NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
#सोशल_मीडिया : क्या सुरक्षा उपायों को लेकर व्हाट्सऐप ने अपना पल्ला झाड़ लिया है?
सरकार के चाहने के बावजूद व्हाट्सऐप आखिर क्यों सुरक्षा उपायों को अपनाने के बजाय लोगों को जागरूक करने पर ध्यान देने के पक्ष में है।
सिरिल सैम, परंजॉय गुहा ठाकुरता
09 Feb 2019
सांकेतिक तस्वीर
Image Courtesy: google

व्हाट्सऐप क्या लोगों की सुरक्षा के बारे में चिंता करता है? यह सवाल जब व्हाट्सऐप से हमने पूछा तो उनके एक प्रवक्ता ने हमें तुरंत जवाब भेजा और कहा कि यह प्लेटफॉर्म जनता की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। उन्होंने यह भी कहा कि व्हाट्सऐप भारत के शोध करने वालों के साथ मिलकर फर्जी खबरों का प्रसार रोकने और जन सुरक्षा अभियान चलाने की दिशा में काम कर रहा है। 

इसके कुछ समय बाद व्हाट्सऐप ने संदेशों के साथ ‘फॉरवर्ड’ टैग देना शुरू किया। इसका मतलब यह होता है कि संदेश भेजने वाले ने खुद यह संदेश नहीं बनाया बल्कि उसे भी कहीं से मिला है और वह उसे दूसरों को भेज रहा है। साथ ही व्हाट्सऐप ने एक बार में पांच ही लोगों को कोई संदेश फॉरवर्ड करने की सीमा भी तय कर दी।

30 अक्टूबर, 2018 को व्हाट्सऐप के वैश्विक प्रमुख क्रिस डेनियल्स की मुलाकात केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से हुई। इसके बाद व्हाट्सऐप के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘हमें केंद्रीय मंत्री प्रसाद के साथ सरकार के प्रमुख नेताओं से मिलने का मौका मिला। हम इसकी सराहना करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने हमारे उपभोक्ताओं के संदेशों के इन्क्रीप्शन और निजता का समर्थन किया। व्हाट्सऐप भारत की जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए सिविल सोसाइटी और सरकार के साथ मिलकर यह सुनिश्चत करना चाहता है कि इस प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग न हो।’ 

हालांकि, ऐसी खबरें भी आईं कि डेनियल्स भारत सरकार से इस बात पर नाराज हैं कि व्हाट्सऐप को भुगतान की सेवा शुरू करने की मंजूरी नहीं मिली। डेनियल्स से मिलने वाले एक व्यक्ति ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि उन्हें लगता है कि व्हाट्सऐप उन सभी शर्तों को पूरा करता है जिन्हें पूरा करने पर पेटीएम और गूगल पे को मंजूरी मिली है। इस संदर्भ में उन्होंने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि भारतीय नेताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सब के लिए समान अवसर उपलब्ध हों।

इन्क्रीप्शन और संदेशों के स्रोत के बारे में डेनियल्स की राय यह है कि व्हाट्सऐप प्लेटफॉर्म की परिकल्पना जिस तरह की थी, वह वैसा ही बना रहे। उनका मानना है कि व्हाट्सऐप लोगों के लिए निजी संवाद का माध्यम बना रहे और संदेशों के स्रोत का तब तक पता नहीं लगाया जा सकता जब तक पूरे सिस्टम को फिर से न डिजाइन किया जाए और प्राइवेसी से संबंधित नीतियों में बदलाव न किया जाए।  क्योंकि बगैर नीतियों में बदलाव किए लोगों के संदेशों की पड़ताल नहीं की जा सकती है।

डेनियल्स का यह भी मानना है कि सिर्फ कानून पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है बल्कि लोगों में इस बात को लेकर जागरूकता लानी होगी कि कैसे सुरक्षित रहा जाए। इसमें वे सभी सहभागियों तकनीकी कंपनियों, सिविल सोसाइटी और भारत सरकार की भूमिका देखते हैं।

 

हमारे सोशल मीडिया सीरीज़ के अन्य आलेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करें :-

#सोशल_मीडिया : क्या व्हाट्सऐप राजनीतिक लाभ के लिए अफवाह फैलाने का माध्यम बन रहा है?

