NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
'तन्हा गए क्यों अब रहो तन्हा कोई दिन और' ग़ालिब 223वीं जयंती पर विशेष
मिर्ज़ा ग़ालिब 1797 में 27 दिसंबर को आगरा में पैदा हुए। आज उनकी 223वीं जयंती है। आइये आज पढ़ते हैं उनकी वह ग़ज़ल जो उनके भतीजे की मौत पर लिखी गई थी।
न्यूज़क्लिक डेस्क
27 Dec 2020
ग़ालिब 223वीं जयंती पर विशेष

मिर्ज़ा ग़ालिब 1797 में 27 दिसंबर को आगरा में पैदा हुए। आज उनकी 223वीं जयंती है। आइये आज पढ़ते हैं उनकी वह ग़ज़ल जो उनके भतीजे की मौत पर लिखी गई थी।

दरअसल ग़ालिब और उनकी बेग़म उमराव के कुल 7 बच्चे पैदा हुए, मगर किसी भी बच्चे की उम्र 15 महीने से ज़्यादा नहीं हुई। लिहाज़ा अकेलेपन और उदासी की वजह से ग़ालिब ने बेग़म उमराव के भतीजे आरिफ़ को गोद लिया, मगर आरिफ़ की भी 34 साल की उम्र में मौत हो गई। उसके बाद हुई ये ग़ज़ल जिसमें ग़ालिब लिखते हैं, 
"हाँ ऐ फ़लक-ए-पीर जवाँ था अभी आरिफ़,
क्या तेरा बिगड़ता जो न मरता कोई दिन और"

पढ़िये ग़ालिब की ग़ज़ल,

लाज़िम था कि देखो मिरा रस्ता कोई दिन और 
तन्हा गए क्यूँ अब रहो तन्हा कोई दिन और 

मिट जाएगा सर गर तिरा पत्थर न घिसेगा 
हूँ दर पे तिरे नासिया-फ़रसा कोई दिन और 

आए हो कल और आज ही कहते हो कि जाऊँ 
माना कि हमेशा नहीं अच्छा कोई दिन और 

जाते हुए कहते हो क़यामत को मिलेंगे 
क्या ख़ूब क़यामत का है गोया कोई दिन और 

हाँ ऐ फ़लक-ए-पीर जवाँ था अभी आरिफ़ 
क्या तेरा बिगड़ता जो न मरता कोई दिन और 

तुम माह-ए-शब-ए-चार-दहुम थे मिरे घर के 
फिर क्यूँ न रहा घर का वो नक़्शा कोई दिन और 

तुम कौन से थे ऐसे खरे दाद-ओ-सितद के 
करता मलक-उल-मौत तक़ाज़ा कोई दिन और 

मुझ से तुम्हें नफ़रत सही नय्यर से लड़ाई 
बच्चों का भी देखा न तमाशा कोई दिन और 

गुज़री न ब-हर-हाल ये मुद्दत ख़ुश ओ ना-ख़ुश 
करना था जवाँ-मर्ग गुज़ारा कोई दिन और 

नादाँ हो जो कहते हो कि क्यूँ जीते हैं 'ग़ालिब' 
क़िस्मत में है मरने की तमन्ना कोई दिन और 

इसे भी पढ़ें : …दिस नंबर डज़ नॉट एग्ज़िस्ट, यह नंबर मौजूद नहीं है

इसे भी पढ़ें : नशा और होश : विश्व नागरिक माराडोना को समर्पित कविता

इसे भी पढ़ें :  “तुम बिल्‍कुल हम जैसे निकले, अब तक कहाँ छिपे थे भाई…”

इसे भी पढ़ें : ...कोई ठहरा हो जो लोगों के मुक़ाबिल तो बताओ

इसे भी पढ़ें : कुर्सीनामा : कुर्सी ख़तरे में है तो देश ख़तरे में है… कुर्सी न बचे तो...

mirza ghalib
Ghalib 223rd Birth Anniversary
Sunday Poem
Hindi poem
ghazal

Related Stories

वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!

इतवार की कविता: भीमा कोरेगाँव

सारे सुख़न हमारे : भूख, ग़रीबी, बेरोज़गारी की शायरी

इतवार की कविता: वक़्त है फ़ैसलाकुन होने का 

...हर एक दिल में है इस ईद की ख़ुशी

जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र: एक कवि का बयान

सर जोड़ के बैठो कोई तदबीर निकालो

लॉकडाउन-2020: यही तो दिन थे, जब राजा ने अचानक कह दिया था— स्टैचू!

इतवार की कविता: जश्न-ए-नौरोज़ भी है…जश्न-ए-बहाराँ भी है

इतवार की कविता: के मारल हमरा गांधी के गोली हो


बाकी खबरें

  • MUNDIKA
    मुकुंद झा, रौनक छाबड़ा
    मुंडका अग्निकांड: लापता लोगों के परिजन अनिश्चतता से व्याकुल, अपनों की तलाश में भटक रहे हैं दर-बदर
    14 May 2022
    संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में, जहां शवों और घायल लोगों को चिकित्सा सहायता के लिए लाया गया था, वहां लोगों में निराशा के दृश्य थे, क्योंकि परिवार के सदस्य अपने परिजनों के बारे में कुछ जानकारी की…
  • FINALS
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बैडमिंटन टूर्नामेंट: 73 साल में पहली ‘थॉमस कप’ का फाइनल खेलेगा भारत
    14 May 2022
    बैडमिंटन टूर्नामेंट में भारत ने इतिहास रच दिया है, 73 साल में पहली बार भारत थॉमस कप के फाइनल में पहुंचा है।
  • Congress
    न्यूज़क्लिक टीम
    कांग्रेस का उदयपुर चिंतन शिविर: क्या सुधरेगी कांग्रेस?
    14 May 2022
    लंबे अरसे बाद कांग्रेस विधिवत चिंतन कर रही है। इसके लिए उसने उदयपुर में चिंतन शिविर आयोजित किया। वर्षो से बेहाल कांग्रेस को क्या ऐसे शिविर से कुछ रास्ता दिखेगा? क्या उसका राजनीतिक गतिरोध खत्म होगा? #…
  • Indian Muslims
    न्यूज़क्लिक टीम
    हम भारत के लोगों की कहानी, नज़्मों की ज़ुबानी
    14 May 2022
    न्यूज़क्लिक के इस ख़ास कार्यक्रम 'सारे सुख़न हमारे' के इस एपिसोड में हम आपको सुना रहे हैं मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा, और मुसलमान होने के मायनों से जुड़ी नज़्में।
  • sugaercane
    अमेय तिरोदकर
    महाराष्ट्र में गन्ने की बम्पर फसल, बावजूद किसान ने कुप्रबंधन के चलते खुदकुशी की
    14 May 2022
    मराठवाड़ा में जहां बड़े पैमाने पर गन्ने की पैदावार हुई है, वहां 23 लाख टन गन्ने की पेराई सरकार की कुव्यवस्था से अभी तक नहीं हुई है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License