NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
त्रिपुरा में निष्पक्ष चुनाव एक बड़ी चुनौती, 168 बूथों पर पुनर्मतदान 12 मई को
त्रिपुरा पश्चिम संसदीय क्षेत्र की 26 विधानसभा सीटों में 168 बूथों पर 12 मई को पुनर्मतदान होगा। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने यहां बुधवार को यह जानकारी दी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 May 2019
TRIPURA

अगरतला। त्रिपुरा में निष्पक्ष चुनाव वाकई एक गंभीर मसला बन गया है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर चुनाव में बड़े पैमाने पर हिंसा और धांधली का आरोप है। यही वजह है कि पहले त्रिपुरा पूर्वी का दूसरे चरण में 18 अप्रैल को होने वाला चुनाव तीसरे चरण में 23 मई को कराया गया और अब पहले चरण में 11 अप्रैल को त्रिपुरा पश्चिम सीट पर कराए गए चुनाव को लेकर पुनर्मतदान की नौबत आई है।   

त्रिपुरा पश्चिम संसदीय क्षेत्र की 26 विधानसभा सीटों में 168 बूथों पर 12 मई को पुनर्मतदान होगा। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने यहां बुधवार को यह जानकारी दी।

चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) श्रीराम तरनीकांति को दिए पत्र में कहा है कि सीईओ, विशेष पर्यवेक्षक, महा पर्यवेक्षक और निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट्स के आधार पर, आयोग ने 11 अप्रैल को 168 बूथों पर मतदान को निरस्त घोषित किया है और दोबारा चुनाव कराने के लिए 12 मई की तिथि निश्चित की है।

अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने त्रिपुरा पश्चिम में दोबारा चुनाव कराए जाने को लेकर उन स्थानों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बल (सीपीएमएफ) की 15 कंपनियां पहले ही तैनात कर दी हैं जहां पहले चरण के तहत 11 अप्रैल को चुनाव हुए थे।

विपक्षी दल - मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बड़े पैमाने पर धांधली करने, बूथ कैप्चरिंग, धमकी देने और हमला करने का आरोप लगाकर पूरे त्रिपुरा पश्चिम संसदीय क्षेत्र में दोबारा मतदान कराने की मांग कर रहे हैं।

इसे भी पढ़े :- त्रिपुरा में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव की मांग को लेकर सीपीएम का दिल्ली में धरना

सत्तारूढ़ भाजपा ने हालांकि आरोपों को खारिज कर सीईओ तरनिकांति पर साजिश करने का आरोप लगाकर उन्हें हटाने की मांग की।

पहले चरण के तहत 11 अप्रैल को हुए मतदान में गड़बड़ियों, धमकाने और हिंसा के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने निर्वाचन अधिकारी संदीप महात्मे तथा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) राजीव सिंह को बर्खास्त कर दिया था और साथ ही चुनाव प्रक्रिया की जांच करने के लिए पूर्व निर्वाचन उपायुक्त विनोद जुत्शी को त्रिपुरा में विशेष पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया था।

सीईओ ने इससे पहले कहा था कि कई चुनाव अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है और सहायक निर्वाचन अधिकारियों द्वारा ऐसे सूक्ष्म पर्यवेक्षकों, पीठासीन अधिकारियों, चुनाव अधिकारियों राजनीतिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं जो गड़बड़ियों में शामिल रहे थे।

