NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
UP चुनाव: ...तो ब्राह्मण वोट के लिए अभियान में टेनी महाराज को आगे नहीं करेगी भाजपा
यूपी विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण वोट पाने के लिए बीजेपी अभियान चलाएगी। लेकिन राज्य के इकलौते ब्राह्मण मंत्री (केंद्रीय राज्यमंत्री) टेनी महाराज उर्फ अजय मिश्रा को अभियान में आगे नहीं करेगी। दरअसल चर्चाएं थीं कि टेनी महाराज को लखीमपुर मामले में इसलिए नहीं हटाया जा रहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा को वह ब्राह्मण वोट दिलाएंगे।
सबरंग इंडिया
30 Dec 2021
 UP Elections

भाजपा की ब्राह्मण वोट की चिंता स्वाभाविक है। पूर्वांचल और बुंदेलखंड के इलाके में ब्राह्मणों की भाजपा से नाराजगी की खबर है। तभी प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के बहाने भाजपा ने ब्राह्मण सम्मेलन कराए और अब ब्राह्मण नेताओं की एक कमेटी बनाई है, जो क्षेत्र में जाकर नाराज ब्राह्मणों को मनाएगी। इस कमेटी में अजय मिश्र उर्फ टेनी महाराज को भी रखे जाने की खबर आई थी। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के दिल्ली स्थित आवास पर ब्राह्मण नेताओं की जो बैठक हुई थी, जिसमें यह कमेटी बनी। उसमें उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, राज्य सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा व कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद के साथ टेनी महाराज भी शामिल हुए थे।

अब कोई कुछ कहे लेकिन भारत के हिंदी क्षेत्रों बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में जाति चुनावी लोकतंत्र की एक वास्तविकता है। ऐसी वास्तविकता जिसे स्वीकार करने से तो सारे दल कतराते हैं पर जोड़-तोड़ और ताना-बाना उसी के इर्द-गिर्द बुनते हैं। पहले जनसंघ और फिर भाजपा भी लंबे समय तक अगड़ी जातियों की पार्टी मानी जाती थी। बाद में कुछ पिछड़ी जातियां लोध, सैनी, कुर्मी आदि इससे जुड़ीं। नरेंद्र मोदी के उभार के बाद बेशक भाजपा ने पिछड़ी जातियों और अति पिछड़ी जातियों में तो विस्तार किया, राजपूत और ब्राह्मण जैसी जो अगड़ी जातियां कांग्रेस का परंपरागत आधार थीं, उन्हें भी मंदिर की राजनीति के सहारे अपना वोट बैंक बनाया। पिछले रविवार दिल्ली में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के घर पर जब भाजपा के उत्तर प्रदेश के प्रमुख ब्राह्मण चेहरे जमा हुए तो सियासी हलकों में खुसर-पुसर होना स्वाभाविक था। प्रधान को पार्टी ने उत्तर प्रदेश चुनाव का प्रभारी बना रखा है। उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, मंत्री बृजेश पाठक, श्रीकांत शर्मा और जितिन प्रसाद, सांसद महेश शर्मा, हरीश द्विवेदी और शिव प्रताप शुक्ला आदि की मौजूदगी में सूबे के ब्राह्मण मतदाताओं के रुख, मुद्दों और नाराजगी दूर करने उपायों पर तीन घंटे तक मंथन हुआ। उसके बाद शिव प्रताप शुक्ला की अगुआई में एक समिति बनाने का फैसला हुआ। जिस पर अगले दिन पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी सहमति की मुहर लगाई।

खास है कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण एक मुश्त बड़ा वोट बैंक है। इसलिए बीजेपी भी इन्हें अपने पाले में करने में कोशिश में है। यही वजह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाकर तीनों कृषि कानून तो वापस ले लिए, किसानों की सारी बातें भी मानने को राजी हो गए लेकिन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी महाराज को सरकार से हटाने या उनका इस्तीफा लेने की मांग नहीं मानी। आंदोलनकारी किसान जोर लगाते रहे और समूचा विपक्ष संसद में इसके लिए अड़ा रहा लेकिन सरकार टस से मस नहीं हुई। कुछ कार्यक्रमों और कुछ दिन संसद से जरूर टेनी महाराज को बाहर रखा गया लेकिन उनको हटाया नहीं गया। 

तब भी चर्चाएं हुई थी कि ब्राह्मण वोट बैंक को साधने के चलते ही टेनी महाराज को नहीं हटाया गया। इसके बाद खबर आई कि यूपी विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों का वोट पाने को भाजपा अभियान चलाएगी। इसके लिए गठित कमेटी में राज्य के ब्राह्मण समाज के इकलौते केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को भी शामिल किया गया है। लेकिन जैसे ही ये खबर वायरल हुई तो भाजपा पलट गई और टेनी महाराज को अभियान में आगे नहीं रखने का निर्णय लिया गया।

