे और उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।’

उसी महीने में पहली बार भारत सरकार ने व्हाट्सऐप से किसी संदेश के स्रोत के बारे में जानने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से दो नोटिस भेजे। मई से जुलाई, 2016 के बीच कम से कम तीन हत्याएं व्हाट्सऐप पर फर्जी खबरों के प्रसार से हुईं। राजस्थान के एक 26 साल के मजदूर की हत्या हुई। यह हत्या आईटी राजधानी माने जाने वाले बेंगलूरु में हुई। उसकी हत्या सिर्फ इसलिए हो गई कि व्हाट्सऐप पर एक फर्जी वीडियो का प्रसार हो गया जिसमें यह दावा किया गया कि बाहर से आने वाले लोग कर्नाटक से बच्चों की चोरी कर रहे हैं। महाराष्ट्र के धुले में पांच लोगों पर इसलिए हमला किया गया कि व्हाट्सऐप के एक फर्जी वीडियो में यह दावा किया गया था कि ये गिरोह मरे हुए बच्चों के अंग चुरा रहा है। इस वीडियो में 2013 में सीरिया में गैस हमले में मरे बच्चों की तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया था। कर्नाटक के बिदर में 32 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हत्या भीड़ ने कर दी सिर्फ इस शक के आधार पर कि एक वीडियो में यह कहा गया कि वह बच्चों का अपहरण कर रहा है। 

इसे भी पढ़ें : सोशल मीडिया की अफवाह से बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा

2017 के जून महीने में झारखंड के रामगढ़ में मीट व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी पर भी भीड़ ने हमला कर दिया। उनकी पत्नी और बेटे को अंसारी की हत्या की जानकारी एक तरह से लाइव ही व्हाट्सऐप के जरिये मिल रही थी लेकिन वे कुछ कर नहीं पाए। इस हत्या में शामिल कुछ लोगों को साल भर बाद केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री जयंत सिन्हा ने माला पहनाकर सम्मानित किया। बाद में उन्होंने इसके लिए माफी मांगी।

जुलाई, 2018 में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार व्हाट्सऐप का हर संदेश नहीं पढ़ना चाहती लेकिन फेसबुक के लिए यह कोई जटिल काम नहीं है कि वह अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके गलत सूचनाओं का प्रसार रोक सके। प्रसाद ने यह भी कहा कि व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कारोबारी तौर पर सफल हो सकते हैं लेकिन उन्हें जिम्मेदारी और जवाबदेही का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि संदेशों के स्रोत पता करने के बारे में व्हाट्सऐप ने जो कदम उठाए हैं, वे सरकार की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं हैं।

इसे भी पढ़ें : #सोशल_मीडिया : क्या नरेंद्र मोदी की आलोचना से फेसबुक को डर लगता है?

 

#socialmedia
Social Media
#Facebook
Facebook India
Real Face of Facebook in India
WhatsApp
rumor
Mark Zuckerberg

Related Stories

विज्ञापन में फ़ायदा पहुंचाने का एल्गोरिदम : फ़ेसबुक ने विपक्षियों की तुलना में "बीजेपी से लिए कम पैसे"  

फ़ेसबुक पर 23 अज्ञात विज्ञापनदाताओं ने बीजेपी को प्रोत्साहित करने के लिए जमा किये 5 करोड़ रुपये

कानून का उल्लंघन कर फेसबुक ने चुनावी प्रचार में भाजपा की मदद की?

रामदेव विरोधी लिंक हटाने के आदेश के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया की याचिका पर सुनवाई से न्यायाधीश ने खुद को अलग किया

यूपी चुनावः कॉरपोरेट मीडिया के वर्चस्व को तोड़ रहा है न्यू मीडिया!

मृतक को अपमानित करने वालों का गिरोह!

फ़ेसबुक/मेटा के भीतर गहरी सड़न: क्या कुछ किया जा सकता है?

आज तक, APN न्यूज़ ने श्रीनगर में WC में पाकिस्तान की जीत का जश्न बताकर 2017 का वीडियो चलाया

हेट स्पीच और भ्रामक सूचनाओं पर फेसबुक कार्रवाई क्यों नहीं करता?

एक व्हिसलब्लोअर की जुबानी: फेसबुक का एल्गोरिद्म कैसे नफ़रती और ज़हरीली सामग्री को बढ़ावा देता है


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License