NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सरकार के खिलाफ कार्टून शेयर करने पर बस्तर के पत्रकार पर राजद्रोह का मुक़दमा
"पिछले एक महीने में छत्तीसगढ़ पुलिस ने 7 पत्रकारों के खिलाफ मामले दर्ज़ किये हैं I वो उन पत्रकारों को डराने की कोशिश कर रहे हैं जो रमन सिंह की सरकार के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं I "
रवि कौशल
02 May 2018
jounalist

छत्तीसगढ़ पुलिस ने सोमवार को बस्तर के पत्रकार कमल शुकला पर एक कार्टून (जिसमें सरकार और न्यायपालिका की निंदा की गयी थी) को फेसबुक पर शेयर करने के लिए राज्यद्रोह का केस थोप दिया है I पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि इसकी शिकायत राजस्थान के निवासी द्वारा की गयी जिसने साइबर सेल को इसकी शिकायत की जिन्हें ये कार्टून अपमानजनक लगा I बाद में इसे कंकर पुलिस स्टेशन में ट्रान्सफर कर दिया गया I

हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कंकर के SP के एल ध्रुव ने कहा “हमने राजस्थान के एक व्यक्ति की शिकायत पर शुक्ला पर Indian Penal Code की धारा 124-A (राजद्रोह) के तहत मुकद्दमा दर्ज़ किया I रायपुर में साइबर सेल द्वारा हमे ये केस सौंपा गया I जाँच चल रही है इसपर ज़रूरी कदम उठाये जायेंगे I”

शुक्ला जो कि ‘भूमकाल समाचार’ पत्रिका के संपादक हैं, लगातार फ़र्ज़ी एनकाउंटरों के खिलाफ लिख रहे हैं I शुक्ला ने जो कार्टून शेयर किया उसमें जज बी एच लोया की मौत पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर सवाल उठाये गए थे I

इस बात की पुष्टि फेसबुक पर करते हुए शुकला ने कहा कि बुद्धिजीवी और पत्रकार लगातार लोकतांत्रिक संस्थानों को कमज़ोर किये जाने के खिलाफ लिख रहे हैं I उन्होंने ताज्जुब जताया कि सिर्फ फेसबुक पर एक कार्टून शेयर करने पर इतना कठोर कानून कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है I

शुक्ला ने न्यूज़क्लिक को बताया कि ये पहली बार नहीं है कि राज्य पत्रकारों के खिलाफ राजद्रोह के कानून का इस्तेमाल किया जा रहा है I “ पिछले एक महीने में छत्तीसगढ़ पुलिस ने 7 पत्रकारों के खिलाफ मामले दर्ज़ किये हैं I वो उन पत्रकारों को डराने की कोशिश कर रहे हैं जो रमन सिंह की सरकार के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं I नितिन सिन्हा और सौरभ अग्रवाल पर अपनी पत्रकारिता के ज़रिये आवाज़ उठाने के लिए उनपर मुकदमें थोप दिए गए I”

 “मैं अकेला नहीं हूँ जिसने जज लोया की मौत पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर सावल उठाया है I आम लोग ये आशा कर रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट इसपर एक स्वतंत्र जाँच की अनुमति देगा I इसी तरह विपक्षी पार्टियाँ भी मुख्यन्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग लाने की कोशिश की थी ये यही जताता है कि न्यायपालिका दबाव में काम कर रही है I”

शिकायत के बारे में बात करते हुए शुकला ने कहा कि ये कहना कि ये शिकायत राजस्थान के किसी व्यक्ति ने की है अपने आप में संदेहजनक है I शुक्ला ने अपनी बात पर जोड़ा “IT सेल्स के जैसे ही राजनीतिक पार्टियों ने भी अपने सेल बना रखे हैं जो सोशल मीडिया पर डाली गयी चीज़ों को देखते रहते हैं और जब कुछ चीज़ उनकी नीतियों के खिलाफ होती हैं तो वह उनके खिलाफ शिकायत दर्ज़ कर देते हैं, जिससे व्यक्ति को खामोश किया जा सके I”