सीपीएम ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। और 16 अप्रैल को दिल्ली में धरना भी दिया था। पार्टी का आरोप था कि मतदान में भाजपा ने बड़े पैमाने पर हिंसा तथा धांधली की। जिन बूथों पर भाजपा ने कब्जा किया वहां न तो चुनाव अधिकारी मौजूद थे और न ही केन्द्रीय सुरक्षा बल। इसके साथ ही अधिकतर मतदान केंद्रों से विपक्षी दलों के पोलिंग एजेन्टों को बलपूर्वक बाहर निकाल दिया गया और अपनी कारगुजारियों पर पर्दा डालने के लिए सीसीटीवी कैमरों के साथ भी छेड़छाड़ की गई। सीपीएम ने त्रिपुरा पश्चिम के 1679 पोलिंग बूथ में से 460 पर पुनः मतदान की मांग की थी। साथ ही निर्वाचन आयोग से यह भी मांग की गई कि वह त्रिपुरा पूर्व लोकसभा सीट के चुनाव को स्वतंत्र तथा निष्पक्ष बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए। इसके बाद चुनाव आयोग ने भी माना कि वाकई स्थितियां निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अनुकूल नहीं हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और विशेष पुलिस पर्यवेक्षक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, पोल पैनल ने कहा, "कानून और व्यवस्था की मौजूदा स्थिति स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए अनुकूल नहीं है।" इस रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने दूसरे चरण में त्रिपुरा पूर्व सीट पर 18 अप्रैल को होने वाले चुनाव को स्थगित कर 23 अप्रैल को कराया। 

सीपीएम नाख़ुश 

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने सिर्फ 168 मतदान केन्द्रों पर पुनर्मतदान कराये जाने के चुनाव आयोग के फैसले पर नाखुशी जतायी है। 
सीपीएम पोलित ब्यूरो के बुधवार को जारी बयान में आयोग के फैसले पर असंतोष जाहिर करते हुये कहा कि पश्चिमी त्रिपुरा सीट पर 11 अप्रैल को हुये मतदान के दौरान व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी हुयी और मतदाताओं को मताधिकार का इस्तेमाल नहीं करने दिया गया। माकपा ने आयोग के समक्ष इसकी शिकायत भी की थी। लेकिन आयोग ने सिर्फ 168 मतदान केन्द्रों पर पुनर्मतदान के आदेश दिये हैं। 
पोलित ब्यूरो ने कहा कि आयोग का यह फैसला जमीनी हकीकत के मुताबिक नहीं है। साथ ही स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिहाज से यह देर से किया गया नाकाफी फैसला है। पार्टी ने कहा कि उक्त संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं के मताधिकार के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिये पूरे लोकसभा क्षेत्र में पुनर्मतदान कराया जाना ही एकमात्र उपाय है। 

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

 

 

Tripura
General elections2019
TRIPURA WEST
CPM
BJP
RSS
ECI

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • एजाज़ अशरफ़
    दलितों में वे भी शामिल हैं जो जाति के बावजूद असमानता का विरोध करते हैं : मार्टिन मैकवान
    12 May 2022
    जाने-माने एक्टिविस्ट बताते हैं कि कैसे वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि किसी दलित को जाति से नहीं बल्कि उसके कर्म और आस्था से परिभाषित किया जाना चाहिए।
  • न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,827 नए मामले, 24 मरीज़ों की मौत
    12 May 2022
    देश की राजधानी दिल्ली में आज कोरोना के एक हज़ार से कम यानी 970 नए मामले दर्ज किए गए है, जबकि इस दौरान 1,230 लोगों की ठीक किया जा चूका है |
  • सबरंग इंडिया
    सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल
    12 May 2022
    सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ एमपी के आदिवासी सड़कों पर उतर आए और कलेक्टर कार्यालय के घेराव के साथ निर्णायक आंदोलन का आगाज करते हुए, आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाए जाने की मांग की।
  • Buldozer
    महेश कुमार
    बागपत: भड़ल गांव में दलितों की चमड़ा इकाइयों पर चला बुलडोज़र, मुआवज़ा और कार्रवाई की मांग
    11 May 2022
    जब दलित समुदाय के लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई से इलाके के दलित समुदाय में गुस्सा है।
  • Professor Ravikant
    न्यूज़क्लिक टीम
    संघियों के निशाने पर प्रोफेसर: वजह बता रहे हैं स्वयं डा. रविकांत
    11 May 2022
    लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ आरएसएस से सम्बद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता हाथ धोकर क्यों पड़े हैं? विश्वविद्यालय परिसरों, मीडिया और समाज में लोगों की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License