#सोशल_मीडिया : क्या फेसबुक सत्ताधारियों के साथ है?

#सोशल_मीडिया : क्या नरेंद्र मोदी की आलोचना से फेसबुक को डर लगता है?

#सोशल_मीडिया : कई देशों की सरकारें फेसबुक से क्यों खफा हैं?

सोशल मीडिया की अफवाह से बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा

Social Media
#socialmedia
Real Face of Facebook in India
#Facebook
WhatsApp

Related Stories

रामदेव विरोधी लिंक हटाने के आदेश के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया की याचिका पर सुनवाई से न्यायाधीश ने खुद को अलग किया

यूपी चुनावः कॉरपोरेट मीडिया के वर्चस्व को तोड़ रहा है न्यू मीडिया!

मृतक को अपमानित करने वालों का गिरोह!

फ़ेसबुक/मेटा के भीतर गहरी सड़न: क्या कुछ किया जा सकता है?

आज तक, APN न्यूज़ ने श्रीनगर में WC में पाकिस्तान की जीत का जश्न बताकर 2017 का वीडियो चलाया

एनसीआरबी रिपोर्ट: ‘फ़ेक न्यूज़’ के मामलों में 214% की बढ़ोतरी

शराब बांटने का वीडियो किसान आंदोलन का नहीं बल्कि लुधियाना का है जहां शराब चढ़ायी जाती है

फ़ेक न्यूज़ आपको कैसे काबू कर लेती है?

फ़ैक्ट-चेक : वायरल तस्वीर में ब्रिटिश पुलिस जिसे कोड़े मार रही है, वो भगत सिंह हैं?

रिपब्लिक भारत ने ‘तालिबान का क्रूर चेहरा’ दिखाते हुए BSP नेता हाजी याक़ूब क़ुरैशी की फ़ोटो दिखायी


बाकी खबरें

  • रवि कौशल
    डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी
    24 May 2022
    दिल्ली विश्वविद्यालय के इस फैसले की शिक्षक समूहों ने तीखी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि इससे विश्वविद्यालय में भर्ती का संकट और गहरा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल
    24 May 2022
    उत्तर बंगाल के ब्रू बेल्ट में लगभग 10,000 स्टाफ और सब-स्टाफ हैं। हड़ताल के निर्णय से बागान मालिकों में अफरा तफरी मच गयी है। मांग न मानने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का संकेत दिया है।
  • कलिका मेहता
    खेल जगत की गंभीर समस्या है 'सेक्सटॉर्शन'
    24 May 2022
    एक भ्रष्टाचार रोधी अंतरराष्ट्रीय संस्थान के मुताबिक़, "संगठित खेल की प्रवृत्ति सेक्सटॉर्शन की समस्या को बढ़ावा दे सकती है।" खेल जगत में यौन दुर्व्यवहार के चर्चित मामलों ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ़…
  • आज का कार्टून
    राम मंदिर के बाद, मथुरा-काशी पहुँचा राष्ट्रवादी सिलेबस 
    24 May 2022
    2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर पर फ़ैसला दिया तो लगा कि देश में अब हिंदू मुस्लिम मामलों में कुछ कमी आएगी। लेकिन राम मंदिर बहस की रेलगाड़ी अब मथुरा और काशी के टूर पर पहुँच गई है।
  • ज़ाहिद खान
    "रक़्स करना है तो फिर पांव की ज़ंजीर न देख..." : मजरूह सुल्तानपुरी पुण्यतिथि विशेष
    24 May 2022
    मजरूह सुल्तानपुरी की शायरी का शुरूआती दौर, आज़ादी के आंदोलन का दौर था। उनकी पुण्यतिथि पर पढ़िये उनके जीवन से जुड़े और शायरी से जुड़ी कुछ अहम बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License