छत्तीसगढ़ पुलिस पत्रकारों के खिलाफ कार्यवाहियां करने के लिए प्रख्यात रही है I पत्रकारों को इस बात का भी डर लगता है कि अगर वह Directorate of Public Relations (DPR) के अंतर्गत पंजीकृत नहीं हैं तो उनपर ज़्यादा दमन होगा क्योंकि छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें ही पत्रकार मानती है जो DRP के अंतर्गत पंजीकृत हैं I

मालिनी सुब्रमण्यम जो कि Scroll.in से जुड़े हुए हैं , को बस्तर से ज़बरदस्ती निकाल दिया गया जब उन्होंने इलाके में मानवाधिकार हनन के बारे में लिखा I वह DPR के अंतर्गत पंजीकृत नहीं थीं इसीलिए उन्हें सुरक्षा नहीं दी गयी I इसी तरह सोमारू नाग और संतोष यादव पर सब राजद्रोह का केस थोपा गया जब वह प्रशासन के खिलाफ लिख रहे थे I नाग के परिवार को इसके बारे में 3 दिनों बाद बताया गया I

छत्तीसगढ़
बीजेपी
रमन सिंह
बस्तर
पत्रकार
राजद्रोह

Related Stories

झारखंड चुनाव: 20 सीटों पर मतदान, सिसई में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में एक ग्रामीण की मौत, दो घायल

झारखंड की 'वीआईपी' सीट जमशेदपुर पूर्वी : रघुवर को सरयू की चुनौती, गौरव तीसरा कोण

बैलाडीला : अभी मोर्चा नहीं छोड़ेंगे आदिवासी, धरना-प्रदर्शन जारी

छत्तीसगढ़ के एचएनएलयू के वीसी के खिलाफ छात्र विरोध में क्यों हैं

सुकुमा “मुठभेड़ कांड”: ये किसका लहू है, कौन मरा?

हमें ‘लिंचिस्तान’ बनने से सिर्फ जन-आन्दोलन ही बचा सकता है

यूपी-बिहार: 2019 की तैयारी, भाजपा और विपक्ष

असमः नागरिकता छीन जाने के डर लोग कर रहे आत्महत्या, एनआरसी की सूची 30 जुलाई तक होगी जारी

अहमदाबाद के एक बैंक और अमित शाह का दिलचस्प मामला

आरएसएस के लिए यह "सत्य का दर्पण” नहीं हो सकता है


बाकी खबरें

  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव
    30 May 2022
    जापान हाल में रूस के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने वाले अग्रणी देशों में शामिल था। इस तरह जापान अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है।
  • उपेंद्र स्वामी
    दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना
    30 May 2022
    पूर्व में बाग़ी रहे नेता गुस्तावो पेट्रो पहले दौर में अच्छी बढ़त के साथ सबसे आगे रहे हैं। अब सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले शीर्ष दो उम्मीदवारों में 19 जून को निर्णायक भिड़ंत होगी।
  • विजय विनीत
    ज्ञानवापी केसः वाराणसी ज़िला अदालत में शोर-शराबे के बीच हुई बहस, सुनवाई 4 जुलाई तक टली
    30 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद के वरिष्ठ अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने कोर्ट में यह भी दलील पेश की है कि हमारे फव्वारे को ये लोग शिवलिंग क्यों कह रहे हैं। अगर वह असली शिवलिंग है तो फिर बताएं कि 250 सालों से जिस जगह पूजा…
  • सोनिया यादव
    आर्यन खान मामले में मीडिया ट्रायल का ज़िम्मेदार कौन?
    30 May 2022
    बहुत सारे लोगों का मानना था कि राजनीति और सांप्रदायिक पूर्वाग्रह के चलते आर्यन को निशाना बनाया गया, ताकि असल मुद्दों से लोगों का ध्यान हटा रहे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिमाचल : मनरेगा के श्रमिकों को छह महीने से नहीं मिला वेतन
    30 May 2022
    हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में मनरेगा मज़दूरों को पिछले छह महीने से वेतन नहीं मिल पाया है। पूरे  ज़िले में यही स्थिति है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License