२ अक्टूबर गांधी जयंती के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की और भारत को २०१९ तक स्वच्छ करने का लक्ष्य बताया। इस अभियान के राजनैतिक और सामाजिक कारणों पर न्यूज़क्लिक ने अम्बेडकर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक सलिल मिश्रा से चर्चा की। भारत को स्वच्छ करने के क्या सरकार के प्रयास काफी हैं ? क्या पर्यावरण के लिए दी जाने वाली मंजूरियों को आसान करना और स्वच्छ भारत अभियान को चलाना अपने आप में एक विरोधाभास नहीं है ? शहरों में पायी जाने वाली विशेष गंदगी से कैसे निपटा जाये ,जातिगत व्यवस्था को इस तरह की योजनाओं से कैसे चुनौती दी जा सकती है, मोदी की योजना और गाँधी की सोच में क्या फर्क है, इन सभी मुद्दों पर सलिल मिश्रा ने प्रकाश डाला
