NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
नज़रिया
भारत
सुप्रीम कोर्ट ने HC को पुलिस बलों में ख़ाली पड़े पदों को लेकर मुक़दमा दायर करने को कहा
मनीष कुमार ने 2013 में रिट याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि सभी स्तरों पर पुलिस सेवा में बड़ी संख्या में रिक्तियों के कारण क़ानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है।

लाइव लॉ
22 Mar 2019
POLICE
Image courtesy: geo.tv

सुप्रीम कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों से अनुरोध किया है कि वे संबंधित राज्यों में पुलिस बलों में विभिन्न पदों पर बड़ी संख्या में रिक्तियों को भरने के संबंध में ख़ुद ही संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर करें।

भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने रजिस्टर को संबंधित उच्च न्यायालयों को इस संबंध में दायर एक रिट याचिका से संबंधित सभी रिकॉर्ड हस्तांतरित करने का निर्देश दिया।

मनीष कुमार ने 2013 में रिट याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि सभी स्तरों पर पुलिस सेवा में बड़ी संख्या में रिक्तियों के कारण क़ानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है। इसके बाद, अदालत के निर्देश पर कई राज्यों ने इस मामले पर हलफ़नामा और स्थिति रिपोर्ट दायर की है।

बाद में, रिट याचिका में संशोधन किया गया था, और अब इसमें निम्नलिखित राहत दी गई है:

1. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पुलिस के आरोप से निपटने के लिए पुलिस आयोग का गठन करने, पुलिस की शिकायतों के निवारण और पुलिस बल के कल्याण के लिए सिफ़ारिशें करने का निर्देश दिया गया है।

2.  2009  के एक  गए फ़ैसले  में माननीय न्यायालय द्वारा सुझाए गए दिशानिर्देशों का संदर्भ देते हुए हिंसक जन आंदोलन और जीवन और संपत्ति के विनाश को रोकने और नियंत्रण के लिए दिए गए दिशानिर्देश तैयार करने और लागू करने के लिए राज्यों को निर्देश दिया है।

3. पुलिस और राज्य सशस्त्र बलों में रिक्त पदों को भरने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश, ताकि पुलिस बलों पर भार कम हो सके।

4. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समय-समय पर प्रशिक्षण और पुलिस बल के उन्नयन (अपग्रडेशन) और पुलिस कर्मियों के लिए काम करने के घंटे तय करने के निर्देश दिए हैं।

5. हिंसक जन आंदोलन की मीडिया रिपोर्टिंग और इसकी रोकथाम और नियंत्रण के लिए पुलिस कार्रवाई के लिए दिशानिर्देश देने के लिए भारत सरकार को कहा है।

6. आदेश या निर्देश राज्यों को संवैधानिक और वैधानिक दायित्वों के तहत पुलिस की कार्रवाई के ख़िलाफ़ एक अनुमान लगाने से रोकते हैं।

जब इस मामले को पिछले हफ़्ते उठाया गया था, तो बेंच ने देखा:

"रिकॉर्ड पर सामग्री और समय-समय पर इस न्यायालय द्वारा पारित आदेशों से यह प्रतीत होता है कि आज तक रद्द किए गए मुख्य मुद्दों में से एक राज्यों में पुलिस बलों में विभिन्न पदों में बड़ी संख्या में रिक्तियों को भरना है। इस संबंध में विस्तृत शपथ पत्र बड़ी संख्या में राज्यों द्वारा दायर किए गए हैं। किसी समय तथ्यात्मक मैट्रिक्स को देखते हुए यह न्यायालय के चिंतन में था कि इस मामले को प्रभावी निगरानी के बजाय उच्च न्यायालय को भेजा जाए। यह अदालत वर्तमान रिट याचिका के साथ जारी है। मुद्दा और समस्याएँ राज्य विशिष्ट हैं और इसीलिए संबंधित उच्च न्यायालयों द्वारा उचित तरीक़े से निपटा जा सकता है।"

अदालत ने तब आदेश दिया था:

"हमारा विचार है कि शपथपत्रों में शामिल प्रत्येक राज्यों से संबंधित रिकोर्डों को भेजा जाए। उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्री के माध्यम से संबंधित उच्च न्यायालयों की रजिस्ट्री को उच्च न्यायालय के नयायाधीश को इस अनुरोध के साथ स्वयं इस मामले का संज्ञान ले जनहित याचिका के रूप में समय-समय पर की गई शिकायतों और प्रार्थनाओं का निराकरण करें।"

           

Supreme Court
CJI Ranjan Gogoi
Justice Deepak Gupta
Justice Sanjiv Khanna
Police Vacancies
high court

Related Stories

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

ख़बरों के आगे पीछे: बुद्धदेब बाबू को पद्मभूषण क्यों? पेगासस पर फंस गई सरकार और अन्य

नफ़रत फैलाने वाले भाषण देने का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

जानिए: अस्पताल छोड़कर सड़कों पर क्यों उतर आए भारतीय डॉक्टर्स?

नज़रिया: जस्टिस बोबडे पूरे कार्यकाल के दौरान सरकार के रक्षक-प्रहरी बने रहे

बतकही: अब तुमने सुप्रीम कोर्ट पर भी सवाल उठा दिए!

किसान आंदोलन को खालिस्तानी से जोड़ना क्यों मोदी जी ?

शुक्रिया सुप्रीम कोर्ट...! लेकिन हमें इतनी 'भलाई' नहीं चाहिए

राम के नाम पर देश में फिर नब्बे के दशक जैसा माहौल बनाने की कोशिश!

असंवेदनशील शासन व्यवस्था और झुग्गियों की पीड़ा


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License