बताया जा रहा है कि यूपी में अपने कैडर से फीडबैक के बाद, भाजपा ने ब्राह्मणों को लुभाने के उद्देश्य से कार्यक्रम तैयार करने को 4 सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस कमेटी में राज्यसभा सदस्य शिव प्रताप शुक्ला, पूर्व केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, भाजपा युवा विंग के नेता अभिजीत मिश्रा और गुजरात के लोकसभा सांसद राम भाई मोकारिया शामिल है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जमीनी कैडर ने अपने फीडबैक में कहा है कि विपक्षी दल यह संदेश देने में एक हद तक सफल रहे हैं कि यूपी में ब्राह्मणों को योगी सरकार में उचित सम्मान और प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। यही नहीं, विपक्ष भी सीएम योगी पर ठाकुरवाद का आरोप लगाता रहा है। सपा, बसपा, कांग्रेस तीनों का कहना है कि प्रदेश में ब्राह्मण समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। योगी सरकार के खिलाफ ब्राह्मण समुदाय की उपेक्षा करने का विपक्ष का आरोप उस समय तेज हो गया, जब बसपा प्रमुख मायावती ने घोषणा की थी, कि अगर 2022 में वो सत्ता में आती है, तो उनकी सरकार परशुराम की एक भव्य प्रतिमा स्थापित करेगी। इसके तुरंत बाद सपा ने भी इसी तरह की घोषणा की थी। कई आपराधिक घटनाओं को लेकर भी विपक्ष ने योगी सरकार पर ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ काम करने के आरोप लगाएं।

जहां तक ब्राह्मणों की भाजपा से नाराजगी की आशंका का सवाल है, इसमें अतिरेक नहीं है। इसकी वजहें कई हैं। कांग्रेस राज में उत्तर प्रदेश में कई ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने पर अब वैसी स्थिति नहीं है। भाजपा के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल के मुख्यमंत्री राजपूत हैं तो मध्य प्रदेश, कर्नाटक व गुजरात के पिछड़े। केवल गोवा और असम के मुख्यमंत्री ही ब्राह्मण हैं। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के शासन में नौकरशाही को अहम पद देने के मामले में भी राजपूत ब्राह्मणों पर भारी साबित हुए हैं। बसपा के सतीश मिश्र ने पिछले दिनों जगह-जगह ब्राह्मण सम्मेलन कर भाजपा पर ब्राह्मणों की उपेक्षा का आरोप लगाया था।

यही स्थिति वैश्य मतदाताओं की है। वे मोटे तौर पर हैं तो भाजपा के साथ पर सियासी उपेक्षा से बेचैनी उनमें भी कम नहीं है। उन्हें पटाने का बीड़ा भाजपा में सूबे के मंत्री नंदगोपाल गुप्ता उर्फ नंदी ने उठाया है। वैश्यों की तादाद भी उतनी नहीं है जितनी इनके नेता बताते हैं। ये मतदाता 4 फीसद के आसपास हैं। पर भाजपा की दुविधा यह है कि अगर कोर वोट ही छिटक गया तो सत्ता में वापसी मुश्किल हो सकती है। इसी से नाराज चल रहे ब्राह्मण मतदाता विरोध में न चले जाएं इसी जोखिम को देखते हुए तो भाजपा आलाकमान ने अजय मिश्र टेनी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से नहीं हटाया। इसके साथ ही ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें चुनाव में पर्याप्त टिकट देने, अगड़ों को पहली बार 10 फीसद आरक्षण देने और मंदिर निर्माण जैसे मुद्दों के साथ परशुराम जयंती के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित कराने, शाहजहांपुर का नाम परशुरामपुर करने, परशुराम की मूर्ति स्थापित कराने और समाज से जुड़े अन्य मामलों पर फोकस करने की रणनीति बनाई गई है। ब्राह्मणों को साधने के लिए बनाई इस कमेटी की कमान राज्यसभा सदस्य शिवप्रताप शुक्ला को सौंपी गई है।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए शिवप्रताप शुक्ला ने कहा “हम विपक्षी दलों द्वारा फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करेंगे। भाजपा और यूपी सरकार ने ब्राह्मणों के लिए जो काम किया है, उसे बताने के लिए आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।” सोमवार को समिति के सदस्यों और यूपी सरकार के मंत्रियों सहित अन्य ब्राह्मण नेताओं श्रीकांत शर्मा, ब्रजेश पाठक, सतीश चंद्र द्विवेदी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। बैठक में मौजूद एक भाजपा नेता के मुताबिक, पार्टी राज्यभर में 100 से 150 ब्राह्मणों की छोटी-छोटी बैठकें करेगी। 

साफ है कि भावनात्मक मुद्दों और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के तय मंत्र के साथ भाजपा जातियों की गोलबंदी को लेकर भी चौकस है। लेकिन यहां गौर करने वाली बात ये है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और यूपी में पार्टी के ब्राह्मण चेहरा अजय मिश्रा टेनी, धर्मेंद्र प्रधान के साथ मीटिंग में थे, लेकिन नड्डा वाली मीटिंग में वो मौजूद नहीं थे। सूत्रों के अनुसार अब बीजेपी ने अजय मिश्रा टेनी को इस आउटरीच वाले कार्यक्रम से दूर रखा है। उन्हें इस कार्यक्रम के तहत कोई काम नहीं सौंपा गया है।

साभार : सबरंग 

UP elections
UP Assembly Elections 2022
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License